वर्ष - 28
अंक - 31
20-07-2019

जुलाई को उदयपुर जिले के सलूम्बर में मैमून वाटिका में सम्पन्न हुआ. कैडर कन्वेंशन में दक्षिण राजस्थान के उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौरगढ़ जिले से आए हुए 50 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की. इस मौके पर बोलते हुए राज्य सचिव का. महेंद्र चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार की लोकसभा चुनाव में जीत अप्रत्याशित है और देश की जनता अभी तक इसपर विश्वास नहीं कर पा रही है. साफ तौर पर यह जीत कारपोरेट धन, गोदी मीडिया का व्यापक प्रचार, साम्प्रदायिक जहर फैलाने और पुलवामा-बालाकोट की घटना का राजनीतिक इस्तेमाल कर के पाई गई है. इस मौकापरस्त राजनीति से संघ-भाजपा जनता के मूल सवालों – रोजगार, किसानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और नोटबन्दी-जीएसटी से अर्थव्यवस्था की चौपट स्थिति से ध्यान भटकाने में सफल रही.

केंद्रीय कमेटी सदस्य का. सुधा चौधरी ने कहा कि नफरत और उन्माद फैलाने की संघ-भाजपा की राजनीति के चलते देश में मुसलमानों, दलितों और आदिवासियों के साथ इंसानियत को झकजोर देने वाली लिंचिंग (भीड़ द्वारा हमला) की घटनाएं हुईं. उनके खिलाफ हमें संविधान की मूल भावना जो सबको समान अधिकार देती है और धर्मनिरपेक्षता की बात करती है, को जनता के बीच ले जाना होगा. जिला सचिव कामरेड चंद्रदेव ओला ने कहा कि वास्तव मे हिन्दू-मुस्लिम के बीच भारतीयों को बांटने की राजनीति से भाजपा कारपोरेट और पूंजीपतियों के हित साध रही है. ऐक्टू राज्य सचिव सौरभ नरुका ने कहा कि सत्ता में फिर आते ही श्रम कानूनों में मजदूर-विरोधी संशोधन करना और निजीकरण की नीतियों को तेजी से बढ़ाना मोदी सरकार के जनविरोधी अमीर परस्त चेहरे को साफ दिखाता है.

सम्मेलन ने प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार से वसुंधरा सरकार द्वारा राज्य स्तर पर श्रम कानूनों और जमीन अधिग्रहण कानूनों में जो मजदूर-किसान विरोधी बदलावों को तुरंत वापस लेने. माॅब-लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी और गुजरात के दलित युवा हरेश कुमार को न्याय दिलाने, छोटी सादड़ी की कालाकोट पंचायत और उदयपुर-प्रतापगढ़ जिले में लंबे समय से वन जमीन पर काबिज आदिवासियों को उजाड़ने पर रोक लगाने तथा सभी आदिवासियों को वन अधिकार कानून के तहत काबिज जमीन के बराबर जमीन के पट्टे जारी करने की मांग कीसम्मेलन ने व्याप्त बेरोजगारी को देखते हुए सभी पंचायतो मे मनरेगा लागू करने करने और सरकारी विभागों और योजनाओं में व्याप्त भ्रस्टाचार को रोकने तथा अपने वायदे के मुताबिक किसानों के बैंकों से लिये हुए दो लाख रु. तक के सभी तरह के कर्ज माफ करने की भी मांग की. सम्मेलन के पर्यवेक्षक व झुंझुनू से आये हुए वरिष्ठ पार्टी नेता का. रामचंद्र कुलहरि और राज्य कमेटी सदस्य का. गौतम ने भी अपने विचार रखे. इसकी अध्यक्षता का. सुधा चौधरी, का. शांतिलाल त्रिवेदी और का. तेजकी बाई ने की.