बिजली दर में भारी बढ़ोतरी जनविरोधी : 28 मार्च को राज्यव्यापी विरोध दिवस

भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने राज्य में बिजली दरों में 24.01 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी को घोर जनविरोधी कदम बताते हुए आगामी 28 मार्च को राज्यव्यापी विरोध दिवस की घोषणा की है.

कहा कि महागठबंधन सरकार को इस प्रकार के जनविरोधी कदम उठाने से बाज आना चाहिए. प्रीपेड बिजली मीटर से पहले ही नागरिक परेशान हैं. गांव के गांव बिजली काट दिए जा रहे हैं. फर्जी बिजली बिल का हमला अलग है. ऐसी स्थिति में बिजली की दर को और बढ़ाना जनता पर और ज्यादा बोझ को लादना है, जो हर लिहाज से अनुचित है.

समलैंगिक विवाह का समर्थन करें और एलजीबीटी समुदायों की लैंगिक पहचान के अधिकारों की रक्षा करें!

एलजीबीटीक्यूआइ समुदाय के पंद्रह से अधिक जोड़ों ने याचिका दायर कर यह मांग की है कि उनके रिश्तों को कानून द्वारा विवाह की वैधता प्रदान की जाए. चूंकि यह मौलिक संवैधानिक मुद्दों से जुड़ा मामला है, इसलिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने अनुच्छेद 145(3) का हवाला देते हुए विवाह के अधिकार की दलील देने वाली इन याचिकाओं को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है.

उत्तर पूर्व के विधानसभा चुनाव और उपचुनाव परिणामों के संकेत

वोटों और सीटों में गिरावट के बावजूद भाजपा त्रिपुरा में सत्ता बचाने में कामयाब रही है. गुजरात और उत्तराखंड की तरह ही चुनाव से साल भर पहले मुख्यमंत्री बदल कर भाजपा, सरकार विरोधी लहर को कमजोर करने में कामयाब रही.  त्रिपुरा के आदिवासियों के बीच लोकप्रिय समर्थन के साथ टिपरा मोथा का एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में उभार त्रिपुरा के चुनावों की उल्लेखनीय विशेषता सिद्ध हुई. हालांकि त्रिकोणीय मुकाबले में टिपरा मोथा का उभार भाजपा के लिए सरकार बचाने का सबसे बड़ा संबल बना. मोथा की अपनी जीत की तालिका हालांकि काफी उल्लेखनीय है पर चुनाव पूर्व अपेक्षाओं और आकलनों से कम है.

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति और अडानी घोटाले की जांच के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर बयान

उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में दिए गये फैसले का भाकपा(माले) स्वागत करती है. मोदी सरकार, निर्लज्जता के साथ अपने चहेते नौकरशाहों से चुनाव आयोग को भर कर निरंतर ही उसकी स्वायत्तता का क्षरण करने पर तुली हुई है. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से भविष्य में कार्यपालिका पर कुछ अंकुश लगने की उम्मीद है, परंतु निश्चित ही यह गंभीर चिंता का विषय है कि सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिकूल टिप्पणियों के बावजूद पहले हो चुकी नियुक्तियां लागू रहेंगी.

बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज की निंदा

तीनों पालियों की परीक्षा रद्द करने की मांग

भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने विगत 4 जनवरी 2023 को पटना में बीएसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार को अभ्यर्थियों की बात सहानुभूतिपूर्वक सुननी चाहिए, लेकिन वह दमन का रास्ता अपना रही है. यह कहीं से जायज नहीं है.

मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की घोषणा ईरानी महिलाओं की जीत है

ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव और महासचिव मीना तिवारी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ठीक से हिजाब न पहनने के कारण महसा अमीनी की मोरैलिटी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत में उसकी मौत के बाद ईरान में पिछले तीन महीने से अधिक समय से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं. इन प्रदर्शनों के दमन में हजारों लोगों के घायल होने और 300 से अधिक लोगों की मौत के बाद अब ईरान के प्राॅसिक्यूटर जनरल ने मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की घोषणा की है. यह ईरानी महिलाओं की जीत है. हालांकि, सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है.

लड़ने वाली ताकतों की एकता लंबे समय तक जीवित रहे!

भाकपा की 24वीं कांग्रेस में कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य का वक्तव्य

कामरेड प्रेसिडियम, सम्मानित अतिथि, प्रतिनिधि और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 24वीं कांग्रेस में एकत्रित हुए पर्यवेक्षकगण, आप सभी को क्रांतिकारी बधाई.

लोकतंत्र को कुचलने की भाजपाई साजिश को नाकाम करें!

झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों की गाड़ी से बड़ी राशि बरामदगी गहरी राजनीतिक साजिश की ओर इशारा करती है. राज्य में विधायकों की खरीद-बिक्री की घटनाएं पहले भी हुई हैं. हॉर्स ट्रेडिंग के पीछे संलिप्त लोगों को राज्य सरकार बेनकाब करे और संलिप्त विधायकों पर कड़ी कार्रवाई करे. राज्य की जनता इस खेल के पीछे छिपे असली लोगों के बारे में जानना चाहती है. विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में त्वरित एवं विधिसम्मत कदम उठाएं.

युक्रेन संकट: भाकपा(माले) का बयान

हम युक्रेन की सीमाओं पर सैन्य हमले के रूसी प्रदर्शन से काफी चिंतित हैं. युक्रेनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देने की बुनियाद पर वार्ताओं के जरिये शांतिपूर्ण ढंग से मौजूदा संकट का समाधान किया जाना चाहिए.

इस टकराव को फौरन रोकने के लिए रूस को युक्रनी सीमाओं पर से अपने सैनिकों को अवश्य हटा लेना चाहिए. रूस के साथ-साथ अमेरिका और ‘नैटो’ को भी युक्रेन में अपनी दखलंदाजी बंद करनी होगी. रूस और युक्रेन को इन दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित ‘मिंस्क-2 समझौते’ के आधार पर आपसी सीमा तनाव के कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए.