Patna Lathicharge on Teachers

माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सरकार ने खुद ही शिक्षक नियमावली को बुरी तरह उलझा दिया है, जिसके कारण कई तरह की आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं. उसके बाद शिक्षक अभ्यर्थियों पर कल बर्बर लाठीचार्ज भी किया गया. महागठबंधन की सरकार इस प्रकार से दमन का रास्ता नहीं अपना सकती. भाकपा-माले शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा करती है.

उन्होंने कहा कि शिक्षक नियमावली शुरू से ही विवादित है. शिक्षक संगठन और शिक्षक अभ्यर्थी परीक्षा का लगातार विरोध कर रहे हैं. हमने सरकार से उनकी मांगों को गंभीरता से सुनने व परीक्षा पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था लेकिन सरकार उलटे डोमिसाइल नीति को ही खत्म कर बैठी. इससे शिक्षकों व शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोशित होना स्वभाविक ही है. हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि दमन की बजाए वार्ता का रास्ता अपनाए. डोमिसाइल नीति लागू होनी ही चाहिए ताकि बिहार के छात्र-युवाओं को रोजगार मिल सके.

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा इस मामले में घड़ियाली आंसू नहीं बहाए. जब वह सत्ता में थी, उसने कई बार शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी-गोली चलाने का काम किया. भाजपा कभी भी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के प्रति गंभीर नहीं रही. केंद्र सरकार ने तो पूरे देश के युवाओं को ठगने का काम किया और अग्निपथ योजना के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ भयानक खिलवाड़ किया. प्रत्येक साल दो करोड़ नौकरी का वादा कहां गया, भाजपा पहले इसका जवाब दे. बिहार की जनता भाजपाइयों की हकीकत को अच्छे से जानती है, इसलिए उसके झांसे में नहीं आने वाली है.