समान नागरिक संहिता पर भाकपा(माले) का विधि आयोग को पत्र

[ भाकपा(माले) महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य की ओर  से विगत 11 जुलाई  2023 को समान नागरिक संहिता के संदर्भ में 22वें विधि आयोग के सदस्य सचिव को सौंपा गया प्रत्यावेदन ]

बाढ़, भू-धवास से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केंद्र सरकार

11 जुलाई 2023, नई दिल्ली: पिछले चार दिनों से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा में अतिबृष्टि, भू-धसाव और बाढ़ से तबाही व जानमाल का भारी नुकसान हुआ है. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने केंद्र सरकार से इन चार राज्यों में आई विपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. पार्टी ने इस तबाही व नुकसान से उबरने के लिए सम्बंधित राज्यों को तत्काल राहत पैकेज जारी करने की मांग की है.

जीरो टाॅलरेंस का नारा झांसा है छात्रा आत्महत्या की निष्पक्ष जांच हो

भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने कहा है कि योगी सरकार का भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टाॅलरेंस का नारा झांसा है. पार्टी ने दो ताजा घटनाओं का उल्लेख कर कहा कि यह तो महज बानगी है, हकीकत में पूरी सरकार ही गले तक भ्रष्टाचार में डूबी है.

आंदोलित शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश निंदनीय

नई शिक्षक नियमावली 2023 का विरोध कर रहे आंदोलित शिक्षकों के साथ वार्ता करने के बजाय बिहार सरकार आंदोलन करने पर कार्रवाई की धमकी दे रही है. यह बेहद निंदनीय व अलोकतांत्रिक कदम है. भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के उक्त आदेश को तत्काल वापस लेने मांग की है जिसमें शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई है. उन्होंने विगत 17 मई को एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार को शिक्षकों की बातें सहानुभूतिपूर्वक सुननी चाहिए और उसका समुचित हल भी निकालना चाहिए.

ऐतिहासिक पटना संग्रहालय के साथ छेड़छाड़ न किया जाए

भाकपा(माले) के बिहार राज्य सचिव का. कुणाल ने विगत 8 मई 2023 को एक प्रेस बयान जारी कर राज्य सरकार ऐतिहासिक धरोहर पटना संग्रहालय के साथ छेछ़छाड़ न करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अखबारों व अन्य कुछ स्रोतों से पता चला है कि इस ऐतिहासिक बिल्डिंग के रिनोवेशन का कार्यक्रम बनाया गया है. साथ ही निवनिर्मित बिहार संग्रहालय से उसे जोड़ने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. सुरंग के निर्माण हेतु पटना संग्रहालय का पिछला हिस्सा तोड़ा भी जा रहा है.

जाति गणना पर हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक दुःखद

पटना 4 मई 2023, भाकपा(माले) राज्य सचिव का. कुणाल ने बिहार में जारी जाति गणना पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए अंतरिम रोक को दुःखद बताया है.

उन्होंने कहा कि जाति गणना की मांग हम सबने देश के प्रधानमंत्री से मिलकर की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे ठुकरा दिया था. तब जाकर बिहार की सरकार ने अपनी पहलकदमी पर जाति गणना की शुरुआत की थी. 1931 के बाद से देश मे कोई जाति गणना हुई ही नहीं है, जबकि दलित-पिछड़ी जातियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं, आरक्षण को तर्कसंगत बनाने तथा सामाजिक स्तर में सुधार के लिए जाति गणना बेहद जरूरी था.

राहुल गांधी को संसद के अयोग्य ठहराना राजनीतिक प्रतिशोध और लोकतंत्र पर सीधा हमला

ऑल इंडिया लायर्स एसोसिएशन फाॅर जस्टिस (आइलाज)

राजनीति का अपराधीकरण भारत में गंभीर चिंता का विषय रहा है क्योंकि यह संस्थानों की विश्वसनीयता को कम करता है. इसीलिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 को पारित किया गया था जो निर्वाचित प्रतिनिधियों को आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने पर सजा के साथ-साथ चुनावी राजनीति में उसके बाद शरीक होने पर भी रोक लगाता है.

एनएसए के उपयोग की कड़ी निंदा

मानसा (पंजाब), 26 मार्च 2023. भाकपा(माले) (लिबरेशन) ने वारस पंजाब के संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए बड़े पुलिस ऑपरेशन, अनेक गिरफ्तारियों और कुछ लोगों के खिलाफ रासुका के इस्तेमाल पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस मामले से निपटने में ‘आप’ सरकार की राजनीतिक गैर जिम्मेदारी और दिशाहीनता ने पंजाब को मोदी सरकार की मनमानी साजिशों का अखाड़ा बना दिया है जो निकट भविष्य में पंजाब और पंजाबियों के लिए बहुत घातक साबित होगा.

एससी/एसटी भूमि खरीद नियमों में संशोधन वापस हो

लखनऊ, 20 मार्च. भाकपा(माले) ने एससी/एसटी भूमि खरीद के नियमों में योगी सरकार के संशोधन का विरोध किया है. पार्टी ने दलित की जमीन को गैर-दलित द्वारा खरीदे जाने पर जिलाधिकारी की अनुमति की पूर्व शर्त को हटा देने को कारपोरेट हितैषी बताते हुए संशोधन को रद्द करने की मांग की है.

गरीबी के दुष्चक्र से निकालने का संकल्प ले सरकार

22 मार्च 2023 को, बिहार दिवस के अवसर पर, भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि राज्य को गरीबी व पिछड़ापन के दुष्चक्र से निकालने का संकल्प महागठबंधन सरकार को लेना चाहिए. अपने गठन के सौ से अधिक सालों के बाद भी हमारा राज्य देश में पिछड़ेपन के अंतिम पायदान पर खड़ा है. हमारी अर्थव्यवस्था बुनियादी रूप से प्रवासी मजदूरों की भेजी कमाई से चल रही है और राज्य के अपने स्रोतों को विकसित करने के प्रति कोई गंभीर कोशिश नहीं दिख रही है.