जी-20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन की हकीकत और गलत प्राथमिकताएं

भारत के विशाल और विविध शहरी इलाकों में जी-20 के कार्यक्रमों के एक साल लंबे सिलसिले का नजारा 8 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में 18वीं शिखर बैठक के साथ खत्म हो गया. चूंकि यह शिखर सम्मेलन 1983 में हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन के शिखर सम्मेलन और 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के बाद भारत की मेजबानी में पहला ऐसा खास अंतरराष्ट्रीय आयोजन था, इसलिए इसने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जनता का ध्यान आकर्षित किया.

भारत के पांव चांद पर, लेकिन भारतीय क्लासरूम डरावने कक्ष बन गए हैं

चंद्रयान-3 की सफल साॅफ्टलैंडिंग बेशक ‘इसरो’ के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह पहली बार है कि कोई चंद्र अभियान चंद्रमा के दक्षिणी धरुव पर उतरा हो, और इससे चंद्रमा की हकीकत की खोजबीन तथा उसके अध्ययन की वृहत्तर संभावनाओं के द्वार खुलने की उम्मीद है. भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का ऐसा बड़ा मील का पत्थर विज्ञान व तकनोलाॅजी, और खासकर अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की समग्र अग्रगति को प्रेरित करने की क्षमता रखता है.

भारत के संविधान को तहस-नहस करने की साजिश को नाकाम करें!

हिंदू वर्चस्ववादी खेमे के जरिये लंबे समय से भारत के संविधान को पलटने का मुद्दा अब खुलकर सामने आ गया है. नए संविधान की बड़ी ढिठाई से वकालत अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय द्वारा आजादी के 76वीं सालगिरह के मौके पर एक अखबार में लेख के बतौर सामने आयी है. खासकर, जब इसे लिखने वाला प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का अध्यक्ष हो और पहले से ही सरकार अपने बयानों और कदमो से इसे जाहिर कर रही हो, तब इसे किसी व्यक्ति की अलग-थलग राय मानना मूर्खता है.

लोकतांत्रिक भारत कानून सम्मत तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगा

जब भारत आजादी की 76वीं सालगिरह मना रहा था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकिला से 10वीं बार मुखातिब होते हुए हताशा भरी चुनावी भाषणबाजी कर रहे थे. भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के खिलाफ उनकी आडंबर भरी उकतानेवाली बातों ने फासीवादी हुकूमत के खिलाफ लोगों में फैल रहे गुस्से और सियासी एका के उभरते आसार से उनके बढ़ते डर को ही जाहिर किया है. उनका शेखी बघारते हुए कहना कि शिलान्यास की गयी परियोजनाओं का उद्घाटन वे अगले चुनाव में सत्ता वापसी के बाद करेंगे, यह उजागर करता है कि उनके पैरों तले की जमीन हर रोज फिसलती जा रही है.

राहुल गांधी की संसद सदस्यता की पुनर्बहाली मोदी शासन के लिए आंशिक धक्का है, इसे जमीन पर भाजपा की निर्णायक शिकस्त में तब्दील कर दें

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मोदी उपनाम को कलंकित करने के मुकदमे में राहुल गांधी पर लगाए गए अभियोग पर स्थगन दिया जाना भारत के खुलते राजनीतिक परिदृश्य में एक मोड़-बिंदु है. मोदी सरकार ने संसदीय व अन्य संवैधानिक निकायों के जरिये संविधान पर निरंतर हमला करने और लोकतंत्र को विनष्ट करने और अपने हर कदम के लिए न्यायिक स्वीकृति झटक लेने की कला में महारत हासिल कर ली है. तथाकथित मोदी उपनाम मुकदमे की पटकथा इसी रास्ते पर आगे बढ़ती हुई सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गई.

मणिपुर से हरियाणा और चलती रेलगाड़ियों तक, उस नफरत को रोकें जो भारत को बर्बाद कर रहा है!

मणिपुर तीन महीने से जल रहा है. इन तीन महीनों की लगातार हिंसा ने 60 हजार से ज्यादा लोगों को अपने ही राज्य में बेघर कर दिया है. जहां इस हिंसा की कहानियों और समय-समय पर आनेवाले वीडियो क्लिप्स ने दुनिया भर का ध्यान आकृष्ट किया है, वहीं विश्व-भ्रमण करने वाले भारत के प्रधान मंत्री को अबतक मणिपुर जाने का समय नहीं मिल सका है.

कुकी महिलाओं पर भयावह हमले मोदी के भारत में मानवता के बढ़ते संकट कोे आईना दिखाते हैं

मणिपुर में मेती लोगों की भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र का घुमाए जाने और उनपर यौन हमले करने का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसने मणिपुर में कानून का राज के पूर्ण विध्वंस की तस्वीर पूरी दुनिया के सामने ला दी है. वह घटना उस राज्य में हिंसा भड़कने के दूसरे ही दिन 4 मई को स्थानीय पुलिस की उपस्थिति में हुई थी. इस वारदात की एफआईआर 18 मई को दर्ज की गई थी, और दो महिला कार्यकर्ताओं तथा ‘नाॅर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन’ द्वारा 12 जून को राष्ट्रीय महिला आयोग के पास ई-मेल से एक शिकायत भी भेजी गई थी.

हमें लैंगिक न्याय और समानता चाहिए, यूसीसी के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मुस्लिमों का दानवी-चित्रण नहीं!

भोपाल में भाजपा के बूथ-स्तरीय कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गरज-तरज करने के ठीक बाद उसी राज्य से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सत्ता मदांध भाजपा युवा नेता प्रवेश शुक्ला एक आदिवासी मजदूर दसमत रावत के शरीर पर पेशाब करते दिख रहा था. वह वीडियो साफ दिखलाता है कि मध्य प्रदेश में, जहां भाजपा लगभग दो दशकों से शासन चला रही है, दरअसल किस किस्म की (अ-)नागरिक संहिता व्याप्त है.

महाराष्ट्र ने मोदी के भ्रष्टाचार-विरोधी भाषण के स्वांग को बेनकाब कर दिया है

शिव सेना में दलबदल करवाने के ठीक एक साल बाद मोदी-शाह शासन ने अब नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को अपना निशाना बनाया है. अजित पवार को एक बार फिर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. रविवार को हुआ यह उलट-फेर इस मामले में खास तौर पर सनसनीखेज है कि ऐसा मध्य प्रदेश में प्रधान मंत्री मोदी के ‘गारंटी’ भाषण के 72 घंटे के अंदर हो गया जिस भाषण में उन्होंने नाटकीय ढंग से एलान किया था कि अगर विपक्ष भ्रष्टाचार की गारंटी करता है तो मोदी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गारंटी करेंगे.

मोदी की राजकीय अमेरिका यात्रा ने पूरी दुनिया के सामने उनके शासन के असली चरित्र को बेनकाब कर दिया है

2024 के लोकसभा चुनावों के पहले नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के अंदर अपनी तेजी से गिरती छवि को सुधारने के लिए अपनी तथाकथित वैश्विक छवि का सहारा ले रहे हैं. जब मणिपुर मई माह की शुरूआत से ही जल रहा है और वहां 100 से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो चुके हैं, 200 से ज्यादा चर्चों को जला दिया गया है और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में जिंदगी बचाने की कोशिश कर रहे हैं, तब प्रधान मंत्री इस संकट-ग्रस्त राज्य को अधर में लटकता छोड़कर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर उड़ गए. उनके 9 वर्षों के शासनकाल में यह उनकी छठी अमेरिका यात्रा थी.