वर्ष - 30
अंक - 13
27-03-2021

 

भाकपा(माले) ने तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में 12 सीटों पर और पुदुच्चेरी के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं. इन 12 सीटों में 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित हैं और 2 सीटों पर हमने महिला उम्मीदवार खड़े किये हैं. इनमें से 6 उम्मीदवारों की उम्र 30 से 40 वर्ष है. केवल दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे ज्यादा है. पुदुच्चेरी में हमारे उम्मीदवार मोतीलाल भी लगभग 40 वर्ष के युवा हैं. इस बार हम तीन नये विधानसभा क्षेत्रों से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जहां से हमने 15 वर्ष पहले चुनाव लड़ा था. इन तमाम चुनाव क्षेत्रों में पंचकोणीय मुकाबला है, जिसमें भाजपा-एआईएडीएमके गठजोड़, डीएमके गठजोड़, कमल हासन का संश्रय जिसको भाजपा-एआईएडीएमके द्वारा ही परोक्ष रूप से खड़ा किया माना जा रहा है, टीटीवी दिनकरन की पार्टी एएमएमके (शशिकला) के नेतृत्व वाला गठजोड़ जिसमें ओवैसी शामिल हैं, और सीमन के नेतृत्व में चल रही तमिल राष्ट्रवादी पार्टी मौजूद हैं.

एआईएडीएमके को भरोसा आखिरी वक्त पर की गई लोकलुभावन घोषणाओं पर है, जिनमें कृषि क्षेत्र को कर्जमाफी, गहनों के लिये कर्ज, 1900 मिनी-क्लीनिक खोलने और हम परिवार को 6 गैस सिलेंडर मुफ्त देने आदि वादे किये गये हैं. इसके साथ ही उन्होंने वन्नियार जाति को पिछड़ी जाति का पूरक आरक्षण देने तथा कुछ दलित जातियों का नाम बदलने की घोषणा करके सोशल इंजीनियरिंग को अंजाम देने की भी कोशिश की है. डीएमके गठजोड़ को एआईएडीएमके-भाजपा संश्रय के खिलाफ सत्ता-विरोधी (एंटी-इनकंबैंसी) कारक पर तथा रोजगार मुहैया कराने आदि के अपने लोकलुभावन वादों पर चुनाव जीतने का भरोसा है. जीत के लिये मोदी ने डीएमके की सीटों को दो अंकों तक सीमित करने की एक रणनीति सुझाई है. भाजपा ने अपने गठजोड़ के साझीदार एआईएडीएमके की सीटें कम करने के लिये बिहार की रणनीति भी अपनाई है. जनमत सर्वेक्षणों ने डीएमके की जीत की भविष्यवाणी की है.

भाकपा(माले) तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में जनता के बीच अपने नेतृत्व में किये गये संघर्षों को प्रस्तुत किया है. अपने प्रचार में हम जन-प्रतिरोध का वैकल्पिक माॅडल पेश कर रहे हैं और विधानसभा में कारगर, सच्चे वामपंथी विपक्ष के लिये वोट मांग रहे हैं. हम असंगठित मजदूरों, खेत-मजदूरों और किसानों के मुद्दों और संघर्षों को सामने ला रहे हैं. हम पेरियार और अंबेडकर जैसे समाज-सुधारकों से प्रेरित प्रगतिशील मूल्यों और तमिलनाडु राज्य की पहचान का विनाश करने की भाजपा की साजिश का भंडाफोड़ करने पर प्रचार केन्द्रित कर रहे हैं. हम दो विधानसभा क्षेत्रों, कन्याकुमारी जिले के कोलाचल चुनाव क्षेत्र में और तिरुनेल्वेली क्षेत्र में भाजपा का सीधे मुकाबला कर रहे हैं. गंधर्वकोट्टै चुनाव क्षेत्र में बीस से ज्यादा पंचायतों में हमने कई जनसभाएं संगठित की हैं. नामांकन-पत्र दाखिल करते समय हुई रैली में सैकड़ों मोटर साइकिलें, कई ट्रैक्टर और बैलगाड़ियां शामिल थे. हम कुछेक गाड़ियों के साथ उम्मीदवार द्वारा तीखा राजनीतिक प्रचार के साथ समन्वित कर पंचायत और बूथ स्तर पर जमीनी गोलबंदी संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं. कोलाचल जैसे कई विधानसभा क्षेत्रों में हम चुनाव प्रचार के मकसद से प्रिंट और सोशल मीडिया के भी कारगर इस्तेमाल की कोशिश कर रहे हैं. हमने दो ऐसे उम्मीदवार भी खड़े किये हैं जो देवकोट्टै और मनलूर में हुए सामंत-विरोधी संघर्षों के दौरान, जिसमें हमारे दो कामरेड शहीद हो गये थे, लम्बे अरसे तक जेल में कैद रहे हैं. अभी पूरे जोश से जोरदार प्रचार अभियान चल रहा है. बिहार के हमारे युवा विधायक संदीप सौरभ तमिलनाडु में 30 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक सारे चुनाव क्षेत्रों में प्रचार अभियान में शामिल रहेंगे. केन्द्रीय कमेटी सदस्य बालसुंदरम, एन.के. नटराजन और शंकर के साथ-साथ आइसा के अध्यक्ष एन. साई बालाजी भी 27 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक प्रचार अभियान में शामिल रहेंगे.

इस चुनाव में हमारा केन्द्रीय नारा है –

  • “कारपोरेट-परस्त, मनुवादी, भगवा फासीवादी भाजपा को तमिलनाडु में पैर रखने से रोक दो!
  • जन-विरोधी भाजपा-एआईएडीएमके-पीएमके गठजोड़ को शिकस्त दो!
  • तमिलनाडु की रक्षा के लिये, लोकतंत्र की रक्षा के लिये, विधानसभा के सदन में जनता की आवाज गुंजाने के लिये – भाकपा(माले) को वोट दो!”

सभी चुनाव क्षेत्रों में जोशीला प्रचार अभियान अभी शुरू हुआ है. हम भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

 

campaign during the assembly elections in Tamil Nadu

नामांकन के साथ ही चुनाव प्रचार अभियान की जोरदार शुरूआत

पेट्रोल व सब्जियों में हुई मूल्य वृद्धि की झांकियों से सजे टैक्टर व गाजे-बाजे के साथ रैली निकालकर हमारे प्रत्याशी कामरेड शक्तिवेल ने त्रिचि जिले के मनप्परै विधानसभा क्षेत्र में नामांकन दाखिल किया. वे दलित पृष्ठभूमि से आते हैं और वकील हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में हमारे सभी साथी कुछ दिनों पहले ही सीपीएम छोड़ कर हमारे साथ आए हैं. वे पिछले एक दशक से, और इनमें से कुछ तो पिछले दो दशकों से, सीपीएम में थे. चुनाव तैयारी के दौरान ही इस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो प्रखंडों में पार्टी संगठन का निर्माण किया गया है.

पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य व ऐक्टू नेता कामरेड इरनियप्पन ने चेन्नई के नजदीकी चेंगलपट्टु विधान सभा क्षेत्र से नामांकन किया है. इस क्षेत्र से हम 14 वर्षों के अंतराल के बाद चुनाव लड़ रहे हैं. इस बीच हमारा कामकाज श्रीपेरम्पुदुर इलाके में स्थानांतरित हो गया था. लेकिन हमने अपनी प्राथमिकताएं बदल ली हैं और चेन्नई के इर्द-गिर्द नए क्षेत्र में अपना कामकाज बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. पफोर्ड मोटर्स और महिन्द्र सिटी भी इसी विधान सभा क्षेत्र में अवस्थित है. इस क्षेत्र को पंचामि भूमि, जो केवल दलितों के लिए ही आरक्षित है और अन्य किसी को हस्तांतरित नहीं हैं लेकिन दूसरे लोग ही जिसका उपयोग करते आए हैं, के लिए चले संघर्ष की वजह से भी जाना जाता है. यह अब भी यहां का एक प्रमुख सवाल बना हुआ है. यह भी श्रीपेरेम्पुदुर जैसा ही एक अन्य क्षेत्र है जो ग्रामीण इलाके से सटा हुआ भी है. इस विधानसभा क्षेत्र में दलितों पर उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है और सीपीएम जहां इस मामले में फेल हो गई, वहीं हम यहां इस मुद्दे का चैम्पियन बनने की कोशिश में हैं. हमारी पार्टी दलित उत्पीड़न की एक घटना पर, जिसका शिकार हमारे प्रत्याशी खुद भी हुए थे, लगातार पहलकदमियां ली हैं.

करूर जिले के कृष्णारायपुरम विधानसभा क्षेत्र से कामरेड नारायणन ने नामांकन दाखिल किया है. कामरेड नारायणन को 90 के दशक में शिवगंगा जिले के देवकोट्टै में जातीय प्रभुता और ‘नाडू’ सिस्टम के खिलाफ चले सामंतवाद विरोधी संघर्ष के दौरान झूठे मुकदमे में फंसा कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वे 2010 में जेल से बाहर आए. इस संघर्ष में कामरेड शिबू की शहादत भी हुई थी. हम मोदी द्वारा एक विशेष नोटिफिकेशन जारी कर 6 दलित उपजातियों को एक ही जाति देवेन्द्रकुल वेलाला में बांधने और इसे जाति उन्मूलन का करार देने के खिलाफ एक सामंतवाद विरोधी संघर्ष खड़ा करने की कोशि चला रहे हैं.

पार्टी केंद्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड असैतम्बी ने पुदुकोट्टै गंघर्वकोट्टै विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है. राज्य कमेटी के सदस्य कामरेड अंतोनी मुत्तू ने कन्याकुमारी जिले के कोलाचल विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दर्ज किया. एआएडीएमके गठबंधन में यह भाजपा की सीट है.

तंजौर जिले के तिरुविदैमरुधर विधानसभा क्षेत्र से, जहां दशकों पहले कामरेड चंद्रशेखर व चंद्रकुमार शहीद हुए थे, कामरेड कन्नैयन ने नामांकन किया है. पिछले दिनों आयी थोड़ी गतिरूद्धता के बाद इस जिले में पार्टी कामकाज में फिर से तेजी आई है.

आरवाइए के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सुंदरराज ने तिरफनेल्वेली विधानसभा क्षेत्र से, जहां कामरेड मरियप्पन शहीद हुए थे, अपना नामांकन दाखिल किया. 18 मार्च को मदुरै की शोलावंदन विधानसभा क्षेत्र से हमारे प्रत्याशी कामरेड ईश्वरी ने नामांकन किया. इस इलाके में हमने माइक्रो फायनेंस के कर्जें के खिलाफ सक्रिय संघर्ष चलाया है. उसी दिन, पार्टी राज्य कमेटी के सदस्य और खेग्रामस नेता कामरेड वेंकटेशन ने कल्लाकुरिचि जिले के उलुंदरपेट्टै विधानसभा क्षेत्र से और कामरेड मणिमेकलै ने पुदुकोट्टै जिले के अलंगुडी विधानसभा क्षेत्र में नामांकन किया. यह इलाके व आधार दोनों ही लिहाज से पार्टी कामकाज का नया विस्तार है. यह इलाका नया है और यहां जो हमारा सामाजिक आधार बना है वह जिले में हमारे परंपरागत आधार से अलग है.

चुनाव क्षेत्र व प्रत्याशियों की सूची
तमिलनाडुुुुुुुु

1  चेंगलपट्टु  चेन्नई    इरनियप्पन (61 वर्ष)
2  उलुंदरपेट्टै  कल्लाकुरिचि    वेंकटेशन (55)
3  सैलम साउथ  सैलम    वेल्मुरुगन (36)
4  कुमारपालयमु   नमक्कल    सुब्रमणि (40)
5  कृष्णरायपुरम (अ.जा.)  करूर    नारायणन (52)
6  तिरुविदैमरुधर (अ.जा.)  तंजौर    कन्नैयन (60)
7  गंधर्वकोट्टै (अ.जा.)  पुदुकोट्टै     असैतम्बी (49)
8  अलंगुडी  पुदुकोट्टै     मणिमेकलै (महिला) (43)
9  मनप्परै  त्रिची    शक्तिवेल (36)
10  शोलावंदन (अ.जा.)  मदुरै    ईश्वरी (महिला) (47)
11  तिरुनेल्वेलि      सुंदरराज (34)
12  कोलाचल  कन्याकुमारी   अंतोनी मुत्तू (57)

       
पुदुच्चेरी
1.     ओलुकरै          एस. मोतीलाल (42)

 

elections campaign in Tamil Nadu