वर्ष - 31
अंक - 1
01-01-2022

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने विगत 21 दिसम्बर 2021 को लखनऊ के बीकेटी तहसील पर महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सभा आयोजित की तथा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा.

सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की राज्य सहसचिव मीना सिंह ने कहा कि आसमान छूती महंगाई ने आज आम आदमी का जीवन दूभर कर दिया है. वैसे तो इसका दंश पूरा समाज भोग रहा है, पर असंगठित क्षेत्र के मेहनतकशों के लिये यह असह्य हो गयी है, क्योंकि, महंगाई की यह मार ऐसे समय पड़ रही है जब सरकार की गलत नीतियों और कदमों के चलते लोगों का रोजी-रोजगार भी संकट में है. उन्होंने आरोप लगाया कि जनता के ज्वलंत सवालों का समाधान तो नहीं ही किया जा रहा है, उल्टे सत्ता-संरक्षण में धर्मसंसद के नाम पर दंगा भड़काने और देश को गृहयुद्ध की ओर धकेलने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने मांग किया कि ऐसे तत्वों को अविलंब गिरफ्तार किया जाये.

ऐपवा नेत्री सलिहा ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और अंततः कोरोना लाॅकडाउन की बदइंतजामी के चलते पूरी अर्थव्यवस्था, कारोबार, नौकरी-धंधा सब चौपट हो गया. इस समय जरूरत इस बात की थी कि सरकार आम जनता के लिए बड़े पैमाने पर राहत पैकेज का एलान करती और लोगों के खाते में जीवन निर्वाह के लिए पैसा डालकर उनकी क्रय शक्ति बढ़ाती. इससे लोगों का जीवन भी आसान होता, ठप पड़ी अर्थव्यवस्था का पुनर्जीवन होता और कारोबार, तथा रोजी-रोजगार के अवसर बढ़ते. परन्तु सरकार ने बड़े बड़े पूंजीपतियों को राहत पैकेज के लिए तो खजाना खोल दिया लेकिन आम जनता, गरीबों व मेहनतकशों को कुछ नहीं दिया. उल्टे इसी बेकारी के दौर में महंगाई अंधाधुंध बढ़ाकर गरीबों के मुंह का निवाला भी छीन लिया.

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) व निर्माण मजदूर यूनियन के अध्यक्ष नौमिलाल ने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि महंगाई को आंदोलन का बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को इसे नियंत्रित करने और सस्ते दर की दुकानों के माध्यम से सभी जीवनोपयोगी वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए बाध्य किया जाये. चुनाव के इस दौर में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर सभी पार्टियों को ऐसी नीति बनाने और उसे अपने घोषणापत्र में शामिल करने के लिए मजबूर किया जाये जिससे महंगाई पर स्थायी तौर पर लगाम लगे और सबके लिए योग्यतानुसार नौकरियों तथा रोजी-रोजगार की गारंटी हो, सस्ती शिक्षा और चिकित्सा की व्यवस्था हो.

ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि
1. रसोई गैस का दाम रु. 500/- तय किया जाये.
2. सरसों तेल का दाम आधा किया जाये.
3. सभी खाद्य पदार्थों को सस्ते दर पर आम जनता व गरीबों को उपलब्ध कराया जाये.
4. डीजल-पेट्रोल का दाम घटाया जाये.
5. गरीबों को मुफ्त राशन-तेल-नमक-चीनी-दाल के वितरण को महज चुनाव तक नहीं, बल्कि स्थायी किया जाये.
6. मनरेगा की तर्ज पर शहरी गरीबों व महिलाओं के लिए भी काम की गारंटी की जाये और काम का वाजिब दाम दिया जाये.

सभा का संचालन राधा श्रीवास्तव ने किया. कार्यक्रम में प्रेमा, सबिता, उर्मिला, मालती गौतम, लज्जावती, शिवानी, माया देवी, केतकी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थीं.

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