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13 नवंबर, 2020

कोविड-19 की छाया और क्रूर व भयानक लॉकडाउन के बाद बिहार विधान सभा का चुनाव देश में पहला बड़ा चुनाव था.इस चुनाव में राजग ने भले ही बहुत कम अंतर से जीत हासिल कर ली हो लेकिन इस चुनाव ने उन सभी लोगों के लिए बहुत उत्‍साहजनक संदेश भेजा है जो लोग जनता की जीविका, सम्‍मान और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.इस चुनाव ने भविष्‍य में भी भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्‍य बने रहने की उम्‍मीद बरकरार रखी है.  

बिहार का चुनाव दरअसल लोगों का जनान्‍दोलन खासकर युवाओं का आंदोलन बन गया था.जनादेश में सरकार बदलने की आकांक्षा बहुत स्‍पष्‍ट ढंग से दिखाई पड़ रही है.राजग ने भले ही थोड़े अंतर से सत्‍ता फिर से हासिल कर ली है लेकिन मजबूत विपक्ष के उभार ने भाजपा के 'विपक्ष मुक्‍त भारत' की कोशिशों को भारी धक्‍का पहुंचाया है.कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ और ज्‍यादातर मामलों में से फैसले राजग के पक्ष में गये.चुनाव अधिकारियों द्वारा अनियमितता बरतने या चुनाव परिणामों में हेर-फेर करने के बारे में उठाई गई चिंतायें जायज हैं.इन परिणामों को चुनौती देने के लिए सबूत इकट्ठा किये जा रहे हैं.

बिहार के मतदाताओं ने राजद-वाम-कांग्रेस के महागठबंधन का व्‍यापक तौर पर स्‍वागत किया और भाकपा (माले) ने इस गठबंधन को व्‍यावहारिक विकल्‍प के रूप में स्‍थापित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई.चुनाव में हमारे प्रत्‍याशियों के प्रदर्शन से भी यह बात साबित होती है.हमने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 सीटों पर जीत हासिल की.गठबंधन की सभी पार्टियों की तुलना में हमारी पार्टी का स्‍ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा और हमें करीब 4% वोट मिले.भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं द्वारा पार्टी के खिलाफ चलाये गये झूठे और कुत्सित प्रचार अभियान के बावजूद यह उपलब्धि हासिल करना दिखाता है कि जनता के सवालों पर हमारे संघर्ष के लिए समर्थन बढ़ रहा है.

छात्र-युवा नेताओं द्वारा इन चुनावों में भारी जीत जितनी संतोषप्रद है उतनी ही महत्‍वपूर्ण हमारे पूर्व विधायकों की जीत भी है.

भाकपा (माले) के 12 विधायकों की टीम भाकपा और माकपा के विधायकों के साथ मिलकर बिहार विधान सभा के भीतर राजग विरोधी विपक्ष में ताकतवर वाम खेमे की भूमिका निभायेगी.रोजगार, गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधायें, किसानों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, न्‍याय व कानून के शासन की मांग का लोकप्रिय मुद्दों के रूप में उभरना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्‍छा संकेत है.भाकपा (माले) इन मुद्दों को लागू करवाने और आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष करती रहेगी।
 
पार्टी के बिहार चुनाव अभियान को पूरे देश के साथियों और मित्रों से बहुत ही मूल्‍यवान नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग मिला.केन्‍द्रीय कमेटी इस अभियान का समर्थन करने वाले सभी लोगों का अभिनंदन करती है और उन्‍हें धन्‍यवाद देती है.बिहार चुनाव के नतीजों में भाकपा (माले) और अन्‍य वाम पार्टियों के चुनावी क्षेत्र में उभार ने बिहार और बिहार के बाहर भी लोगों में उम्‍मीद जगाई है और उत्‍साह पैदा किया है.पार्टी बिहार में लोगों की उम्‍मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेगी.साथ ही भाकपा (माले) की केन्‍द्रीय कमेटी पूरी पार्टी, वाम कतारों और लोकतंत्र पसंद तमाम लोगों से अपील करती है कि मोदी सरकार की जनविरोधी व कॉरपोरेट परस्‍त नीतियों और भाजपा की नफरत भरे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और फासीवादी धौंस-धमकी की राजनीति के खिलाफ अभियान तेज करें.

- केन्‍द्रीय कमेटी    
भाकपा (माले) (लिबरेशन)