वर्ष - 31
अंक - 1
01-01-2022

उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित तथाकथित धर्म संसद से अल्पसंख्यकों के जनसंहार के आह्वान के जरिये धर्माेन्माद पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों हजारों की तादाद में अमन पसंद नागरिकों ने शामिल होकर सांप्रदायिक हिंसा को उकसावा देने वालों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की. नागरिकों ने साफ तौर पर कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जनसंहार के आह्वान और धर्माेन्माद के पीछे भाजपा और आरएसएस है. मोदी-योगी-धामी समझ लें कि गांधी के देश में गोडसे की नीतियां नहीं चलेगीं.

दिल्ली में भाकपा(माले), आइसा और ऐक्टू की भागीदारी के साथ उत्तराखंड भवन पर नागरिक प्रतवाद आयोजित कर धर्म संसद में नफरत फैलानेवाले यति नरसिंहानंद, अन्नपूर्णा और अन्य लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की गई. नागकरक प्रतिवाद को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि नफरत पैलानेवाले दन धुर दक्षिणपंथी व्यक्तियों व संगठनों को भाजपा का संरक्षण है. उत्तराखंड में अभी तक उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है, कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि ये कोई उत्तराखंड या हरिद्वार का मामला कोई अलग-थलग मामला नहीं है. इसी दिल्ली के अंदर एक ऑडिटोरियम में हिन्दू राष्ट्र के लिए लोगों को मरने-मारने की शपथ दिलायी गई. कर्नाटक में भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि इस देश में जो ईसाई और मुस्लिम हैं थोक भाव से उनकी घर वापसी हो और उन सबको हिन्दू बना दिया जाये. जाहिर सी बात है कि जिस तरह से हिटलर के जमाने में जर्मनी में ‘फाइनल सोल्यूशन’ का नारा देकर जनसंहार रचाया गया था, हमारे देश में भी कुछ लोग देश को उसी रास्ते पर धकेलना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से जब किसानो का आंदोलन चल रहा था तो ये मुद्दे सामने नहीें आ रहे थे. तीनो कृषि कानूनों को यह सोचकर भी नरेन्द्र मोदी सरकार ने वापस लिया कि इससे देश में किसानों के मृद्दे दब जायेंगे और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने और जनसंहार रचाने का मौका मिलेगा. इसलिए देश के अंदर सांप्रदायिकता को खारिज करने के लिए बिल्कुल ये जरूरी है कि हम देश के अन्य जरूरी मुद्दों – किसानों के सवालों, युवाओं के राजगार व शिक्षा के सवालों व स्वास्थ्य समेत जिंदगी के अन्य जरूरी सवालों को लेकर देश की राजनीति का मुद्दा तय करें. जो लोग हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर देश को बांटना चाहते हैं हम उन लोगों को देश की राजनीति और आनेवाले पांच राज्यों के चुनावों में सत्ता से बाहर करेंगे.

उन्होंने हरिद्वार, दिल्ली और कर्नाटक में धर्म के नाम पर नफरत फैलानेवाले सभी लोगों को गिरफ्तार करने तथा कर्नाटक के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या की संसद सदस्यता खारिज करने की मांग की.

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आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने नफरती बयान देनेवाले तमाम लोगों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक की है कि सरकार व पुलिस गुंगी-बहरी बनी हुई है.

उत्तराखंड में आयोजित तथाकथित धर्म संसद से अल्पसंख्यकों के जनसंहार के आह्वान के जरिये धर्माेन्माद पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ देशव्यापी आक्रोश की लपट पटना भी पहुंची. 27 दिसंबर 2021 को पटना में भाकपा(माले) और एआइपीएफ ने इसके खिलाफ सड़क पर प्रतिवाद किया और मजबूती से इस सच को रेखांकित किया कि गांधी के देश में गोडसे का अभियान नहीं चलने वाला है. देश की जनता इस नफरती अभियान को कभी सहन नहीं करेगी.

पटना में बुद्धि स्मृति पार्क के पास आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि भाजपा व आरएसएस ही इस तरह के नफरत भरे अभियान की मूल जड़ हैं. यह ताज्जुब की बात है कि संविधान का माखौल उड़ाने वाले और देश की गंगा-जमुनी तहजीब व एकता को तोड़ने वाले ऐसे देशद्रोही ताकतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो खुलेआम कत्लेआम का आह्वान कर रहे हैं.

वक्ताओं ने कहा कि देश की जनता गंगा-जमुनी तहजीब के पक्ष में है, और धर्म के नाम पर भड़काए जा रहे उन्माद का मुकम्मल जवाब देगी. मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम नफरत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग आज पूरा भारत कर रहा है.

एआइपीएफ से जुड़े वक्ताओं ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है. इस देश में धर्म के नाम पर जनता को बांटने की साजिश हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे.

कार्यक्रम में केडी यादव, शशि यादव, नवीन कुमार, उमेश सिंह, रणविजय कुमार, प्रकाश कुमार, समता राय, नसीम अंसारी, जीतेंद्र कुमार, मुर्तजा अली, अनय मेहता, संजय यादव, सुधीर कुमार, विनय कुमार, पन्नालाल सिंह, अनुराधा देवी, डाॅ. प्रकाश, प्रमोद यादव, विकास यादव, कुमार दिव्यम, संतोष आर्या, पुनीत पाठक, आसमा खान, अफ्रशा जबीं, फुरकान, अभय पांडेय, मृणाल राज, जीतेंद्र वर्मा आदि शामिल थे. संचालन एआइपीएफ के कमलेश शर्मा ने किया.

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बेगूसराय में भाकपा(माले) कार्यालय कमलेश्वरी भवन से प्रतिवाद मार्च निकाला गया जो समाहरणालय के उत्तरी द्वार पहुंच सभा मे परिणत हो गया. चन्द्रदेव वर्मा की अध्यक्षता में हुई सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव दिवाकर कुमार ने उत्तराखंड में आयोजित धर्म संसद से मुस्लिम विरोधी नफरत और उनका सफाया कर देने के आह्वान की कड़ी निंदा की है.

उन्होंने इस मसले पर मोदी सरकार की चुप्पी की भी कड़ी निंदा की है. कहा कि इस मुस्लिम विरोधी अभियान का न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में तीखी निंदा हो रही है, लेकिन मोदी-योगी सरकार चुप्पी साध कर दरअसल ऐसे नफरत भरे अभियान को बढ़ावा देने का काम कर रही है. यह देश के संविधान के खिलाफ है.

मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम नफरत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए, जिन्होंने मुसलमानों के जनसंहार का आह्वान किया.

इस धर्म संसद में दिए गए भाषण के वाइरल वीडियो क्लिप में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और हिन्दुओं को हथियार उठाने के लिए कहा जा रहा है.

भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य नवलकिशोर ने कहा कि उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड के चुनाव को देखते हुए भाजपा के लोग ही इस प्रकार का उन्माद पैदा कर रहे हैं. इसके खिलाफ भाकपा(माले) पूरे राज्य में प्रतिवाद करेगी.

नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव, मो. इसराफिल, गौरी पासवान, आईसा जिलाध्यक्ष अजय कुमार, सचिव मो. फहीम, सोनू, फर्नाज, मो. कमाल, पुतुल देवी,सुरेश पासवान, नूरूल इस्लाम जिम्मी, वतन कुमार, जानकी देवी, कौशल पंडित, भूषण भारती शामिल थे.

आरा शहर के सरदार पटेल बस पड़ाव परिसर में भाकपा(माले) ने राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत विरोध मार्च निकाल कर मोदी-योगी का पुतला दहन किया. इसके बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) के नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित धर्म संसद से मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने और उनका सफाया कर देने का आह्वान देश के संविधान के खिलाफ है. सभा को आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार, इंनौस राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, जिला सचिव विकास कुमार, राजेंद्र यादव, वार्ड पार्षद अमित बंटी, अभय कुशवाहा, रुचि प्रिया सहित अन्य ने संबोधित किया.

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दरभंगा में भाकपा(माले) व इंसाफ मंच के बैनर तले लहेरियासराय क्लब से लहेरियासराय टाॅवर होते हुए लोहिया चैक और क्लब तक पुनः वापस आते हुए प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, राजद के जिलाध्यक्ष उमेश राय, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, जसम के राज्य उपाध्यक्ष प्रो. कल्याण भारती, भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, नगर सचिव सदीक भारती, आइसा जिला अध्यक्ष सचिव क्रमशः प्रिंस कुमार कर्ण, मयंक कुमार आदि ने किया. ‘मोदी-योगी-धामी शर्म करो’, ‘साम्प्रदायिक उन्माद भड़काना बन्द करो’, ‘भारत की साझी संस्कृति-साझी विरासत जिंदाबाद’, ‘मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम जनसंहार करने का आह्वान करने वालों को जेल भेजो’, ‘देश की एकता-भाईचारा पर हमला बंद करो’ आदि नारे लिखे तख्तियां लिए लोगों ने कहा कि गांधी के देश में गोडसे का अभियान नहीं चलने वाला है.

लहेरियासराय क्लब के पास हुई विरोध सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि भाजपा व आरएसएस ही इस तरह के नफरत भरे अभियान की मूल जड़ हैं. यह ताज्जुब की बात है कि संविधान का माखौल उड़ाने वाली और देश की गंगा-जमुनी तहजीब व एकता को तोड़ने वाली ऐसी देशद्रोही ताकतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

अन्य वक्ताओं ने कहा कि देश की जनता गंगा-जमुनी तहजीब के पक्ष में है और धर्म के नाम पर भड़काए जा रहे उन्माद का मुकम्मल जवाब देगी. मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम नफरत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेताओं यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग आज पूरा भारत कर रहा है.

इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है. इस देश में धर्म के नाम पर जनता को बांटने की साजिश हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे. प्रतिवाद कार्यक्रम में राजद के महानगर अध्यक्ष रामाशंकर सहनी व राजद नेता सुभाष पासवान भी शामिल थे.

जहानाबाद जिले के मखदुमपुर में भाकपा(माले) और इंकलाबी नौजवान सभा ने इसके खिलाफ सड़क पर प्रतिवाद किया और प्रधान मंत्री मोदी का पुतला फूंका. इस मौके पर भाकपा(माले) प्रखंड सचिव सत्येन्द्र रविदास ने कहा कि गांधी के देश में गोडसे का अभियान नहीं चलने वाला है. देश की जनता इस नफरती अभियान को कभी सहन नहीं करेगी. मखदुमपुर बाजार के साथ ही पलेया व कायमगंज आदि जगहों पर भी प्रतिवाद मार्च निकाले गए.

ब्लाॅक मोड़ के पास आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सह सचिव और नगर पार्षद वेंकटेश शर्मा ने मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम नफरत भरी बातें करने वाले हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. कार्यक्रम में शिवरतन सिंह, दयानंद प्रसाद, प्रशांत शर्मा सोनू सिंह, ऐपवा नेत्री मुन्नी देवी, अशोक दास, अरुण यादव, सन्नी भदानी सहित कई लोग मौजूद थे.

बक्सर जिले के डुमरांव, प. चंपारण के बेतिया व रोहतास जिले के सासाराम में भी विरोध प्रदर्शन आयोजित कर में मोदी का पुतला दहन किया गया. 29 दिासंबर को गया में भी प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ.

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धर्म संसद की आड़ में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जनसंहार के आह्वान व नफरत फैलाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने और धर्माेन्माद को संरक्षण देने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से इस्तीपफे की मांग करते हुए 28 दिसंबर को उत्तराखंड के लालकुआं में प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद मार्च बिंदुखत्ता स्थित पार्टी कार्यालय से निकलकर कार रोड चौराहे पर गया जहां सभा की गई.

सभा में बोलते हुए भाकपा(माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और यह संविधान के हिसाब से चलेगा, किसी धार्मिक फतवे के आधार पर नहीं. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले फैलाये जा रहे इस नफरती अभियान को देश की जनता कभी सहन नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा व आरएसएस ही इस तरह के नफरत भरे अभियान की मूल जड़ हैं. यह ताज्जुब की बात है कि संविधान का माखौल उड़ाने वाले और देश की गंगा-जमुनी तहजीब व एकता को तोड़ने वाले ऐसे देशद्रोही ताकतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो खुलेआम कत्लेआम का आह्वान कर रहे हैं. इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्माद फैलाने वालों पर कार्रवाई न होना दिखाता है कि इनको उत्तराखंड सरकार का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को अपनी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

भाकपा(माले) के लालकुआं विधानसभा उम्मीदवार बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि देश की जनता गंगा-जमुनी तहजीब के पक्ष में है, और धर्म के नाम पर भड़काए जा रहे उन्माद का मुकम्मल जवाब देगी. भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है. इस देश में धर्म के नाम पर जनता को बांटने की साजिश हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे.

कार्यक्रम में भाकपा(माले) जिला सचिव कैलाश पांडेय, भुवन जोशी, ललित मटियाली, बिशन दत्त जोशी, पुष्कर दुबड़िया, नैन सिंह कोरंगा, कमल जोशी, हरीश भंडारी, निर्मला शाही, स्वरूप सिंह दानू, आदि शामिल थे.

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 27 दिसंबर 2021 को वामपंथी पार्टियों तथा जनवादी संगठनों द्वारा एडीएम नूपुर राशि पन्ना को महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर धर्म संसद के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, धार्मिक उन्माद व नफरत फैलाने तथा चर्चों पर किये जा रहे हमले का विरोध किया गया. ज्ञापन में देश की शांति प्रिय जनता के बीच धर्म के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने, नफरत भरे भाषणों व हिंसा फैलाने के आह्वान की कड़ी निंदा की गई.

ज्ञापन में धार्मिक उन्माद फैलाने पर तत्काल रोक लगाने और समुदायों के बीच नफरत फैलाने व भड़काऊ भाषण देने में लिप्त स्वामी यति नरसिंहानंद, स्वामी प्रबोदानंद, अन्नपूर्णा मां, धर्मदास महाराज, कालीचरण और अन्य सभी लोगों को गिरफ्तार करने, चर्चों पर किए जा रहे हमलों को तुरंत रोकने तथा दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई.

प्रतिनिधिमंडल मे भाकपा(माले) लिबरेशन से बृजेन्द्र तिवारी, माकपा से डीवीएस रेड्डी व शांत कुमार, भाकपा से विनोद कुमार सोनी, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच से राजकुमार गुप्ता, ऐक्टू से आरपी गजेन्द्र, सीटू से अशोक खातरकर, एटक से धीरेंद्र सिंह, पीयूसीएल से प्रसाद राव, कर्बला कमेटी से चांद खान व बरकत अली तथा अब्दुल अजीम, दिलीप उमरे, नदीम आदि लोग शामिल थे.

प्रयागराज में कई संगठनों ने संयुक्त रूप से हरिद्वार की धर्म संसद में नफरत भरी बयानबाजी के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठनों ने बालसन चौराहे के पास जमा होकर नारेबाजी करते हुए नफरत पैलानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. प्रतिवाद सभा को फ्रेटरनिटी मूवमेंट की सारा अहमद सिद्धिकी, दिशा छात्रा संगठन के अविनाश, पीयूसीएल की सीमा आजाद व आनंद मालवीय, आइसा के मनीष कर्मचार नेता अविनाश मिश्र, एसएफआइ के विकास स्वरूप तथा अधिवक्ता मंच के राजीव ने संबोधित किया.

उतराखंड मे धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले वक्तव्य और गांधीजी के अपमान के खिलाफ विगत 29 दिसंबर को महाराष्ट्र के दादर स्टेशन (पूर्व) परिसर में प्रदर्शन आयोजित हुआ.

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