भारत की आजादी की लड़ाई के कई प्रसंग बेहद कम चर्चित हैं. 1946 का नेवी विद्रोह भी हमारे स्वाधीनता संग्राम का एक कम चर्चित लेकिन गौरवशाली अध्याय है. यह देश की अवाम यहां तक कि अंग्रेजों की रक्षा के लिए बनी सेनाओं के भीतर मुक्ति का विस्फोटक प्रकटीकरण था. यह तो सभी जानते हैं कि अंग्रेजी राज में सेनाओं में हिन्दुस्तानियों के साथ जबरदस्त भेदभाव होता था. लेकिन वह 1857 रहा हो या 1946 जब भी सेनाओं के अन्दर से विद्रोह की चिंगारी फूटी, वह सिर्फ सिपाहियों या नाविकों के साथ भेदभाव पर ही सीमित नहीं रही, बल्कि जनता की मुक्ति का व्यापक सवाल भी इन विद्रोहों ने सामने रखा.