वर्ष - 31
अंक - 5
29-01-2022

23 जनवरी 2022 को भाकपा(माले) का मुजफ्फरपुर नगर इकाई का दसवां सम्मेलन दीवान रोड स्थित किरण भवन (कामरेड सकल ठाकुर नगर, कामरेड विरेन्द्र प्रसाद सिंह सभागार, कामरेड गुप्तेश्वर प्रसाद मंच) संपन्न हुआ. झंडोत्तोलन व अमर स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ सम्मेलन शुरू हुआ.

भाकपा(माले) केंद्रीय कमिटी की सदस्य व ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि आजादी के 75वें साल में देश में दो शक्तियों के बीच लड़ाई जारी है. एक ओर देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले और संविधान की रक्षा करने वाले लोग हैं तो दूसरी तरफ वे लोग हैं जो अंग्रेजों से माफी मांगने वाले और महात्मा गांधी के हत्यारों की पूजा करने वाले हैं. वे ऐसा हिन्दू राज चाहते हैं जिसमें दलित व गरीब हिन्दुओं के लिए कोई स्थान नहीं है. उनके यहां अडानी, अंबानी जैसे लोग हिन्दू हैं. गरीबों व दलितों को सम्मान देना उनकी शान के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस देश में नफरत, सांप्रदायिक विभाजन और गैर बराबरी को स्थापित करना चाहते हैं. ऐसे दौर में आरएसएस-भाजपा से मुकाबला करने की ताकत सिर्फ और सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी के पास ही है. इसलिए आज देश में जनसंहार की घोषणा करने वाली ताक़तों व फासीवादी कॉरपोरेटपरस्त शक्तियों को परास्त करने के लिए भाकपा(माले) जैसी पार्टी को मजबूत करना वक्त की जरूरत है.

भाकपा(माले) के मुजफ्फरपुर जिला सचिव कृष्णमोहन ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिन लोगों का आजादी की लड़ाई में योगदान का कोई इतिहास नहीं है वे ताकतें ही देश के लोकतंत्र को खंडित करने की लगातार साजिश रच रही हैं. देश के भाईचारे को बांटने का प्रयास किया जा रहा है. भारतीय संविधान पर लगातार हमला कर संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

प्रो. अरविंद कुमार डे ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा देश के इतिहास और देश की विरासत के साथ खिलवाड़ कर रही है. देश, संविधान व लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई को सभी स्तरों पर तेज करना होगा.

इंक्लाबी नौजवान सभा बिहार के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि आज देश में मुसलमानों-दलितों के खिलाफ एक साजिश के तहत नफरत फैलाई जा रही है. उसी का परिणाम है कि भारत जैसे देश में मुसलमानों के जनसंहार का आह्वान किया जा रहा ह. आज साम्प्रदायिक-फासीवाद के खिलाफ चौतरफा संघर्ष कर ही गंगा-जमुनी संस्कृति और समाज को बचाया जा सकता है.

सम्मेलन में निवर्तमान नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने कामकाज की रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट पर एक दर्जन से ज्यादा प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी. रिपोर्ट पारित होने के बाद सम्मेलन से 19 सदस्यीय नगर कमिटी का गठन हुआ. कासूरज कुमार सिंह पुनः नगर सचिव चुने गए.

सूरज कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि क्रान्तिकारी वामपंथ की सबसे भरोसेमंद ताकत भाकपा(माले) आगामी नगर निगम चुनाव में मेयर व उप मेयर समेत विस्तारित शहर के कई वार्डों से प्रत्याशी उतारेगी.

सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो. अरविंद कुमार डे, शारदा देवी, एडवोकेट अशोक कुमार सिंह, असलम रहमानी और विनय कुमार ने की. पर्यवेक्षक के तौर पर का. मनोज यादव, अतिथि के तौर पर खेग्रामस के राज्य कार्यकारी सचिव शत्रुघ्न साहनी, कर्मचारी नेता महेंद्र राय, संस्कृतिकर्मी स्वाधीन दास, कामेश्वर प्रसाद व संतलाल पासवान शामिल थे.

सम्मेलन में शिक्षक सच्चिदानंद राय, अधिवक्ता ललिते,वर मिश्र, इंसाफ मंच के जिला अध्यक्ष फहद जमां, राज्य उपाध्यक्ष जफर आजम, ऐपवा नेत्री प्रमिला देवी, वरिष्ठ कार्यकर्ता सुरेश ठाकुर, राजकिशोर प्रसाद, विजय गुप्ता, अकबर आजम सिद्दीकी, एजाज अहमद, आइसा के जिला संयोजक दीपक कुमार, मयंक कुमार, अजय कुमार, आरवाईए के राज्य पार्षद शफीकुर रहमान, मो. शाहनवाज सहित 56 प्रतिनिधि व 25 स्थानीय पर्यवेक्षक भी शामिल थे. कम्युनिस्ट इंटरनेशनल और नारों के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.