वर्ष - 30
अंक - 11
13-03-2021

 

ऐक्टू राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो-दिवसीय बैठक विगत 11-12 मार्च 2021 को बिहार की राजधनी पटना में संपन्न हुई. बैठक में निजीकरण के खिलाफ किसान आंदोलन के तर्ज पर बिना रुके-थके आंदोलन खड़ा करने और शहीद भगत सिंह शहादत दिवस पर आगामी 23 मार्च को देशभर में प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की गई.

बैठक के दौरान 12 मार्च 2021 को पटना में मौजूद भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने भी ऐक्टू की केंद्रीय कार्यसमिति बैठक को संबोधित किया. उन्होंने मज़दूर आंदोलन को किसान आंदोलन के तर्ज पर तेज करने की बात कही और निजीकरण व मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड के खिलाफ बड़ी लड़ाई खड़ी करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि रेल से लेकर इस्पात कारखानों तक को बड़े पूंजीपतियों को सौंपा जा रहा है, इसका बड़े पैमाने पर विरोध करने की जरूरत है.

विशाखापटनम स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन को ऐक्टू का पूर्ण समर्थन

ऐक्टू कार्यसमिति ने विशाखापटनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के विरुद्ध चल रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हुए, अन्य जगहों पर भी निजीकरण के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला लिया. 15 मार्च, 2021 को देशभर में रेलवे स्टेशनों के बाहर रेलवे, बैंक, बीमा, डिफेंस, इस्पात इत्यादि के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर देशभर में ऐक्टू द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे. बैठक में रेल कर्मचारियों के बीच उनकी मांगों को लेकर व्यापक प्रचार करने का भी निर्णय लिया गया.

साम्प्रदायिक माहौल बनाकर असली मुद्दों से भटका रही है सरकार

ऐक्टू राष्ट्रीय अध्यक्ष वी. शंकर व महासचिव राजीव डिमरी ने बैठक को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर लगातार साम्प्रदायिक माहौल बनाकर रोजगार, मंहगाई, किसान-मजदूर विरोधी कानून बनाए जाने, मजदूर अधिकारों को खत्म करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिशें बढ़ाने का आरोप लगया. उन्होंने कहा कि मुनाफे वाली सार्वजनिक कम्पनियों को बेचा जा रहा है, मुनाफे वाले बैंको का मर्जर और निजीकरण सिर्फ बैंक कर्मचारियों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि आम जनता के भी खिलाफ है. मोदी सरकार आम जनता की जमा पूंजी और ब्याज को भी पूंजीपतियों के हवाले कर रही है.

वी. शंकर ने कहा कि मोदी सरकार 8 घंटा काम को बढ़ाकर 12 घंटा करने वाली जो कारवाई कर रही है, वह इतिहास को पीछे ले जाने वाली है. इस सरकार के काॅरपोरेट-पूंजीपति परस्त निजीकरण के इन कार्रवाईयों के खिलाफ ऐक्टू मजदूरों के साथ साथ आम जनता को भी एकजुट करेगी और सरकार की इन कार्रवाइयों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध खड़ा करेगी.

ऐक्टू राष्ट्रीय कार्यसमिति से मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ मजदूरों-गरीबों को एकजुट करने की रणनीति पर आंदोलन खड़ा करने का अहम पफैसला लिया गया.

aicctu working committee meeting