राजस्थान के उदयपुर जिले की सलूंबर तहसील में 9 अगस्त 2018 को भाकपा(माले) की जन अधिकार रैली आयोजित की गई. इसमें क्षेत्र की आम जनता ने बढ़चढ़कर भाग लिया. रैली सेलिंग तालाब से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य बाजार से होते हुए बस स्टेशन पर पहुंची, जहां हुए प्रदर्शन को पार्टी नेताओं ने संबोधित किया. रैली में शामिल लोग भाजपा सरकार के कुशासन एवं जनविरोधी चेहरे के खिलाफ हाथों में तख्तियां लिए हुए, लाल झंडे लिए हुए, जनता के अधिकारों की मांग पर नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. लोग राशन किरासन में लूट, जन योजनाओं में दलाली, प्राकृतिक संसाधनों की लूट, महिलाओं एवं दलित-आदिवासियों-अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों के तमाम कर्जे माफ करने, काबिज भूमि के पट्टे देने की मांगें उठाई जा रही थीं. अंत में एसडीएम कार्यालय के सामने पहुंचकर एक सभा का आयोजन किया गया.

सभा को संबोधित करते हुए पार्टी राज्य समिति सदस्य का. सौरभ ने कहा कि यह सरकार घोटालेबाजों की निकम्मी सरकार है जो आमजन को जुमलेबाजी में उलझाए रखना चाहती है. कर्ज में पफंसे होने की वजह से हजारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं. साहूकारी शोषण नए रुप में सामने खड़ी है. जनता की योजनाओं में लगातार लूट की जा रही है. यह सरकार आज तक की सबसे भ्रष्ट एवं लुटेरी सरकार है. जिनको आने वाले चुनाव में मुंह तोड़ जवाब देना होगा.
पार्टी की केंद्रीय कमेटी सदस्य का. सुधा चौधरी ने कहा कि इस सरकार में महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों पर जाति और धर्म के नाम पर हमले बढ़े हैं. पशुपालकों, दलितों व पशु व्यापारियों पर गौरक्षा के नाम पर बने गुंडा गिरोहों के द्वारा मॉब लिंचिंग लगातार बढ़ रही है. पिछले 4 साल में महिला अत्याचार व महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार संत ढोंगियों के आश्रमों में हो रही है, जिनको केंद्र व प्रदेश की सरकारों का पूरी तरह से राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है.

पार्टी जिला सचिव का. चंद्रदेव ओला ने कहा कि क्षेत्र में जिस प्रकार से सरकारी तंत्र के द्वारा भाजपा के गुंडा गिरोहों की मदद की जा रही है इसको जनता सहन नहीं करेगी और ग्रामीण स्तर पर इसका जवाब देगी. गांव में आमजन दलित-आदिवासी अल्पसंख्यकों को जाति एवं धर्म के नाम पर लड़ाने की जो लगातार साजिश रची रही है, उसे जनता कामयाब नहीं होने देंगी. सभा को का. तेजकी बाई, का. शंकर मीणा, गौतम लाल धावड़ा, पांचूराम, अनिल, शंकर मोरीला आदि ने भी संबोधित किया. सभा के पश्चात एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम उपखंड अधिकारी को अपना ज्ञापन सौंपा गया.