वर्ष - 29
अंक - 7
07-02-2020

1 फरवरी 2020 की शाम वाराणसी कैंट एरिया स्थित भाकपा(माले) के जिला कार्यालय पर पुलिस ने पार्टी के केंद्रीय कमेटी सदस्य और जिला प्रभारी मनीष शर्मा को खोजने के लिए छापा मारा. पुलिस बल ने किसी सर्च वारंट के बगैर कार्यालय के कमरों में घुसकर तलाशी ली.

इस कार्रवाई को अघोषित आपात्काल जैसी कार्रवाई बताते हुए भाकपा(माले) के उत्तर प्रदेश सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई विरोध की आवाज को कुचलने की साजिश है. उन्होंने कहा कि मोदी-योगी को खुश करने के लिए जिला प्रशासन लोकतंत्र की हत्या कर रहा है. वह हमारे पार्टी नेताओं को सीएए-विरोधी प्रतिवादों के नाम पर झूठे मुकदमों में फंसा रहा है और फिर पार्टी कार्यालय पर छापेमारी करवा रहा है. यह अघोषित आपात्काल है. उन्होंने कहा कि सरकार डरी हुई है, और इसीलिए विपक्ष में खौफ पैदा करना चाहती है. उन्होंने पार्टी कार्यालय पर इस छापेमारी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

इसके पूर्व भी का. मनीष शर्मा को 19 दिसंबर के दिन सीएए-विरोधी प्रतिवाद के चलते गिरफ्तार किया गया था और कई सप्ताह के बाद उन्हें रिहा किया गया था.