वर्ष - 30
अंक - 2
09-01-2021


पहली जनवरी 2021 को दिन के तीन बजे मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ नेता कामरेड सकल ठाकुर का हरिसभा चौक स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय में हृदयाघात से निधन हो गया. 72 वर्षीय कामरेड सकल ठाकुर बिहार के उन युवाओं में शामिल थे जिन्होंने नक्सलबाड़ी में ‘वसंत के वज्रनाद’ सुनाई पड़ते ही बिहार में क्रांतिकारी किसान विद्रोह खड़ा करने के सपने से खुद को जोड़ लिया और मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी में भाकपा(माले) के गठन के बाद सक्रिय तौर पर उससे जुड़ गए.

का. सकल ठाकुर विगत 50 वर्षों से जिले में पार्टी की कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों में रहे, पार्टी के विकास-विस्तार में गंभीरता से लगे रहे तथा लगातार नेतृत्वकारी भूमिका निभाते रहे. विगत लगभग 25 वर्षों से अपने निधन के दिन तक वे भाकपा(माले) की जिला कमेटी, जिला स्थायी समिति के सदस्य और पिछले 15 वर्षों से जिला कार्यालय के सचिव रहे. उनके निधन की सूचना मिलते ही भाकपा(माले) राज्य सचिव का. कुणाल, ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव का. मीना तिवारी हरिसभा चौक स्थित जिला कार्यालय पहुंचे.

अगले दिन 2 जनवरी को जिला कार्यालय पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा. सैकड़ों राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. वामपंथी दलों, सामाजिक संगठनों व राजद, कांग्रेस व समाजवादी दलों के नेताओं समेत शहर के संस्कृति कर्मियों व नागरिकों ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी, इनमें भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी की सदस्य व ऐपवा के राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, नगर विधायक विजेन्द्र चौधरी, फुलवारीशरीफ से भाकपा(माले) विधायक गोपाल रविदास, राजद जिला अध्यक्ष रमेश गुप्ता, ऐक्टू के प्रदेश महासचिव आरएन ठाकुर, भाकपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अजय सिंह, माकपा के सुंदेश्वर सहनी, सीपीआई(एमएल) न्यू डेमोक्रेसी के वरिष्ठ नेता सुरेश दास कनौजिया, क्लास स्ट्रगल के जिला सचिव उदय चौधरी, एसयूसीआई के अरविंद कुमार, समाजवादी शाहिद कमाल, प्रो अरविंद कुमार डे, अधिवक्ता ललितेश्वर मिश्र, अशोक कुमार सिंह, मनोज मिश्र, प्रो अवधेश कुमार, आनंद पटेल, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह व राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम, संस्कृतिकर्मी स्वाधीन दास, कामेश्वर प्रसाद, बैजू कुमार शामिल थे.

इंसाफ मंच के नेता जफर आजम, असलम रहमानी, फहद जमां, मतलुबूर रहमान, रेयाज खान, किसान महासभा के नेता जितेंद्र यादव, खेग्रामस के नेता शत्रुघ्न सहनी, रामनंदन पासवान, रामबालक सहनी, होरिल राय, बिंदेश्वर साह, रामबली मेहता, परशुराम पाठक, वीरेन्द्र पासवान, आइसा के दीपक कुमार, अजय कुमार, शाहनवाज ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. सबने कहा कि सकल ठाकुर आजीवन सामाजिक समानता, न्याय, भाईचारा तथा सद्भाव के लिए संघर्षरत रहे. उनका जीवन जनता के हित के लिए समर्पित था. विगत 50 वर्षों से अविचल रूप से क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आंदोलन में उनका जुड़ाव नौजवान पीढ़ी के लिए एक मिसाल है.

का. सकल ठाकुर की अंतिम यात्रा ‘कामरेड सकल ठाकुर अमर रहें’ व ‘कामरेड सकल ठाकुर को लाल सलाम’ के नारों के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकली. इस यात्रा में उनके परिजनों समेत सैकड़ों लोगों और महिलायें ने भी हिस्सा लिया. अंतिम यात्रा भाकपा(माले) कार्यालय से निकल कर उनके गृह मुहल्ला रामबाग के प्रमुख रास्तों से गुजरते हुए सिकंदरपुर नदी किनारे पहुंची. वहां सैकड़ों लोगों ने ‘लाल सलाम’ के नारों व नम आंखों से उन्हें अग्नि को सुपुर्द किया. ऐपवा की जिला अध्यक्ष व दिवंगत पार्टी नेता कासकल ठाकुर की पत्नी शारदा देवी, उनके चारों बच्चों, परिजनों व संबंधियों समेत मुहल्ला वासी भी वहां मौजूद थे.

कामरेड सकल ठाकुर अमर रहें!