वर्ष - 29
अंक - 18
25-04-2020

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एशोसियेशन (ऐपवा) द्वारा नफरत और भूख के खिलाफ 23 अप्रैल 2020 को किये गये एक-दिनी अनशन के आह्वान को देश भर की हजारों महिलाओं ने लागू किया.

ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. रति राव, महासचिव मीना तिवारी, राष्ट्रीय सचिव कविता कृष्णन, तथा देश के सभी राज्यों की अध्यक्षों व सचिवों ने इस दिन अपने-अपने घरों में अनशन किया. इस दौरान वे कोविड-19 के नाम पर की जा रही नपफरत, छुआछूत व हिंसा के खिलाफ प्लेकार्ड और पोस्टर अपने हाथों में लिये रहीं. उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान महिला अधिकारों तथा गरीबों एवं वंचितों के हक-हकूक की रक्षा करने का आह्वान किया.

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अंबेडकरपंथी कार्यकर्ता राधिका वेमुला के साथ-साथ जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने छुआछूत के खिलाफ प्यार और एकता बढ़ाने के नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर अपने फोटो ट्वीट किये. पटना में इतिहास की प्राध्यापिका और ऐपवा की उपाध्यक्ष भारती एस. कुमार, एडवोकेट अलका वर्मा, पत्रकार स्वर्णकांता, कलाकार विनीता वर्मा, तथा मुंबई की अभिनेत्री प्रियंका खान ने इस आह्वान को लागू करते हुए प्लेकार्ड के साथ अपने फोटो साझा किये.

महिलाओं ने अपने घरों को ही धरना स्थल बना डाला और इस प्रकार यह दिखा दिया कि कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिये उनके आंदोलन थम गये हैं, लेकिन उनकी आवाज और दिलो-दिमाग बंद नहीं हुए हैं.

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इन महिलाओं ने हिंसा, छुआछूत और सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई, जिसे डाक्टर, नर्स, ‘आशा’ कर्मी, सफाई कर्मचारी, कारोना के मरीज और उनके परिजनों के साथ-साथ मुस्लिम अवाम झेल रहे हैं. उन्होंने कोरोना के नाम पर नफरत और इस्लाम-भीति फैलाने वाले भाजपा नेताओं और टीवी एंकरों की जमकर भर्त्सना की. उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की मिसालें दिखाईं, जिसमें लाॅकडाउन के दौरान मुस्लिम पड़ोसियों ने अपने हिंदू पड़ोसियों के दाह-संस्कार में मदद की है. महिलाओं ने पालघर भीड़-हिंसा के पीड़ितों के लिये न्याय की मांग करते हुए भारत में भीड़ हिंसा की संस्कृति और राजनीति को बुंद करने का आह्वान किया. उन्होंने इस महामारी के दौरान भूख, बेरोजगारी और हिंसा की वारदात का जिक्र करते हुए सभी जरूरतमंदों के लिये राशन तथा देश भर में हिंसा से बचाव के लिये हेल्पलाइन बनाने की भी मांग उठाई.

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21 अप्रैल: पहला दिन

देशव्यापी अनशन धरना अभियान की शुरूआत करते हुए 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में ऐपवा नेता-कार्यकर्ता व महिलाएं अनशन पर बैठीं. देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील की खेग्रामस संयोजक का. पूनम यादव व अन्य महिलाएं अनशन पर बैठीं. चंदौली जिले के शहाबगंज प्रखंड के उसरी गांव में ऐपवा की पूर्व राज्य परिषद सदस्य का. मंजू देवी अपने साथियों आरती देवी, कलावती देवी, क्रांति पासवान के साथ अपने घर में एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठीं. पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में एक दिवसीय धरना दिया गया. बनारस के सरैया में ऐपवा के अनशन कार्यक्रम में अच्छी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भी भागीदारी की. निघासन के शकरी ग्योरी गांव में कोरोना महामारी व साम्प्रदायिकता के खिलाफ अनशन किया गया। बलिया और गाजीपुर में भी ऐपवा का अनशन कार्यक्रम हुआ.

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साम्प्रदायिकता व भूखमरी के खिलाफ ऐपवा के राष्ट्रीय आह्वान पर राजस्थान के उदयपुर और अजमेर जिलों में कार्यक्रम हुए. 21 व 23 अप्रैल को उदयपुर में कई गरीब बस्तियों में महिलाएं धरने पर बैठीं.

पंजाब के मानसा में भी महिलाओं ने धरना दिया. महिलाएं अपनी मांगों से संबंधित प्ले कार्ड उठाएं हुए थे. इस धरने को ऐपवा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य का. जसबीर कौर नत्त, बलविंदर कौर बैरागी व नरेंद्र कौर ने संबोधित किया.

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23 अप्रैल: दूसरा दिन

23 अप्रैल को यह अभियान नई ऊंचाई पर जा पहुंचा जब बहार समेत देश के कई राज्यों में महिलाओं ने ऐपवा के राष्ट्रीय आह्वान को लागू करते हुए घरों में रहकर अकेले या दूरी का पालन करते हुए सामूहिक रूप से अनशन किया.

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बिहार: ऐपवा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बिहार में महिलाओं ने विभिन्न शहरों व दूरदराज के गांवों में भी सैकड़ों सथानों पर अनशन किया. महिलाओं ने भूख, कोरोना के नाम पर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और महिला हिंसा पर रोक लगाने की मांग करते हुए रोटी, न्याय और सामाजिक सौहार्द के लिए संघर्ष तेज करने का संदेश दिया. ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे सहित बिहार में हजारों महिलाओं ने ऐपवा कार्यालयों और अपने घर में अनशन किया. पटना में प्रो. पटना विवि में इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोभारती एस कुमार तथा पटना हाइकोर्ट की अधिवक्ता अलका वर्मा ने भी अपने आवास पर धरना दिया. समाजसेवी व तलाश पत्रिका की संपादक मीरा दत्त भी अनशन में शामिल हुईं. प्रमुख ऐपवा नेताओं रीता वर्णवाल (गया), सोहिला गुप्ता (सिवान), इंदु सिंह, संगीता सिंह व शोभा मण्डल (भोजपुर), शनिचरी देवी (दरभंगा) तथा शारदा देवी व निर्मला सिंह (मुजफ्फरपुर) ने विभिन्न जिलों में भूख हड़ताल की अगुआई की.

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पटना नगर के कुर्जी में ऐपवा नेता अनीता सिन्हा, फुलवारी में नसरीन बानो व अफसा जबीं, चितकोहरा में आबिदा खातून, मंजू यादव, आयशा, शबाना खातून, सुमंती देवी, निर्मला देवी, पुष्पा देवी, नगमा परवीन व हिना परवीन आदि नेताओं ने एकदिवसीय अनशन किया. कई छात्राएं भी उपवास पर रहीं. कंकड़बाग के चांगर में ऐपवा नेत्री अनुराधा देवी, रेखा रानीख मुजू, किरण, रेणु, मरनी देवी व गीता ने उपवास में हिस्सा लिया.

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मुजफ्फरपुर में शहर से गांव तक आयोजित हुए उपवास-धरना कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में शाहीनबाग आंदोलन से जुड़ी महिलाओं व छात्राओं, बुद्धिजीवी महिलाओं, सावित्रीबाई फुले ब्रिगेड की लड़कियों तथा ऐपवा कार्यकर्ताओं व बड़ी संख्या में गरीब महिलाओं ने भाग लिया. इन महिलाओं व छात्राओं ने अपनी मांगों का पोस्टर बनाया और उसे अपने हाथों में लेकर अपने-अपने घरों और गांव-टोलों में उपवास व धरना पर बैठीं. यहां कई बुद्धिजीवी महिलाएं भी पोस्टर लिए अपने घरों में धरना पर बैठीं जिसमें मनीषा दत्ता, प्रो. भवानी रानी दास, प्रो. मीरा ठाकुर व रानी प्रसाद प्रमुख हैं.

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ऐपवा जिला अध्यक्ष शारदा देवी, सह सचिव निर्मला सिंह, ममता देवी, आइसा नेत्री मोना, जिला पार्षद व ऐपवा कार्यकर्ता विजनेश यादव (गायघाट), ऐपवा जिला सचिव शर्मिला देवी व छात्रा राखी, बोचहां के चौमुख, बल्थी, शर्फुद्दीनपुर, पटियासा, आदि गोपालपुर व मुशहरी के धीरनपट्टी, शेखपुर सहित कई गांव-पंचायतों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पोस्टर-बैनर के साथ धरना दिया.

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सावित्रीबाई फुले ब्रिगेड की लड़कियों ने मुशहरी प्रखंड के रजवाड़ा गांव में पोस्टर-बैनर के साथ नारे लगाते हुए उपवास-धरना दिया. इसमें प्रियंका, काजल, पूजा, रंजीता, मुस्कान, सुप्रिया, पल्लवी, दामिनी, अंजलि, शर्मिला देवी, गुंजन देवी, जोहरा खातुन, कविता देवी, नीलम देवी, मीना देवी व अन्य ने भाग लिया.

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भोजपुर में कुल 12 जगहों पर ऐपवा का अनशन-धरना कार्यक्रम लागू हुआ. आरा में संगीता सिंह तथा शोभा मंडल, जगदीशपुर में इंदु सिंह और अगिआंव में देवंती देवी और गड़हनी के काउप गांव में मुखिया कलावती देवी के नेतृत्व में महिलाओं-छात्राओं ने अनशन किया.

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पटना ग्रामीण में कुल 24 स्थानों पर सामूहिक अनशन-धरना कार्यक्रम हुए. धनरुआ प्रखंड के मंझौली में कमला देवी, मोरियावां में मीना देवी, नयी हवेली में कुमारी गुंजा और बडिहा में श्यामा देवी के नेतृत्व में बीसीयों महिलाओं ने अनशन किया. बिहटा में रीता गुप्ता, माधुरी गुप्ता, जिला पार्षद पूनम देवी, आरती देवी, जीरा देवी, महेश्वरी देवी, रीता देवी, शांति देवी के नेतृत्व में कुल 6 जगहों पर अनशन हुआ. मनेर के छितरौली में शांति देवी के नेतृत्व में अनशन किया गया. पूनपुन के देवकुली में जिला पार्षद नीलम देवी, नौबतपुर के अमरपुरा में सावित्री देवी व देवड़ा में सुशीला देवी व उर्मिला देवी और दुल्हिन बाजार में आशा देवी के नेतृत्व में अनशन किया गया. पालीगंज में चार तथा फुलवारी, बेलछी व बाढ़ में एक-एक जगह पर अनशन हुआ.

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दरभंगा भाकपा(माले) के जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष साधना शर्मा की अगुआई में रानी शर्मा हसीना खातुन, शैल देवी, लैलुन खातुन, मनीशा खातुन, खुशबू कुमारी अनशन पर बैठीं. बहादुरपुर में सविता देवी, दुर्गा देवी, सागर देवी, गीता देवी व चनमुनी देवी तथा दरभंगा सदर में ऐपवा जिला सचिव शनिचरी देवी, ऐपवा नेत्री रीता साह व खेग्रामस नेता रसीदा खातून के नेतृत्व में अनशन हुआ.

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गोपालगंज में ऐपवा की जिला अध्यक्ष रमावती देवी के नेतृत्व में भाकपा(माले) प्रखंड कार्यालय भोरे में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सामूहकि अनशन हुआ जिसमें ज्ञानमती, मुन्नी देवी, उर्मिला देवी, ममता देवी, विधावती देवी, प्रेमशीला देवी, सोनी देवी, आदि महिलाओं ने भाग लिया. नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड के पेंदापुर गांव में नीरू देवी ने परिवार की अन्य महिलाओं और पखनपुर गांव में रीता देवी, तेतरी देवी, कांति देवी, सीता देवी व राजकुमारी देवी ने गांव की अन्य महिलाओं के अनशन किया.

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मधुबनी के धनुषी गांव में ऐपवा के जिला सचिव पिंकी सिंह के नेतृत्व में भूख हड़ताल किया गया जिसमें पारो देवी, संझा देवी, सुमित्रा देवी, रामकली देवी, रंजू देवी, पानो देवी, अनिता देवी, कुमारी देवी, कुशमा देवी, गीता देवी, मालती देवी व इमरती देवी आदि महिलाओं ने हिस्सा लिया. पूर्वी चंपारण के सुगौली प्रखंड अंतर्गत धर्मपुर गांव में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए धरना दिया। भाकपा(माले) नेता भोला साह भी महिलाओं के समर्थन में धरना पर बैठे. अरवल के भाकपा(माले) कार्यालय में ऐपवा नेत्राी लीला वर्मा के नेतृत्व में महिलाओं ने उपवास रखा जिसमें मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने भी अच्छी भागीदारी की. करपी-वंशी एरिया कार्यालय में भी महिलाओं का धरना हुआ.

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जहानाबाद के दयाली बिगहा में पूरे गांव की महिलाओं ने गांव के 12 जगहों में बंटकर सामूहिक उपवास व धरना दिया. जिले दमुहां गांव में भी महिलाओं ने उपवास किया. पचम्पारण के मढिया (नरकटियागंज) में उपवास कार्यक्रम हुआ. ऐपवा नेत्री ललिता देवी भी उपवास में रहीं. भागलपुर शहर में ऐपवा जिलध्यक्ष उषा शर्मा व स्मिता शेखर, खरीक प्रखंड के राघोपुर में जिला सचिव रेणु देवी, जैनी कुमारी व अमृषा तथा कहलगांव में ऐपवा नेत्री मनोरमा देवी व प्रिया ने अपने घरों में रहकर उपवास किया. समस्तीपुर के सैदपुर जाहिद (उजियारपुर) में फिरोजा बेगम, जोहरा खातून, नजमा बेगम अनशन पर बैठीं. कैमूर जिले में भी अनशन हुआ.

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झारखंड में रांची स्थित राज्य कार्यालय में ऐपवा जिला अध्यक्ष आइती तिर्की, माधुरी, शमीमा खातून और नौरीन अख्तर उपवास रखा और लाॅकडाउन में बढ़ रही घरेलू हिंसा पर रोक लगाने और कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे सहिया एवं फेसिलेटरों को सुरक्षा किट एवं बीमा की मांग की. महिला नेताओं ने कहा कि रोटी, न्याय और सामाजिक एकता से ही कोरोना से जीत सम्भव है. देवघर में भी महिलाएं धरना पर बैठीं. गिरिडीह जिला के बगोदर स्थित का. महेंद्र सिंह स्मृति भवन में ऐपवा नेताओं द्वारा एक दिवसीय अनशन-धरना हुआ. धनवार प्रखंड के पोटमागड़ा में ऐपवा नेत्री कौशल्या दास के नेतृत्व में सामूहिक उपवास हुआ. बगोदर प्रखंड के घंघरी में पूर्व वार्ड सदस्य भगिया देवी के नेतृत्व में दर्जनों महिलओं ने अनशन-धरना किया. सरिया में भी महिलाओं ने धरना व उपवास किया. धनबाद जिला के सरायढ़ेला में ऐपवा की ओर से भूख हड़ताल किया गया.

तमिलनाडु के विजुपुरम, नागपट्टिनम, पुडुकोटइ, मदुरै, करुर, डिंडिगुल और कन्याकुमारी में ऐपवा की राष्ट्रीय पार्षदों, जिला नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां व बैनर लेकर अनशन किया. उड़ीसा के रायगढ़ा और राजस्थान के प्रतापगढ़ में भी अनशन कार्यक्रम हुआ.

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प. बंगाल के दार्जिलिंग जिले के खोरीबाड़ी प्रखंड में आदिवासी चाय बागान मजदूर महिलाओं ने अनशन किया. दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा, सिलिगुड़ी के डाबग्राम व फुलबाड़ी प्रखंड अंतर्गत फोकदोइबाड़ी तथा शक्तिगढ़, पूर्वी बर्दवान जिले के कालना, साउथ 24 परगना और यादवपुर (कोलकाता) में भी अनशन-धरना कार्यक्रम हुआ.

आंध्र प्रदेश व पुदुच्चेरी में भी ऐपवा कार्यकर्ताओं ने अनशन किया. असम के जोरहाट में ऐपवा के आह्वान का पालन करते हुए अनशन हुआ.

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भूख, अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत और महिला हिंसा के विरूद्ध
रोटी, न्याय और सामाजिक साझेदारी के लिए ऐपवा के अनशन/धरना की मांगें

1. बिना भेदभाव के सबके लिए राशन का प्रबंध करो!
2. कोरोना मरीजों, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ छुआछूत बंद करो!
3. मोदी जी घड़ियाली आंसू बहाना बंद करो! साम्प्रदायिक जहर पफैलाने वालों को सजा का प्रबंध करो!
4. सरकारी राशन दुकानों से बच्चों के लिए दूध मुफ्त वितरित करो!
5. महिलाओं के लिए सैनेटरी पैड मुफ्त वितरित करो!
6. कोरोना के बहाने मुसलमानों के बारे में झूठी खबरें और नफरत भड़काने वाले मीडिया समूहों को प्रतिबंधित करो!
7. मुस्लिमों के सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार का विरोध करो!
8. महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए 24×7 हाॅटलाइन सेवा शुरू करो!
9. स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों की सुरक्षा और उचित मेहनताने का प्रबंध करो!
10. ट्रांसजेंडर के साथ भेदभाव बन्द करो! उनकी सुरक्षा और राशन की व्यवस्था करो!

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शाहीनबाग आंदोलन की भागीदारी

मुजफ्फरपुर में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ चंदवारा स्थित मुर्तुजा कंपलेक्स चले शाहीनबाग सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने वाली मुस्लिम समुदाय की महिलाओं व छात्राओं ने उपवास-धरना में भी बड़ी संख्या में भाग लिया. सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ सामाजिक सौहार्द के लिए, भूख के विरुद्ध रोटी के लिए तथा महिला हिंसा के खिलाफ न्याय के लिए पोस्टर लिए चंदवारा के अपने घरों में कई महिलाएं एक साथ धरना पर बैठीं. इनमें कई बुर्जग महिलाएं भी शामिल थीं. रशीदा, सबीहा, फरहत, मनाल, शरबत, हसमत, फारहा, खालिदा, सबा, नबीहा, जहेदा सहित अन्य महिलाएं व लड़कियां इनमें शामिल थीं.

शहर के मिठनपुरा, अतरदह व कच्ची-पक्की क्षेत्र में भी शाहीनबाग आंदोलन से जुड़ी छात्राओं व महिलाओं ने भी खुद से तैयार किए गए पोस्टर के साथ अपने-अपने घरों में धरना दिया. इनमें बुजुर्ग महिला नुसरत परवीन, छात्रा रूकशिन्दा यासमिन, सालेहा, फाजिया रहमान, शमां बानो, नगमा उरूज, शबा, सुफी, सुमी बानो, नाजिया इरम सहित अन्य कई के नाम शामिल हैं.

भोजपुर जिले के गड़हनी में भी शाहीनबाग आंदोलन से जुड़ी महिलाओं ने ऐपवा के आह्वान का पालन करते हुए अनशन किया. गड़हनी के बर मुहलला व बिचली पट्टी में महिलाओं ने तख्तियां लेकर साम्प्रदायिक नफरत के खिलाफ आवाज उठायी. इनमें नजमा बीबी, नजमा खातून, रूबी खातून, अस्मां खातून, शहनाज, जलीला खातून, शाहजहां खातून, मेहरून्निसा, रूखसार गजाला, शमीला बानो, निकहत गजाला, शमा परवीन, आमना खातून, तनुजा परवीन, करीमन निशां, रौशन बेगम, कायनात परवीन, हिना परवीन, संजीदा खातून, शाहीन परवीन, रौशन आरा, सोगरा खातून आदि महिलाओं और छात्राओं ने अगुआ भूमिका निभाई. ऐपवा नेत्री सलमा खातून व ललिता देवी भी उनके साथ सामूहिक अनशन में शामिल रहीं.

मुंगेर में शाहीनबाग की नेता आफरीन उर्फ स्वीटी के नेतृत्व में दिलावरपुर स्थित अपने आवास पर धरना जिसमें 4 अन्य महिलायें व बच्चे शामिल रहे. फुलवारीशरीफ में शाहीनबाग आंदोलन से जुड़ी नसरीन नाज और अफ्शां जबीं ने भी अपने घरों में रहकर उपवास किया.