वर्ष - 30
अंक - 4
23-01-2021


17 जनवरी 2021 को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं किसान आंदोलन एकजुटता मंच इलाहाबाद (उप्र) के संयुक्त बैनर तले जानसेनगंज में एक किसान विचार गोष्ठी आयोजित की गई. गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में चल रहा किसान आंदोलन, आजादी के बाद एक बड़ा जन आंदोलन हैं. यह सिपर्फ खेती-किसानी बचाने की लड़ाई नही है. यह आंदोलन लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई है. बीजेपी की सरकार कोरोना महामारी के समय में अलोकतांत्रिक तरीके से यह कानून पारित कर जनता के ऊपर कहर बरपाने का काम कर रही है. पूरे देश के किसान इस तीनों कृषि कानूनों का पूरी मजबूती के विरोध कर रहे हैं. किसानों के उस आंदोलन में देश की बड़ी जनता भी उनके साथ खड़ी हैं. तीनों कृषि कानून अंबानी-अडानी जैसे लोगों के हित के लिए बनाये गए हैं.

दिल्ली के कई बाॅर्डरों पर किसान 50 दिन से इस भयानक ठंडी में आंदोलन कर रहे हैं और कई किसान इस आंदोलन में शहीद हो गए हैं. इसके बावजूद भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. हमारे जिले एवं पूरे प्रदेश में लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला चल रहा है. सरकार किसान आंदोलन के समर्थन में होने वाले विरोध प्रदर्शनों का भयानक तरीके से दमन कर रही है. प्रशासन किसान आंदोलन के समर्थन में होने वाले कार्यक्रमों की अनुमति देने से इंकार कर देता है. इसके बावजूद पूरे देश भर में किसानों का आंदोलन चल रहा है. देश की आवाम किसान आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी हुई है, क्योंकि यह सिर्फ खेती को बचाने की लड़ाई नहीं है. यह देश, संविधान, लोकतंत्र और आने वाली नस्लों को बचाने की लड़ाई है. गोष्ठी ने आगामी 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर पत्थर चर्च गिरजाघर पर एक बड़ा प्रदर्शन करने का निर्णय लिया. गोष्ठी में डा. आशीष मित्तल, रवि मिश्र, फूलचंद यादव, सुभाष पटेल, गायत्री गांगुली, राजवेंद्र सिंह, डा. विक्रम, सुभाष पांडेय, रामसागर, शैलेश, रामयश यादव, विनोद तिवारी, पदमा सिंह, डा. कमल, माता प्रसाद, चन्द्रपाल, प्रदीप कुमार, विवेक, प्रदीप ओबामा, रामकिशोर पाल, नीरज कुमार, श्यामजी पाल, मुन्नीलाल यादव, विकास स्वरूप, भूपेंद्र पांडेय आदि ने अपनी बात रखी. अध्यक्षता नसीम अंसारी ने की.