वर्ष - 28
अंक - 32
27-07-2019

कामरेड एके राॅय को श्रद्धांजलि देते हुए भाकपा(माले) ने अपना झण्डा झुका दिया है. मार्क्सवादी कोऑर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) के इस संस्थापक नेता ने धनबाद में 21 जुलाई 2019 को अंतिम सांस ली. कामरेड एके राॅय का झारखंड और भारत के वाम और जनवादी आन्दोलन में अमूल्य योगदान रहा है. वे धनबाद से तीन बार सांसद चुने गये थे. झारखंड कोयला मजदूरों के संघर्षों के इस महान योद्धा को उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए भी याद किया जाता है. उन्होंने स्वेच्छा से अपने लिए अभावों वाला जीवन चुना और अंतिम समय तक धनबाद के मेहनतकश लोगों का असीम प्यार और देखभाल उन्हें मिलती रही. ए.के. राॅय झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से थे. उन्होंने बिनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन के साथ पृथक् झारखंड आपातकाल के समय उन्हें जेल भेज दिया गया था. वे जनवाद के एक दृढ़ एवं अनथक योद्धा थे – जिसका उनके लिए अर्थ था कि सर्वाधिक वंचित और दमित जनों को पूरी आजादी और सभी अधिकार हासिल हों. आज जब झारखंड और पूरे देश की जनता रघुबर दास एवं मोदी की भाजपा सरकारों की निजीकरण, बेदखली की नीतियों एवं धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र पर हमलों के खिलाफ लामबंद हो रही है, ऐसे में कामरेड ए.के. राॅय की कमी बेहद खलेगीवे एक ऐसी मशाल हैं जो भारत में क्रांतिकारियों की आगामी पीढ़ियों का मार्ग प्रशस्त कर सभी को प्रेरित करते रहेंगे. कामरेड ए.के. राॅय को लाल सलाम!

दीपंकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा(माले) लिबरेशन


भाकपा(माले) ने राजधानी रांची स्थित पार्टी कार्यालय, बोकारों व धनबाद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई. राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद, केन्द्रीय कमेटी सदस्य कासुवेन्दु सेन, का. विनोद सिंह तथा मजदूर नेता का. देवदीप सिंह दिवाकर आदि वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया. 22 जुलाई को दामोदर नही किनारे मोहलबनी घाट पर उनको अंतिम विदा देने के लिए काविनोद सिंह और का. कृष्णा सिंह की अगुआई में गिरीडीह व धनबाद जिले के सैकड़ों कार्यकर्ता वहां पहुंचे.