वर्ष - 28
अंक - 31
20-07-2019

पिछले दिनों हरियाणा में ईट भट्ठा मजदूरों की ‘लाल झंडा भट्ठा मजदूर यूनियन’(ऐक्टू से संबद्ध) ने भट्ठा मालिकों द्वारा मजदूरों के शोषण, उनके मजदूरी की लूट तथा दमन-प्रताड़ना के खिलाफ कई साहसिक पहलकदमियां ली हैं और मालिकों को पीछे हटने को मजबूर करते हुए ईंट भट्ठा मजदूरों को न्याय दिलाने में सफलता हासिल की है.

हरियाणा में ईट भट्ठा तेजी से फल-फूल रहा कारोबार है. एक ओर जहां राज्य और उसके बाहर से आये मजदूरों की भारी तादाद को इसमें रोजगार मिलता हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें बेहद असुरक्षित स्थितियों में काम करना पड़ता है और बेहद कम मजदूरी मिलती है, साथ ही उन्हें मजदूरी की लूट और भट्ठा मालिकों व उनके गुर्गों की प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है. आये दिन भट्ठा मालिकों द्वारा मजदूरों को डरा-धमका कर भगाने तथा काम का हिसाब व मजदूरी न देने के कई मामले सामने आए हैं. जनवरी में हांसी, मई में रोहतक और जून में कुरुक्षेत्र जिले के ईंट भट्ठों पर ऐसी ही घटनाएं सामने आई थीं.

कैथल जिले के किठाना गांव की सैंडिल रोड स्थित ओम शांति ईंट भट्ठा कम्पनी ने 10 दिनों से कई भट्ठा मजदूरों को बंधक बना रखा था. जींद जिले के छातर गांव के एक ईंट भठ्ठे पर भी मालिक मजदूरों को मजदूरी देने के बदले धमकियां दे रहा था. 27 जून 2019 को बंधक बनाये गए सभी मजदूरों को रिहा करवाया गया. साथ ही, दोनों ही गांवों के ईंट भट्ठों के मालिकों से 3 लाख 16 हजार की बकाया राशि दिलवा कर मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया. इस अवसर पर तहसीलदार सुभाष चंद्र, सहायक श्रमायुक्त विश्वप्रीत हुड्डा, और गांव के एसएफसी आदि प्रशासनिक अधिकारियों और भाकपा(माले) और भट्ठा मजदूर यूनियन के नेताओं का. विनोद धड़ौली, का. ओमप्रकाश आर्या और सुखविंदर सिंह भी मौजूद रहे. विगत 8 जुलाई को कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा प्रखंड के भट्ठा मजदूरों ने हरियाणा प्रदेश लाल झंडा मजदूर यूनियन के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर श्रम विभाग का जबरदस्त घेराव किया.

कैथल जिले के क्षेत्रा कैलरम के सालासर ईंट भट्ठा के दलित प्रवासी मजदूरों के साथ भी उनका भट्ठा मालिक यही व्यवहार कर रहा था. मजदूरों ने यूनियान और भाकपा(माले) नेताओं तक यह शिकायत पहुंचाई. उन्होंने बताया कि भट्ठा मालिक न सिर्फ मजदूरों के हिसाब में गड़बड़ी कर रहा है, उससे भी बढ़कर उसने मजदूरों के तीन ट्रैक्टर भी गायब कर दिए हैं. भट्ठा मजदूर यूनियन ने जब उनकी शिकायत पर जांच शुरू की तो इसे सही पाया. पता चला कि ट्रैक्टर गांव के ही सुरेश जाट के यहां छुपा कर रखे गये हैं. यूनियन नेताओं ने जोखिम उठाते हुए छुपाये गये ट्रैक्टरों की तस्वीरें खींचकर कैथल जिले के उपायुक्त के सामने पेश कीं और सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच दल की नियुक्ति करवाई. 13 जुलाई को इस जांच दल को वहां पहुंचना था, लेकिन वह नहीं पहुंचा. इस बीच ईंट भट्ठा मालिक ने अपने गुर्गों के सहयोग से तीनों ट्रैक्टरों को वहां से हटवाने का प्रयास किया. लेकिन यूनियन नेताओं की लगातार निगरानी से ऐसा संभव नहीं हो पाया. तीनों ट्रक्टरों को जब्त कर कलावत थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया. ईंट भट्ठा मालिक के खिलाफ ट्रैक्टर चोरी का मामला दर्ज हुआ. 15 जुलाई को उन दलित प्रवासी मजदूरों को तीनों ट्रैक्टरों के साथ उनके घर (पंजाब) रवाना किया गया.