Statement on Assassination of Rahul Bhat, a Kashmiri Pandit Government Employee

13 मई 2022.

कश्मीर के बड़गाम में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या एक शर्मनाक व कायराना अपराध है जिसकी कड़ी भर्त्सना होनी चाहिए. यह सामाजिक तनाव को बढ़ाने की दिशा में की गई एक और टारगेटेड हत्या है.

मोदी सरकार, जो कि 2019 से अलोकत़ांत्रिक तरीके से जम्मू और कश्मीर पर शासन कर रही है, द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों पर किये गये लाठी चार्ज और अश्रु गैस से दमन की भी भर्त्सना होनी चाहिए. यह स्पष्ट है कि विरोध प्रदर्शन एवं अपनी आवाज उठाने के अधिकार का मोदी सरकार दमन कर रही है, चाहे वे कश्मीरी मुसलमान हों अथवा कश्मीरी पंडित. आज उक्त हत्या के खिलाफ कश्मीर में हुए विरोध प्रदर्शनों में कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुसलमानों दोनों ने हिस्सा लिया. वहीं सरकार ने बड़गाम में संवेदना व्यक्त करने जा रहे विपक्षी दलों के नेताओं को जाने से रोक दिया.

एक ओर भाजपा और आरएसएस कश्मीरी पंडितों की पीड़ा का इस्तेमाल देश के बाकी हिस्सों में साम्प्रदायिक उन्माद बढ़ाने और मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा भड़काने के लिए कर रहे हैं, वहीं पूरी राज्य मशीनरी और प्रत्येक स्तर की सुरक्षा कमाण्ड अपने सीधे नियंत्रण में होने के बावजूद सरकार कश्मीरी पंडितों एवं अन्य नागरिकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

सुरक्षा दे पाने और शांति स्थापित करने में भाजपा सरकार की नाकामी के विरोध में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने सरकारी नौकरियों से विरोध स्वरूप इस्तीफा सौंपा है. नोटबंदी और फिर धारा 370 हटाने के बाद आतंकवाद का सफाया हो जाने का प्रधानमंत्री मोदी का दावा पूरी तरह से झूठ साबित हुआ है, उल्टे आज हम देख रहे हैं कि घाटी में लम्बे समय से सोया हुआ आतंकवाद फिर से सिर उठा रहा है.

सच्चाई यह है कि आतंकवादी हिंसा का शिकार बड़ी संख्या में कश्मीरी मुसलमान भी हो रहे हैं. कश्मीरी मुसलमानों और कश्मीरी पंडितों को न्याय देने के सवाल को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करके नहीं देखा जा सकता — चाहे आतंकवादियों की हिंसा का सवाल हो अथवा राज्य के सैन्य बलों द्वारा हिरासत में यातना व हत्याओं का सवाल हो. शांति व न्याय के लिए जम्मू और कश्मीर की जनता को, साथ ही पूरे देश के लोकतंत्र पसंद लोगों को एक साथ एकजुट होना चाहिए. साम्प्रदायिकता और नफरत फैलाने की कोशिशों की हर हाल में शिकस्त होनी चाहिए.

- भाकपा (माले) केन्द्रीय कमेटी