वर्ष - 30
अंक - 13
27-03-2021

 

बिहार विधानसभा के अंदर लोकतंत्र की हत्या के विरोध में और इसके जिम्मेवार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार की जनता से माफी मांगने की मांग पर विपक्षीे महागठबंधन ने 26 मार्च 2021 को बिहार बंद का आह्वान किया था. इसका असर सुबह से ही दिखने लगा. भाकपा(माले) कार्यकर्ता पूरे राज्य में सुबह से ही सड़कों पर उतर आए. दरभंगा व जहानाबाद में रेल परिचालन को ठप्प किया, बाजार बंद कराया और ‘जेपी-लोहिया की धिक्कार, शर्म करो नीतीश कुमार’ के नारों के साथ ‘बिहार सशस्त्रा बल अधिनियम-2021’ को बिहार की जनता पर थेपने से बाज आने को कहा. भाकपा(माले) व उसके जनसंगठनो -- अखिल भारतीय किसान महासभा, ऐक्टू व खेग्रामस के कार्यकर्ताओं ने बंद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

दरभंगा में माले कार्यकर्ताओं ने जयनगर-सहरसा जानकी एक्सप्रेस को लहेरियासराय रेलवे स्टेशन पर घंटो रोके रखा. दरभंगा के बहादुरपुर में मिर्जापुर-कौआही चौक पर लहेरियासराय-रोसड़ा रोड को जाम कर दिया. जहानाबाद में गया-पटना 4 पीजी ट्रेन रोकी गई.

आरा में सुबह 8 बजे से ही आरा-पटना मुख्य मार्ग एनएच 30 को पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जाम कर दिया गया. बंद के कारण आरा बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा. जिले के सहार, पीरो, अगिआंव, नारायणपुर (एसएच 12) तथा कोइलवर (आरा-छपरा मुख्य मार्ग) में भी सड़क जाम रहा. गड़हनी में भाकपा(माले) व राजद कार्यकर्ताओं ने एक साथ मिलकर आरा-सासाराम मुख्य मार्ग केा जाम कर दिया.

जहानाबाद में काको मोड़ पर जाम लगाने के कारण पटना-गया मार्ग बंद हो गया है. बंद समर्थकों ने शहर में भी मार्च किया और फिर अरवल मोड़ को जाम कर दिया. नालंदा के हिलसा में भी इस्लामपुर-फतुहा रोड व एकंगरसराय में पटना-गया रोड पर जाम लगाने के साथ ही हिलसा, इसलमापुर और चंडी में व्यापक आजार बंद हुआ.

बक्सर के डुमरांव में सैंकड़ों माले कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही एनएच 120 को जाम कर दिया. गया जिले के कोच व टिकारी में सड़क के साथ-साथ दुकान व प्रतिष्ठान भी बंद रहे. पूर्णिया के रूपौली में भी बंद का व्यापक असर रहा. समस्तीपुर में गांधी चौक व ताजपुर के पास नेशनल हाइवे पर माले कार्यकर्ताओं ने आवाजाही को ठप्प कर दिया.

भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने गया जिले के डोभी में जीटी रोड को जाम किया. इसके अलावे गया-कुर्था रोड, गया-खिजरसराज रोड को भी घंटो जाम रखा गया. पूर्वी चंपारण में एनएच 28 को लगभग एक घंटा जाम किया गया. मधुबनी के जयनगर में महावीर चौक व वाटर वेज चौक जाम रहा. समस्तीपुर में एनएच 28, मुजफ्फरपुर के तुर्की-कुढ़नी में एनएच 77 और बोचहां में एनएच 57, पूर्वी चंपारण में मोतिहारी-अरेराज रोड, सिवान में जेपी चौक, दाउदनगर में पटना-औरंगबाद रोड, अरवल के भगत सिंह चौक पर पटना-औरंगाबाद रोड, भागलपुर में सुजागंज बाजार, दरभंगा में बाजार समिति चौक पर एनएच 57, नवादा में प्रजातंत्र चौक, भागलपुर में एनएच 80 आदि सड़कों व चैराहों पर जाम लगाकर बिहार बंद को पूरी तरह सफल बनाया गया. मधेपुरा, बिहारशरीफ, नवादा, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्णिया, गोपालगंज आदि जिला केंद्रों पर भी बंद के समर्थन में मार्च हुआ. सीतामढ़ी में इंसाफ मंच ने मार्च किया.

राजधानी पटना में बंद का व्यापक असर देखा गया. अधिकांश दुकानें व प्रतिष्ठान बंद रहे. ऑटो सेवायें भी बंद रहीं. दूसरी ओर, तीनों कृषि कानूनों, निजीकरण व 4 श्रम कोड के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर भारत बंद के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा, ऐक्टू सहित अन्य किसान-मजदूर संगठन से जुड़े कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे.

पटना में जीपीओ गोलबंर से भाकपा(माले), किसान महासभा व ऐक्टू के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में मार्च निकाला. पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, अमर, किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव, विधायक व किसान महासभा नेता अरूण सिंह व सुदामा प्रसाद, घोसी विधायक रामबलि सिंह यादव, दरौली विधायक सत्यदेव राम, ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, किसान नेता शिवसागर शर्मा व उमेश सिंह, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार व मुर्तजा अली आदि ने इस मार्च का नेत्त्व किया. जीपीओ गोलबंर से निकलकर यह मार्च स्टेशन परिसर होते हुए डाकबंगला चैराहे पर पहुंचा,  सीपीआईएम-सीपीआई व उनसे जुड़े ट्रेड यूनियन व किसान संगठनों के साथ-साथ राजद के लोग भी बंद के समर्थन में डाकबंगला चौराहा पर पहुंचे और फिर चौराहे को जाम कर सभा आयोजित की गई. बिहार बंद के दौरान ‘नीतीश कुमार बिहार की जनता से माफी मांगो’, ‘डीजीपी व डीएम पर कार्रवाई करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, ‘बुद्ध की धरती को पुलिसिया राज में बदलने की साजिश मुर्दाबाद’, ‘बिहार को यूपी बनाना बंद करो’ आदि नारे लगे. तीनों कृषि कानून, चार श्रम कोड तथा पुलिस राज अधिनियम 2021 को वापस लेने की मांग के नारे भी लगते रहे. सभा को विधायक अरूण सिंह, केडी यादव, ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, ऐडवा की रामपरी, सीपीआई के जिला सचिव रामलला सिंह, सुदामा प्रसाद, सत्यदेव राम आदि ने संबोधित किया.

22 मार्च को पुलिस राज अधिनियम की वापसी की मांग के साथ प्रदर्शन तथा विधानसभा में विपक्षी विधायकों के साथ पुलिसिा अपमान व मारपीट के खिलाफ 24 मार्च 2021 को पूरे राज्य में धिक्कार दिवस आयोजित हुआ.

 

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