Gadchiroli Encounter Must Be Investigated In Keeping With SC Guidelines

महाराष्ट्र पुलिस ने गढ़चिरौली जिला के एक गांव में 13—14 नवम्बर को 26 माओवादियों को एनकाउण्टर में मार गिराने का दावा किया है.
इस घटना की सही लोकेशन के बारे में मिली रिपोर्टें एक समान नहीं है, और एनकाउण्टर व उसके बाद के घटनाक्रम के बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है. हालांकि पुलिस के उच्चाधिकारी और मंत्रियों ने विजयोल्लासी बयान देने में बिल्कुल भी देरी नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज बनाम सरकार के फैसले में गाइडलाइन्स बनायी हैं जिन्हें प्रत्येक पुलिस एनकाउण्टर मामले में लागू करना जरूरी है. जिसके अनुसार एनकाउण्टर की तत्काल एफआईआर दर्ज कर एक मजिस्ट्रेट एवं साथ में एक अतिरिक्त स्वतंत्र एजेन्सी से इसकी जांच करानी चाहिए. गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि जांच में यह साबित होने तक, कि एनकाउण्टर आत्मरक्षा में किया गया ​था, कोई भी आउट—आफ—टर्न प्रमोशन अथवा वीरता पुरस्कार आदि नहीं दिये जाने चाहिए. महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसमें शामिल पुलिस कर्मियों को 51 लाख के पुरस्कार की घोषणा कानून का उल्लंघन है, और यह नहीं करना चाहिए.

प्रभात कुमार
द्वारा भाकपा माले केन्द्रीय कमेटी के लिए जारी