वर्ग संघर्ष में धीरज व संकल्प की प्रतिमूर्ति हैं बड़गांव के गरीब टोले की महिलाएं

रानियां मिट गयीं
जंग लगे टिन जितनी कीमत भी 
नहीं रह गयी उनकी याद की
रानियां मिट गयीं
लेकिन क्षितिज तक फसल काट रही
औरतें
फसल काट रही हैं.
(बू्रनों की बेटियां, आलोक धन्वा)

बड़गांव के संघर्ष की गाथा

80 वर्षीय भिनिक राम के कुल छह बेटे हैं. उनमें से तीन – बालकेश्वर उर्फ चीना राम, त्रिलोकी राम और भरत राम – आजीवन कारावास की सजा पानेवालों में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बड़गांव ’70 के दशक से ही भाकपा(माले) के प्रभाव का गांव रहा है. बाघी कांड (जहां एक सामंत का सफाया हुआ था) जब हुआ तो पुलिस ने उनको भी गिरफ्तार किया. बाद मेंं वे छूट गये. भूमिगत काम के दौर में कामरेड जगदीश मास्टर, रामेश्वर यादव उर्फ साधुजी समेत कई पार्टी नेताओं का यहां आना-जाना था. पार्टी बैठकें भी होती थीं.

एमएसपी पर बहस - भाजपा के दोहरे रुख की निंदा करें!

भारत सरकार केवल 23 फसलों के लिए एमएसपी प्रदान करती है और इस मूल्य पर खरीद की गारंटी नहीं करती है. गेहूं और धान के लिए पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कुछ मंडियां मौजूद हैं. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य राज्यों में धान की कुछ सरकारी खरीद होती है. भारतीय कपास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न प्रकार से कपास की खरीद की जाती है. सरकारी तौल केंद्रों के माध्यम से मिलों में बिक्री से गन्ने की कीमत आश्वस्त की जाती है. नेफैड कुछ दालें खरीदता है.

नीतीश कुमार का पलटासन, भाजपा की तिकड़म और बिहार का संघर्ष

इस बार हवा ने भी अपना रूख बदला और पलटासन कुमार के चेहरे की कुटिल मुस्कान ही गायब कर दी. लेकिन पटना में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से पलटासन कुमार से भी ज्यादा बेचैनी दिल्ली में बैठे नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को थी. यह अब बच्चा-बच्चा जानता है कि मोदी-शाह बिहार की सत्ता हड़पने को क्यों बेचैन थे? राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा को तमाम संवैधानिक प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाकर एक राजनीतिक समारोह में बदल देने के बावजूद उनके 400 पार के बड़बोले दावे में बिहार ही सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ा था. भाजपा को अच्छे से पता है कि वह बिहार में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव में कोई हैसियत नहीं रखती.

डॉ. अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत

मधुबनी (बिहार) के लौकही चौक पर लंबे समय से बनकर तैयार डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा का लोकार्पण  विगत रविवार 11 फरवरी 2024 को भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने किया। इससे पहले उन्होंने फुलपरास चौक पर शहीद परमेश्वर यादव की प्रतिमा पर जो इस इलाके के चर्चित समाजवादी छात्र नेता थे और 1981 में सामंती ताकतों की हिंसा का शिकार हुए थे, माल्यार्पण किया तथा उनके परिजनों से मुलाकात की. 

अंग्रेजों से भी ज्यादा दमनकारी मोदी सरकार के नये जनविरोधी कानून

दिसंबर 2023 में भाजपा ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन महत्वपूर्ण कानूनों - भारतीय साक्ष्य संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 को पेश किया जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम, आपराधिक प्रक्रिया और भारतीय दंड संहिता की जगह लेगा. इन नई आपराधिक संहिताओं को 25 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, लेकिन ये तब तक लागू नहीं होंगे जब तक कि केंद्र सरकार द्वारा इस आशय की अधिसूचना जारी नहीं की जाती.

घाटी में सैनिकों की शहादत का मातम, भाजपा में जश्न का आलम!

13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा मुख्यालय में पुष्प वर्षा की जा रही थी. वजह बताई गयी कि प्रधानमंत्री ने जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया.

प्रधानमंत्री पर फूलों की वर्षा का दिन वही था, जिस सुबह अनंतनाग में दो सैन्य अधिकारियों और एक पुलिस अफसर के आतंकी हमले में मारे जाने की खबर आई थी.

बागेश्वर (उत्तराखंड) उपचुनाव: एक टिप्पणी

[ 5 सितंबर को 7 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के नतीजे आ चुके हैं. उनमें से 4 सीटों – उत्तर प्रदेश के घोषी, झारखंड के डुमरी, पश्चिम बंगाल के धुपगुरी और केरल के पुथुपल्ली में इंडिया गठबंधन के दलों को जीत मिली है; जबकि भाजपा को तीन सीटें मिली हैं. भाजपा को मिली सीटों में दो तो त्रिपुरा में हैं और एक उत्तराखंड का बागेश्वर सीट है. बागेश्वर में उसे मिली जीत पर पेश है एक टिप्पणी – सं.]

हिटलर व तुगलक के मिश्रण हैं नरेन्द्र मोदी

भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने 5 सितंबर 2023 को अपने बयान में कहा कि नरेन्द्र मोदी हिटलर व तुगलक के मिश्रण हैं. नोटबंदी के बाद अब नामबंदी की साजिश चल रही है. देश का संविधान साफ कहता है इंडिया दैट इज भारत. लेकिन अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से पत्र जारी किए जा रहे हैं. देश का नाम बदलने का यह पागलपन हमें हंसी का पात्र बनाएगा. मोदी शासन अराजकता और आपदा का निर्बाध शासन रहा है. इंडिया अर्थात भारत को इस विपत्तिपूर्ण शासन से हर हाल में बचाना होगा.