14 फरवरी को पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, और भारतीय वायुसेना द्वारा कल ( 26 फरवरी) पाकिस्तान के भीतर किये गये जवाबी हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंध लगभग युद्ध के कगार पर पहुंच गए हैं। भारत सरकार के विदेश सचिव ने भारतीय प्रतिक्रिया को आतंकवादी हमले के जवाब में की गई 'प्रि-एम्प्टिव' (बचाव के लिए) कार्यवाही बताया है । दूसरी तरफ पाकिस्तान ने आकस्मिक हमला कर बदले की कार्यवाही करने की घोषणा की है। तमाम संकेतों से जाहिर होता है कि भारत और पाकिस्तान एक बार फिर एक और युद्ध के कगार पर खड़े हो गए हैं।
परमाणु अस्त्रों से लैस भारत और पाकिस्तान जैसे दो देशों के बीच युद्ध, भले ही वह सीमित या थोड़े समय के लिए हो, भारत, पाकिस्तान और समूचे दक्षिण एशिया की जनता के लिए गंभीर खतरे का पूर्वाभास है। हम भारत के लोग एक और पुलवामा नहीं चाहते। और न ही भारत और पाकिस्तान के बीच एक और युद्ध चाहते हैं। हम भारत-पाकिस्तान की सरकारों से अपील करते हैं कि वे संयम बरतें, परिस्थितियों को और बिगड़ने से रोकें और आतंकवाद व युद्ध को रोकने के लिए तथा भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थायी शान्ति सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करें । हम दोनों देशों की शांतिप्रिय जनता से अपील करते हैं कि वे अपने-अपने मीडिया में हो रहे प्रतिस्पर्धात्मक युद्धोन्मादी शोर को खारिज करें और शांति की संभावनाओं को मजबूत करें।
- केंद्रीय कमेटी
भाकपा-माले ( लिबरेशन),
नई दिल्ली,
27 फरवरी 2019