वर्ष - 33
अंक - 5
05-02-2024

भाकपा-माले का ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ, भाजपा हटाओ-देश बचाओ’ जनअभियान कर्पूरी जी के गृह जिले समस्तीपुर से उनके जन्मदिन पर शुरू हुआ. इस अभियान के तहत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती (24 जनवरी) से लेकर महात्मा गांधी के शहादत दिवस (30 जनवरी) तक गांव-गांव सघन पदयात्राएं और सभाएं होनी हैं. 24 जनवरी को कड़ाके की ठंड के वाबजूद समस्तीपुर के बस स्टैंड परिसर में आयोजित जन संकल्प सभा में जिले के विभिन्न कोनों से हजारों की तादाद में महिलाओं और पुरुषों का जुटान हुआ. कर्पूरी जी के जमाने के पुराने सोशलिस्ट कार्यकर्ताओं के साथ-साथ नौजवानों की भी उल्लेखनीय भागीदारी संकल्प सभा में दिखी. सभा की समाप्ति के उपरांत समस्तीपुर से कर्पूरी जी के गांव तक मार्च का भी आयोजन किया गया. मार्च में चार चक्का वाहनों के साथ-साथ दुपहिया वाहनों का भी काफिला था.

कार्यक्रम में भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, बिहार राज्य सचिव का. कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, विधायक दल के नेता महबूब आलम, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, विधायक संदीप सौरभ व गोपाल रविदास, केंद्रीय कमेटी सदस्य मंजू प्रकाश, शशि यादव, वरिष्ठ नेता केडी यादव, लोकयुढा के सम्पादक संतोष सहर आदि नेताओं ने मुख्य भागीदारी निभाई. पटना से निकली नेताओं की टीम का सबसे पहले ताजपुर में स्वागत किया गया. सैकड़ो मोटरसाइकिल सवारों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने हाथ में लाल झंडा लेकर का. दीपंकर भट्टाचार्य और अन्य नेताओं की अगवानी की. उसके बाद काफिले की शक्ल में कारवां समस्तीपुर की ओर बढ़ चला. समस्तीपुर शहर में पदयात्रा करते हुए पार्टी नेताओं ने कर्पूरी जी और डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पर माल्यार्पण किया. उसके बाद बस स्टैंड में जन संकल्प सभा की शुरुआत हुई,

सरकारी बस स्टैंड में समस्तीपुर के विभिन्न इलाकों से हजारों की तादाद में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए माले महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में कर्पूरी जी को बहुत कम समय मिला, लेकिन उन्होंने उस कम समय में वंचितों के लिए आरक्षण व शिक्षा के पक्ष में जो काम किए, वह उल्लेखनीय है. उन्होंने अपने छोटे से मुख्यमंत्रित्व काल में सभी नक्सलपंथियों की जेल से रिहाई करवाई. सत्ता रहने की कभी चिंता नहीं की. विपक्ष के नेता के बतौर उन्होंने जन संघर्षों का नेतृत्व किया. जन संघर्षों के बल पर आगे बढ़ने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. समाजवादी आंदोलन सत्ता के बल पर आगे नहीं बढ़ता. यह संघर्ष के बल पर आगे बढ़ता है. कर्पूरी ठाकुर को दलित-गरीबों से हमदर्दी थी, इसलिए समांती ताकतों ने उन्हें सत्ता में बर्दाश्त नहीं किया. उनके जीते जी उन्हें गाली देते थे. कर्पूरी जी के लिए भारत रत्न की मांग लंबे समय से हो रही थी. उन्हें भारत रत्न का पुरस्कार मिला है. यह अच्छी बात है. लेकिन उनकी विरासत को हड़पने की भाजपा जो कोशिश कर रही है, भाकपा-माले उनके मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देगी. भारतीय जनता पार्टी का अपराध कहीं से कम नहीं होता है. यदि आज कर्पूरी जी जीवित होते तो समाजवादी-साम्यवादी एकता स्थापित करने, संविधान बचाने और भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर फासीवादी हमले को नाकाम करने की लड़ाई में हमारा नेतृत्व कर रहे होते. आज जब देश का धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का संवैधानिक ढांचा, समाजवाद और सामाजिक न्याय की भावना फासीवादी ताकतों के अभूतपूर्व हमले का सामना कर रही है; यह व्यापक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक खेमे, खासकर समाजवादियों और कम्युनिस्टों की जिम्मेदारी है कि वे जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रेरक विरासत को आगे बढ़ाएं. 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में दलित-गरीब-महिलाओं पर हमले बढ़े हैं. बनारस के आइआइटी में छात्रा के साथ बलात्कार होता है और बलात्कारी भाजपा के लोग होते हैं. आज गरीबों पर बुलडोजर चल रहे हैं. यदि कर्पूरी जी होते तो यह बुलडोजर नहीं चलता. किसान आंदोलन, मजदूर आंदोलन को आतंकवाद की श्रेणी में रखा जा रहा है. पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ढाहकर कर कानून की धज्जियां उड़ाई गईं और अब प्रधानमंत्री धार्मिक अनुष्ठान का सरकारीकरण कर रहे हैं. यदि हम कर्पूरी जी के सपनों को मंजिल तक पहुंचाना चाहते हैं तो 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने का संकल्प लेना होगा. 2024 का चुनाव आर-पार की लड़ाई है. मोदी सरकार से देश को छुटकारा दिलाना ही पड़ेगा. वरना देश नहीं बचेगा.

संदीप सौरभ ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की विचारधारा से संघ ब्रिगेड का कोई सरोकार नहीं. मंडल आयोग से भी पहले बिहार में पिछड़ों को आरक्षण देने के बाद कर्पूरी जी को संघ ब्रिगेड और सवर्ण मानसिकता के लोगों ने भद्दी-भद्दी गालियां दी. कर्पूरी जी वाकई जननायक हैं, जो उपाधि उनकी सबसे प्रिय जनता ने दी है. कर्पूरी जी का व्यक्तित्व किसी फासिस्ट सरकार द्वारा दिए जानेवाले ‘भारत रत्न’ पुरस्कार का मोहताज नहीं. कायदे से यह पुरस्कार तो उन्हें बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था. ऐन चुनाव के मौके पर भाजपा सरकार इस पुरस्कार की घोषणा कर जननायक कर्पूरी जी की जमीन और जमीर की सौदेबाजी करने में सफल नहीं हो सकती. महबूब आलम ने कहा कि बिहार की धरती और गरीबों की झोपड़ी के लाल जननायक कर्पूरी जी अपनी सादगी और वंचितों के प्रति किए गए अपने कार्यों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. मंजू प्रकाश ने कहा कि समस्तीपुर की धरती सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट ताकतों की धरती है. इस धरती पर कर्पूरी जी ने जन्म लिया. इसी धरती पर रामदेव वर्मा ने जन्म लिया. आज यहीं से देश की गद्दी से भाजपा को हटाने का अभियान शुरू हो रहा है. हम निश्चित रूप से भाजपा की फासीवादी सरकार को हटा पाने में कामयाब होंगे. सभा को का. सत्यदेव राम ने भी संबोधित किया. मौके पर प्रो. सुरेंद्र सुमन, प्रो रामबाबू आर्य, बैद्यनाथ यादव, सरोज चौबे, बंदना सिंह, जीबछ पासवान, फुलबाबू सिंह, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, अभिषेक कुमार, अमित, महावीर पोद्दार, गंगा पासवान आदि नेता भी उपस्थित थे. जबकि संचालन जिला सचिव का. उमेश कुमार ने की.

समस्तीपुर में कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत का. दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में मार्च करते हुए माले कार्यकर्ता कर्पूरी जी की जन्मभूमि कर्पूरीग्राम पहंचे एवं गोकुल कर्पूरी फूलेश्वरी कॉलेज पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. तत्पश्चात उन्होंने कर्पूरी जी के परिजनों से मुलाकात भी की. उनके परिजनों ने का. दीपंकर जी को शाल, गमछा, तैलचित्र एवं कैलेंडर देकर सम्मान किया. इस दौरान माले कार्यकर्ताओं ने कर्पूरी जी के अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लिया.

 

बिहार में शुरू हुई ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ पदयात्रा

बिहार में सप्ताह भर के  ‘संविधान बचाओ - लोकतंत्र बचाओ’ अभियान (24-30 जनवरी) के तहत ग्रामीण इलाकों में सघन पदयात्राओं की शुरूआत हो चुकी है. 24 जनवरी 2024 को जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशाताब्दी वर्ष के समापन के मौके पर संगोष्ठियों व सभाओं का आयोजन तथा उनकी प्रतिमाओं या तस्वीरों पर पर माल्यार्पण करने के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि देकर अभियान शुरू हुआ. गणतंत्र दिवस के मौके पर गांव-गांव में तिरंगा ध्वज फहराने के साथ अभियान के संकल्प को लोगों तक पहुंचाया गया.

जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए उनके जन्म दिवस पर जहानाबाद, अरवल और दाउदनगर में संगोष्ठियों -सम्मेलनों का आयोजन किया गया. अन्य जिलों में भी मोतिहारी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रखर समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर जन संकल्प अभियान पदयात्रा शुरू किया गया.

खगड़िया के जोरावरपुर में संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ जन अभियान कार्यक्रम के पहला दिन जोरावरपुर में कर्पूरी जयंती मनाई गई.

बिहार की राजधानी पटना में दरोगा राय पथ स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया.

दरभंगा में भाकपा(माले) नगर कमिटी के बैनर तले कार्यक्रम आयोजित कर कर्पूरी चौक स्थित कर्पूरी ठाकुर के ऊपर माल्यार्पण किया गया।

सीवान में कर्पूरी ठाकुर जयंती के मौके पर संगोष्ठी आयोजित की गई. गुठनी प्रखंड में 10 किलोमीटर लम्बी  पदयात्रा निकाली गयी।

गया के टेकारी प्रखंड में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. पक्की बाग में मनाया गया व  कर्पूरी ठाकुर जी की मूर्ति पर माल्यार्पण के वाद पार्टी के आवाहन पर ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ पद यात्रा निकाली गयी जो सिमुआरा पंचायत के कई गांवों में पहुंची. पदयात्रा में रवि कुमार, रोहन यादव, सुरेंद्र यादव, मनोज पासवान, रामजी, संजय राम, आलोक यादव, राजवल्लम यादव, अखिलेश पासवान, सुभाष कुमार, मीना देवी समेत अन्य दर्जनों लोग शामिल हुए।

भोजपुर जिले के संदेश प्रखंड भाकपा(माले) कार्यालय में कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनायी गयी. नालंदा के एकंगरसराय बाजार में भाकपा(माले) जिला सचिव सुरेन्द्र राम, प्रखंड प्रभारी प्रमोद यादव, बिन्देश्वरी शर्मा, रामप्रवेश बिंद, बिजेन्द्र चौहान, महेन्द्र दास, दिनेश दास के नेतृत्व में पदयात्रा की शुरूआत की गयी. हिलसा प्रखंड में भी पदयात्रा शुरू हुई. बेगूसराय में नौरंगा पुल स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ पदयात्रा की शुरूआत की गयी और शहर के विभिन्न चौराहों पर नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं. भाकपा(माले) के नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित सभाओं को संबोधित करते हुए खेग्रामस जिला सचिव चन्द्रदेव वर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में नूरूल इस्लाम जिम्मी, भाकपा(माले) कार्यालय सचिव मुशहरू पासवान, मो. सोहराब, अर्जुन सदा, मो. इश्तेखार, मो. फैयाज आलम शामिल थे। माल्यार्पण के वक्त चर्चित समाजवादी नेता महादेव साह भी मौजूद थे।

सुपौल के त्रिवेणीगंज प्रखंड अंतर्गत मोतीनगर में कर्पूरी जयंती के अवसर पर शांति देवी की अध्यक्षता में संकल्प सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव जयनारायण यादव ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर एक सच्चे, ईमानदार और सिद्धान्तवादी नेता थे।

मौके पर खेग्रामस प्रखंड अध्यक्ष मो. मुस्लिम, अरविंद यादव, रूबी देवी, संनजन देवी, अनारी देवी, कविता देवी, नीलम देवी रेणु देवी आदि दर्जनों साथी मौजूद थे।

रोहतास जिले के राजपुर, नासरीगंज और काराकाट में जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए पदयात्राओं की शुरूआत की गयी. भागलपुर के कहलगांव में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयन्ती मनाते हुए जनसंकल्प अभियान की शुरुआत की गयी। अरवल के आकोपुर व शंकरबिगहा शहीद स्मारकों पर माल्यार्पण करने के बाद  जिला सचिव जितेंद्र यादव और विधायक महानंद सिंह के नेतृत्व में पदयात्रा की शुरूआत की गयी.

पटना जिला के पुनपुन, पालीगंज मसौझ़ी, फतुहा तथा धनरूआ, मुजफ्फरपुर जिला के औराई, गायघाट व मुशहरी नवादा जिले के पकरीबरामां में भी पदयात्राये शुरू हैं.

उत्तर प्रदेश में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ जन अभियान

उत्तर प्रदेश में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ जन अभियान (10 से 30 जनवरी) के पहले ही दिन 10 जनवरी 2024 को राजधानी लखनऊ में आल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर निर्माण श्रमिकों का विधान सभा मार्च आयोजित हुआ. निर्माण श्रमिक रेलवे स्टेशन से जुलूस की शक्ल में विधान सभा की ओर आगे बढ़े. केकेसी पेट्रोल पंप से पहले पुलिस ने जब उन्हें रोक दिया तो वहीं पर सभा हुई. सभा को फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ राजभर, सचिव राना प्रताप सिंह, लखनऊ के भाकपा(माले) प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर, ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष विजय विद्रोही, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला गौतम, निर्माण यूनियन के बांदा जिला अध्यक्ष राम प्रवेश यादव ने संबोधित किया। सभा का संचालन ऐक्टू का. राम सिंह ने किया।

उसी दिन यंग इंडिया चार्टर हस्ताक्षर अभियान- 2024 के बैनर तले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हस्ताक्षर अभियान चलाकर नरेंद्र मोदी सरकार की शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी व लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। गाजीपुर जिले के जमानियां में अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया.

11 जनवरी 2024 को पीलीभीत मे आशा कर्मियों का प्रदर्शन आयोजित हुआ. आइसा द्वारा ‘यंग इंडिया चार्टर- 2024’ अभियान के तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन गेट पर पर्चा बांटकर छात्र-छात्राओं से हस्ताक्षर करवाया गया। हजारों छात्र-छात्राओं ने हस्ताक्षर कर मोदी सरकार की शिक्षा विरोधी रोजगार विरोधी, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज किया। आइसा नेताओं ने कहा कि दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने के मामले में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है। मोदी सरकार के शासनकाल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है और रोजगार न देकर के देश की युवाओं के साथ मोदी सरकार ने धोखा किया है।

12 जनवरी को हमीरपुर के गहरौली गांव में शहीद कुंजबिहारी राजपूत का शहादत समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का आह्वान किया गया।

14 जनवरी को लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के हरदासी खेड़ा के राम-रहीम नगर में मजदूरों के बीच बैठक गई। बैठक में शामिल मजदूरों ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का सामूहिक संकल्प लिया।

15 जनवरी को लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र के अहमदपुर खेड़ा के पुरवा में किसान-मजदूरों के बीच संवाद करते हुए मोदी सरकार द्वारा जनता पर लोकतंत्र व संविधान पर तानाशाही थोपने की कड़ी निंदा की गई. इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने का संकल्प लिया। बैठक में किसान महासभा के जिला संयोजक का. छोटे लाल रावत, का. हीरालाल, का. बीरमती, का. नादिर अली, विनोद कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।

16 जनवरी 2024 को अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले भदोही के एक गांव में ऐपवा नेत्री का. कबूतरा के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को भाजपा सरकार की गरीब विरोधी नीतियों की जानकारी दी गई. उसी दिन भदोही के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

लखीमपुर खीरी जिले के निघासन और पलिया में भी ऐपवा के बैनर तले प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी को  राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया. सोनभद्र में भी ऐपवा के बैनर तले धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया.

लखनऊ के बीकेटी में ऐपवा की संयोजिका का. कमला गौतम के नेतृत्व में भारी संख्या में महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए बीकेटी उपजिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार महोदय को सौंपा।

कार्यालय प्रांगण में जुटी महिलाओं ने ‘बीएचयू की छात्रा के बलात्कारियों के संरक्षकों को सजा दो’, ‘यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करो’, ‘समान काम के लिए समान मजदूरी की गारंटी करो’, ‘महाजनी प्रथा के नये केन्द्र माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को नियंत्रित करो’, ‘मनरेगा में महिलाओं को 200 दिन काम और 600 रुपए मजदूरी की गारंटी करो’, ‘सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि करो’ आदि नारे लगाये.

महिलाओं को संबोधित करते हुए का. कमला गौतम ने कहा कि योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा की बड़ी-बड़ी डींगे मार रही है लेकिन हकीकत यह है कि आज योगीराज में महिला हिंसा की घटनाओं में भारी बृदधि हुईं है। बीएचयू में सरकार बलात्कारियों को बचाते दिख रही है।

16 जनवरी को अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने घोरावल तहसील पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किया. प्राप्त खबरों के मुताबिक खेग्रामस का यह अभियान लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर, देवरिया, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र आदि जिलों में हुआ।

17 जनवरी 2024 को रिक्खीपुरवा, हरगांव में भाकपा(माले) के सीतापुर जिला कमेटी की बैठक में 30 जनवरी तक चलने वाले संकल्प अभियान को तेज करते हुए 26 जनवरी को सभी सभी 21ब्रांचों में तिरंगा फहराने और संकल्प पत्र पढ़ने और 40 गांवों में तिरंगा यात्रा निकालने की योजना बनाई गई, इस दौरान फोल्डर वितरित करते हुए नुक्कड़ सभायें भी की जायेंगी. बैठक में का. अर्जुन लाल, का. सरोजिनी, का. रामसनेही वर्मा, का. मेवालाल, का. अनिल कुमार, का. रामसेवक मौजूद थे.

19 जनवरी 2024 को ‘जहां झोपड़ी वहीं मकान देना होगा, जहां गरीब बसे हों वह जमीन उनके नाम से दर्ज हो’ की मांग के साथ अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने बलिया जिले के मनियर ब्लाक मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया।

मंदिर नहीं रोजगार चाहिए, जीने का अधिकार चाहिए अखिल भारतीय खेत मजदूर ग्रामीण सभा द्वारा मजदूरों के हक और अधिकार के लिए संविधान और लोकतंत्र के लिए शहीदों के सपनों का भारत निर्माण के लिए प्रदर्शन ज्ञापन

आजमगढ़ जिले के लालगंज तहसील पर अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा ने एकदिवसीय धरना आयोजित  किया. धरना को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला प्रभारी का. विनोद सिंह ने कहा कि योगी-मोदी राज जंगल राज में तब्दील हो गया है. कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. सवर्ण सामंती ताकतों के हौसले बुलंद हैं. उनके इशारे पर ही दलितों के घरों पर बुलडोजर चल रहा है. बरदह थाने के औदह ग्राम पंचायत में सवर्ण सामंती ताकतें हथियारों से लैस होकर दलितों के घरों पर हमला कर रही हैं. पुलिस उल्टे दलितों पर ही कार्यवाही कर रही है. योगी सरकार और उनका प्रशासन गरीबों के घरों को जमींदोज करना बंद नहीं करता और औदह की घटना का जांच कर दलितों के साथ इंसाफ नहीं किया जाता तो भाकपा(माले) गरीबों के सम्मान के सवाल पर आन्दोलन तेज करेगी।

धरना को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के नेता का. हवलदार ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि गरीबों के घरों का सर्वे हो रहा है और उन्हें उनका घरौंदा दिया जायेगा.  लेकिन गरीबों के घरों पर बुलडोजर चल रहा है. मोदी राज में न रोजी है न रोजगार और मंहगाई ने गरीबों का जीना दूभर कर दिया है.

धरना को भाकपा(माले) (कानून सान्याल गुट) के का. नन्दलाल, मजदूर संगठन के का. धर्मदेव, भाकपा के का. हामिद अली, का. पंचदेव राही, का. बसीर मास्टर, का. रामदेव, भाकपा(माले) के का. राजेन्द्र, कामरेड रानू राव, कालिका राजकुमार, लाल जी ने सम्बोधित किया धरना-प्रदर्शन का संचालन भाकपा(माले) के लालगंज प्रभारी का. बसन्त और अध्यक्षता का. हवलदार राम ने किया. धरना के माध्यम से राष्ट्रपति और जिलाधिकारी को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन लालगंज उपजिलाधिकारी को सौंपा गया और गरीबों के सम्मान पर हो रहे हमलों पर रोक लगाने तथा गरीबों के रोजगार, वास-आवास, बिजली आदि के गारंटी की मांग की गयी।

उसी दिन झांसी जिले के मोंठ में प्रदर्शन आयोजित हुआ. पीलीभीत जिले के पूरनपुर ब्लाक में भी धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।

20 जनवरी 2024 को आजमगढ़ के मेहनगर तहसील पर एकदिवसीय धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए खेग्रामस के जिला संयोजक का. सुदर्शन राम ने कहा कि डबल इंजन की योगी-मोदी सरकार के राज में गरीबों पर चौतरफा फासीवादी हमले बढ़े हैं. गरीबों के रोजी रोजगार छीने जा रहे हैं. कोरोना के बाद ग्रामीण गरीबों की आमदनी घट कर आधी हो गयी है और वे माइक्रोफाइनेंस और स्वयं सहायता समूह के कर्ज की जाल में बुरी तरह से फंसते जा रहे हैं. देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे में है. धरना के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित नौसूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी मेहनगर को सौंपा गया। धरना को भाकपा(माले) जिला प्रभारी का. विनोद सिंह, का. बसन्त, का. रामकृष्ण यादव आदि ने संबोधित किया. धरना में श्याम नारायण, मीना, शर्मिला, इंद्रावती, दुर्गा, मालती, सरोज सहित तमाम लोग मौजूद रहे। धरना की अध्यक्षता का. राममूरत और संचालन का. मैनू ने किया। देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील पर खेग्रामस के बैनर तले धरना आयोजित हुआ जिसे का. श्रीराम चौधरी ने संबोधित किया.

20 जनवरी 2024 को सीतापुर जिले में ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’  जन संकल्प यात्रा निकाली गयी. डा. अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद का. अर्जुन लाल के नेतृत्व में निकली पहली टीम ने झरिया, कुंवरपुर व रउना समेत करीब एक दर्जन गांवों में नारे लगाते हुए पर्चा बांटा. का. मेवालाल के नेतृत्व में दूसरी टीम ने राही गांव से शुरू होकर एक दर्जन से अधिक गांवों तक पहुंची.

जन संकल्प अभियान के दौरान चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक के गांवों में 26 जनवरी को पार्टी ब्रांचों में झंडा फहराने के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ करने, 27 जनवरी को आहूत खेग्रामस के जिला सम्मेलन को सफल बनाने तथा 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का पर्चा बांटने और जन सहयोग इकट्ठा करने की योजना बनी.

20 जनवरी को ही चंदौली जिले के मुगलसराय में इंकलाबी नौजवान सभा की राज्यस्तरीय बैठक कर 10-11 मार्च 2024 को लखनऊ में सामाजिक न्याय व रोजगार के सवाल पर आयोजित हो रहे राज्य सम्मेलन को सफल बनाने पर चर्चा की गयी.

बैठक को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आई लेकिन रोजगार देने के बजाय अक्षत बांटने व नफरत फैलाने में लगी हुई है। आज पूरे देश का नौजवान रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है और सरकार रेल समेत लगभग सभी सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप कर रोजगार देने से पीछे हटती जा रही है। 69 हजार शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण घोटाला के खिलाफ लड़ रहे नौजवानों को न्याय नहीं मिल रहा है। पुलिस भर्ती में भर्ती बोर्ड के अनुमान से अधिक 50.14 लाख आवेदन यूपी में बेरोजगारी की भयावह स्थिति को दिखाता है। इस सवाल पर 25 जनवरी को राज्यपाल महोदया को ज्ञापन देने का फैसला लिया गया।

21जनवरी 2024 को रामसनेही वर्मा के नेतृत्व में बनिहार, यूसुफ नगर  शुक्लनपुर, बंकीपुर परसेहरा, शरीफपुर होते हुए ‘संविधान,बचाओ, लोकतंत्र बचाओ-मोदी हटाओ देश बचाओ’ यात्रा निकाली गयी.  कासिमापुर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ यात्रा का समापन हुआ. मेवालाल के नेतृत्व में दूसरी टीम ने पीतपुर, नकूरी, क्योंतिकला, मीरपुर होते हुए तुर्तीपुर तक यात्रा निकली.

चकिया (चंदौली) के रसिया, उतरौत, कांटा, पिपरा, गोपालपुर गांव में यहां आयोजित होने वाले खेग्रामस के चौथे चंदौली जिला सम्मेलन की सफलता के लिए जिला संयोजक का. रामायण राम, का. सुनीता, का. रामबली साहनी व का. नबी रसूल की अगुवाई में आर्थिक सहयोग इकट्ठा किया गया। शहाबगंज ब्लॉक के धुन्नु गांव में का. रामवचन बनवासी की अगुवाई में का. चंद्रिका यादव, का. लालबरत राम व अन्य साथियों की टीम ने जिला सम्मेलन की सफलता के लिए अभियान चलाया.

कर्पूरी ठाकुर जयंती के मौके पर सामाजिक न्याय सम्मेलन

सामाजिक बदलाव के अप्रतिम योद्धा कर्पूरी ठाकुर 100वीं जंयती के अवसर पर भाकपा(माले) ने गिरीडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड परिसर में ‘सामाजिक न्याय सम्मेलन’ आयोजित किया.

सामाजिक न्याय सम्मेलन को भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य का. जनार्दन प्रसाद ने मुख्य अतिथि के बतौर संबोधित करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर अविभाजित बिहार में सामाजिक बदलाव के प्रमुख नायकों में से एक रहे हैं। वे समस्तीपुर जिले के बेहद गरीब अतिपिछड़े परिवार मे पैदा हुए और छात्र जीवन में ही ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े. 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारण उनको 26 महीने जेल की सजा काटी। आजादी के बाद उन्होंने एक शिक्षक के रूप मे काम करना शुरू किया. 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने ताजपुर विधान सभा क्षेत्र से जीत हासिल किया और विधायक बने. तब से 1988 तक आजीवन वे किसी न किसी सदन के सदस्य रहे. 1965 मे सोशलिस्ट पार्टी के एकीकरण के बाद वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता और बिहार के एक लोकप्रिय जननेता के रूप मे उभरे. बिहार मे 1967 मे बनी पहली गैरकांग्रेसी सरकार मे वे उप मुख्यमंत्री बने और 1970 मे पहली बार मुख्यमंत्री बने. 1974 के आंदोलन मे वे जयप्रकाश नारायण व छात्र समुदाय के बीच की कड़ी रहे. आपातकाल खत्म होने के बाद बिहार में गठित जनता पार्टी की सरकार मे वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. इस बार उन्हांने समाज के सबसे कमजोर समुदाय को राज व समाज मे उचित भागीदारी दिलाने के लिए मुंगेरीलाल कमीशन के आधार पर ‘आरक्षण’ का प्रावधान लागू किया. अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म कर और आरक्षण की नीति लागू कर उन्होंने सामाजिक गैरबराबरी की व्यवस्था पर जबरदस्त हमला किया. आरक्षण नीति लागू करने के लिए उन्हें समाज की दबंग सामंती ताकतों के भारी विरोध सामना करना पड़ा. वे राजनीतिक-सामाजिक बदलाव के लिए कम्युनिस्टों व सोशलिस्टों की मजबूत एकता के सदा हिमायती रहे.

उन्होंने कहा कि आज के दौर मे जब केंद्र की सता साम्प्रदायिक व कारपोरेट शक्तियों के हाथ में है. जिनके खिलाफ कर्पूरी जी आजीवन लड़ते रहे वे ही ताकतें देश की सत्ता पर काबिज हैं, उनके विचारों और सपनों की राह पर चलने की जरूरत बढ़ गई है.

महेन्द्र सिंह के सपनो को साकार करने के लिए और भाकपा(माले) की मजबूत दावेदारी कोडरमा संसदीय क्षेत्र में है. इस दावेदारी को मजबूत बनाने के लिए का. महेन्द्र सिह के शहादत दिवस (16 जनवरी) से महात्मा गांधी के शहादत दिवस (30 जनवरी) तक तक क्षेत्र के हर गांव-टोला मे जन जागरण अभियान चल रहा है।

भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य और धनवार विधानसभा के पूर्व विधायक का. राजकुमार यादव ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोडरमा संसदीय सीट हमेशा भाजपा जीतती रही है लेकिन वह प्रवासी मजदूरों, जल-जंगल से बेदखली झेल रहे आदिवासियों और दलित-पिछड़ी जातियों के आरक्षण के खिलाफ खड़े हैं। कार्यक्रम में जातीय जनगणना की मांग को प्रमुखता से उठाने का आह्वान किया गया.