वर्ष - 28
अंक - 34
10-08-2019

भोजपुर जिले के गड़हनी प्रखंड (अगियांव विधानसभा क्षेत्र) की बराप पंचायत के मुखिया कामरेड अरुण सिंह की हत्या 5 अगस्त 19 की शाम 8 बजे अपने ही मुहल्ले के अनिल सिंह के दरवाजे पर कर दी गई. वे 60 वर्ष के थे. वे वहां रोज सुबह-शाम बैठा करते थे और ग्रामीणों से बातें करते थे. हत्या के समय मुहल्ले के लोग जा चुके थे और दरवाजे पर सिर्फ अरुण सिंह और अनिल सिंह बैठे थे. इसी बीच मुहल्ले का ही 22 वर्षीय नौजवान चुन्नू सिंह कोई दस्तावेज लेकर आया और अरुण सिंह से पूछा कि इससे राइफल का लाइसेंस मिल सकता है या नहीं? दस्तावेज देखने के बीच उसने अरुण सिंह की कनपटी में गोली मार दी. गांव से अस्पताल ले जाने के क्रम में बुरी तरह घायल का. अरुण सिंह की मौत हो गई.

का. अरुण सिंह बराप के वर्तमान मुखिया थे. इससे पहले उनकी पत्नी मुखिया थीं. एक बार अरुण सिंह बहुत थोड़े वोट से हार गए थे. इससे गांव के राजपूत जाति के सामंती मिजाज के लोग खार खाए रहते थे. का. अरुण सिंह भी राजपूत जाति से ही आते थे. विगत पंचायत चुनाव में उन्होंने गड़हनी पेट्रोल पंप के मालिक चंद्रशेखर सिंह को हराया था. हत्या में लोग उसी का हाथ बताते हैं. हत्या के विरोध में 6 अगस्त को गड़हनी में रोड जाम किया गया था और कल 7 अगस्त को जिला के तमाम प्रखंडों पर विरोध का कार्यक्रम किया गया.

जहानाबाद शहर के शहीद भगत सिंह नगर निवासी 62 वर्षीय कामरेड दीना जी (दीनानाथ दास) का बीमारी से निधन 3 अगस्त 2019 को रात में हो गया. वे जहानाबाद में शुरुआती दौर के नेताओं में से एक थे जो 1976 के आसपास पार्टी के संपर्क में आए थे जब पार्टी भूमिगत थी. उनका घर गुप्त पार्टी कार्यालय और नेताओं का ठिकाना हुआ करता था. कुछ वर्षों बाद वे भगतसिंह नगर में बस गए.

का. दीना जी मोची थे और हमेशा आर्थिक तंगी रहने के बावजूद पार्टी की जिम्मेवारी बढ़-चढ़कर निभाते थे. वे हमेशा ही आंदोलन में सक्रिय रहे. क्रांतिकारी-जनवादी गीत गाते थे और अच्छे प्रचारक थे. उन्होंने विभिन्न संगठनों में काम किया. प्रारंभिक दौर में किसान सभा के जिला संयोजन समिति के सदस्य रहे. उन्होंने शहर में ठेला-रिक्शा चालकों को संगठित किया. वे भक्ता मजदूर संघ (जूता सिलाई करने वालों का संगठन) के संयोजक थे. पार्टी की जहानाबाद नगर कमेटी के सदस्य और फुटपाथ दुकानदार संघ के अध्यक्ष भी थे. फुटपाथ दुकानदारों के हक में आंदोलन कर उन्होंने कई लड़ाइयां भी जीतीं. वे सहज-सरल स्वभाव के एवं हंसमुख इंसान थे. जब सभी लोग जन कन्वेंशन में भाग लेने कलकत्ता गये तो जिला कार्यालय संभालने की जिम्मेवारी उन्हें ही दी गई थी.

पटना के एआईसीसीटीयू नेता कामरेड देव ईश्वर प्रसाद का 40 वर्ष की उम्र में 26 जुलाई 2019 को निध्न हो गया. वे एआईआईएमएस (एम्स) पटना में सफाई मजदूर थे और एम्स व सुध डेयरी में कार्यरत तमाम ठेका मजदूरों के नेता थे. वर्ष 2011 के नगर निकाय चुनाव में फुलवारी नगर परिषद के वार्ड सदस्य का चुनाव भी लड़े थे. उन्हें एम्स के निदेशक ने मौखिक आदेश पर काम से निकाल दिया था और बातचीत से समस्या के सारे रास्ते बंद देखकर 25 जुलाई को सल्फास खाकर उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की. उनको बचाने की कोशिशों के बावजूद 26 जुलाई को उनका निधन हो गया. यह आत्महत्या दरअसल एक सांस्थानिक हत्या है.

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के वरिष्ठ पार्टी कामरेड और किसान नेता कामरेड अनिल सिंह का 6 अगस्त 2019 निधन हो गया. कामरेड अनिल सिंह ने पार्टी के पुनर्गठन के दौर में उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में पार्टी के नेता के रूप में काम किया. वे उत्तर बंगाल आंचलिक कमेटी के सदस्य थे. 1994 तक वहीं काम करने के बाद वे अपने घर उत्तर प्रदेश के बलिया में चले आये. वे लम्बे अरसे तक बलिया में भी जिला कमेटी के सदस्य रहे. वे 2005 में सेरेब्रल स्ट्रोक के बाद लकवा मारने के चलते शारीरिक रूप से कमजोर और अशक्त हो गए थे. कामरेड अनिल सिंह उत्तर प्रदेश ही नहीं देश भर के कामरेडों में प्रिय थे. कामरेड अनिल सिंह को लाल सलाम!

गिरिडीह जिले के बगोदर बस स्टैंड स्थित मोटर कामगार यूनियन के अध्यक्ष और भाकपा(माले) नेता कामरेड भुनेश्वर मिस्त्री का 1 अगस्त 2019 को रांची स्थित रिम्स में निधन हो गया. वे 66 वर्ष के थे. वे पेशे से ट्रेकर ड्राइवर थे और 80 के दशक के अंतिम वर्षाे में शहीद कामरेड महेंद्र सिंह के नेतृत्व में उन्होंने बगोदर बस स्टैंड में पुलिसिया जुल्म से त्रस्त छोटी-छोटी गाड़ियों के चालकों-उपचालकों को संगठित करके मोटर कामगार यूनियन बनाया. बेहद कठिन परिस्थितियों में भी वे हर संघर्ष में अगली कतार में डटे रहे. वे बेहद मिलनसार और मृदुभाषी स्वभाव के थे. कोलकाता में आयोजित भाकपा(माले) की कैडर वर्कशाॅप में उनके निधन की खबर मिलने पर कामनोज भक्त ने उनके बारे में बताया और पूरे सदन ने उनको श्रद्धांजलि दी. बगोदर में उनकी अंतिम यात्रा उनके मंझिलाडीह आवास से निकाली गई जिसमें भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव, माले नेता पूरन महतो, पवन महतो, जिप सदस्य गजेंद्र महतो और सरिता महतो, बगोदर प्रखण्ड प्रमुख मुस्ताक अंसारी, उप प्रमुख सरिता साव सहित अन्य नेता शामिल थे. उनका निधन समूची पार्टी के लिये बड़ी क्षति है.