वर्ष - 31
अंक - 42
15-10-2022

कामरेड अर्जुन लाल सन जो भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी के सदस्य और सीतापुर जिला के सचिव हैं, विगत कई वर्षों से जिले की सवर्ण-सांप्रदायिक सामंती ताकतों और उनकी संरक्षक भाजपा और योगी सरकार के निशाने पर हैं. लेकिन विगत वर्ष 2021 में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में 12,000 वोट पाकर और अपने निकटतम प्रतयाशी को करीब 8,000 मतों के अंतर से पराजित करने के बाद से वे उनकी आंखों में बुरी तरह से चुभने लगे. उल्लेखनीय यह भी है कि वे एक अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं लेकिन उन्होंने यह जीत एक सामान्य घोषित सीट पर हासिल की. भारी मतों से उनकी जीत होना – क्षेत्र के सवर्ण सामंती व दबंग ताकतों व उनकी सेवा में हमेशा से तत्पर पुलिस-प्रशासनिक तंत्र को भी नहीं सुहाया.

तुरत ही कामरेड अर्जुन लाल को नीचा दिखाने, उनको फर्जी मुकदमों में फंसाने और गिरफ्तार कर जेल भेजने की साजिश रची जाने लगी. हरगांव थाना, वे जिसके अंतर्गत रिक्खीपुरवा नाम के गांव के निवासी हैं, के थानेदार बृजेश त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी (सदर) प्रवीण यादव ने इसकी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई और विगत 15 अगस्त 2022 को, जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा था, उनके उफपर एक फर्जी मुकदमा दर्ज करने के साथ लात-घूसों  से पिटाई और जातिसूचक गालियों के साथ अपमानित करते हुए करते हुए जेल भेज दिया गया.

एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ सरेआम दुर्व्यवहार करते हुए उसे एक फर्जी एफआईआर के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने की पृष्ठभूमि में घटित घटनाओं का विवरण देना जरूरी है जो जहां एक ओर सीतापुर जिले व हरगांव विधानसभा क्षेत्र में बराबरी, इंसाफ और अधिकार पाने के लिए गरीब-दलितों के अथक संघर्ष और उसमें भाकपा(माले) और जनप्रिय नेता कामरेड अर्जुन लाल के अथक संघर्ष और साहस की बानगी पेश करती हैं तो दूसरी ओर योगी सरकार और उसके पुलिस-प्रशासनिक तंत्र के दलित-गरीब विरोधी-सवर्णपक्षी साजिशाना चरित्र को भी उजागर करती हैं.

जून 2021 : जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव

जून 2021 में सीतापुर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ. इस चुनाव में सत्ता पक्ष के उम्मीदवार थे – शिव कुमार गुप्ता. उन्होंने पहले तो कामरेड अर्जुन लाल को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए खरीदना चाहा लेकिन जब उन्होंने इससे इंकार कर दिया तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश शुरू कर दी. इस काम में पुलिस भी पूरी नंगई पर उतर कर उनका साथ दिया. तब भी बात नहीं बनी और कामरेड अर्जुन लाल विपक्ष के उम्मीदवार के पक्ष में डटे रहे तो मतदान से ठीक पहले उनके घर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. उनका अपहरण कर मतदान से रोक देने और जबरिया उनका वोट छीन लेने का यह प्रयास भी पूरी तरह से असफल रहा. इस घटना के बाद तो सत्ता पक्ष और स्थानीय प्रशासन कामरेड अर्जुन लाल से पूरी तरह जल-भुन उठा और तब से ही उनसे बदला लेने की ताक में रहने लगा.

सोनी अपहरण कांड

13 मार्च 2022 को हरगांव थानांतर्गत सिजोलापुर गांव निवासी रोहित कुमार की नाबालिग पुत्री सोनी कुमारी (उम्र 16 साल) का अपहरण कर लिया गया. रोहित कुमार चमार जाति के हैं जबकि अपहरणकर्ता सुचित कुमार (ब्राह्मण) का पुत्र आकाश कुमार. थानेदार (ब्रजेश त्रिपाठी) भी ब्राह्मण था. वह भी अपराधी को बचाने में लगा हुआ था और इस घटना की प्राथमिकी दर्ज भी नहीं दर्ज कर रहा था. कामरेड अर्जुनलाल ने जब उक्त मामले को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया और जिला प्रशासन को इस मुद्दे पर आंदोलन तेज करने की सूचना दी. इसके बाद ही जिला प्रशासन हरकत में आया. अंततः लड़की बरामद हुई और अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेजना पड़ा. इस घटना के बाद तो थानेदार चोट खाये सांप की तरह बौखला उठा.

दलित प्रवासी मजदूर श्रवण कुमार की मौत

30 मई 2022 को हरगांव थाना क्षेत्र के रौना गांव में दलित प्रवासी मजदूर श्रवण कुमार की पिटाई से हुई मौत का मामला सामने आया. जसविंदर सिंह ऊर्फ लाडी सरदार ने पीट-पीटकर मार डालने के बाद और श्रवण के मृत शरीर को रात के अंधेरे में उसके घर ले जाकर फंदे से लटका दिया ताकि उसे खुदकुशी का मामला बताया जा सके. स्थानीय पुलिस ने उक्त मामले में भरपूर रिश्वत खायी थी और इसे आत्महत्या बता रही थी. मृतक श्रवण कुमार की पत्नी ने कामरेड अर्जुन लाल से न्याय पाने की गुहार लगाई. कामरेड अर्जुन लाल और अन्य स्थानीय भाकपा(माले) ने घटना की जांच करने के बाद इसकी रिपोर्ट जारी की और उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया. उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि अगर इस घटना में निष्पक्ष न्यायिक कार्रवाई नहीं की गई तो जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन शुरू किया जायेगा. प्रशासन को मजबूरी में जसविंदर सिंह पर हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा.

गुरधपा गांव की घटना

26 जून 2022 से कुछ दिनों पहले हरगांव थाना क्षेत्र के ही गुरधपा गांव के एक दलित मनीराम (चमार जाति) की नाबालिग लड़की को एक दूसरे गांव का लड़का जो ब्राह्मण जाति का था, बहला-फुसलाकर भगा ले गया था. पीड़ित परिवार ने थाने पर तहरीर दी. लड़के का परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ था, इस वजह से पुलिस कोई कार्यवाई नहीं कर रही थी. पीड़ित परिवार की गुहार पर कामरेड अर्जुन लाल मामले को जिला प्रशासन तक ले गए. लड़की को सकुशल बरामद करने हेतु धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया. 22 दिनों बाद लड़की बरामद की गई और अपराधी को जेल जाना पड़ा.

जब थाना प्रभारी के खिलाफ निकला जांच का आदेश

गुरधपा गांव में ही 5 जुलाई 2022 को नाली के विवाद में दो पक्षों के बीच मारपीट हो गई. हरगांव के थाना अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी ने एकतरफा कार्यवाई करते हुए रामसनेही को जेल भेज दिया. कामरेड अर्जुन लाल के नेतृत्व में भाकपा(माले) ने दोनों पक्षों पर वाजिब कार्रवाई करने की मांग करते हुए थाने के सामने धरना-प्रदर्शन किया. उच्चाधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया गया. इसके बाद ही दूसरे पक्ष पर भी प्राथमिकी दर्ज हुई. इसके बाद तो थानेदार गुस्से से इतना पागल हो गया कि उसने फोन के जरिए कामरेड अर्जुन लाल को गालियां देते हुए जान से मरवा देने की भी धमकी दी. उसने धरने पर बैठे अन्य लोगों के साथ भी अभद्रता करते हुए उनके साथ गाली गलौज किया. इस बात की भी लिखित शिकायत सीतापुर के जिलाधिकारी से की गई और जिलाधिकारी ने इसकी जांच के आदेश भी दिए.

रोहिणी तिवारी अपहरण कांड

11 जुलाई 2022 को कोतवाली देहात क्षेत्र के पीरपुर गांव के पंडित रामनरेश तिवारी की नाबालिग लड़की रोहिणी को बेहड़ा निवासी सुनील कुमार नल पर पानी भरते समय उठा ले गया. पीड़ित परिवार ने थाने पर तहरीर दी परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई. 15 दिन तक भटकते रहने के बाद पीड़ित परिवार कामरेड अर्जुन लाल के पास पहुंचा. उनके द्वारा इस घटना की सूचना जिलाधिकारी को दी गई. जिला मुख्यालय पर धरना भी शुरू किया. 10 दिनों तक चले आंदोलन के बाद पुलिस हरकत में आई. अपहरण के 22 दिनों बाद लड़की को दिल्ली से बरामद किया गया और थाना लाया गया. अपराधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद लड़की को परिवार वालों सौंप दिया गया. इस मामले में सीओ और कोतवाल की काफी किरकिरी हुई और वे भी कामरेड अर्जुन लाल के खिलाफ संश्रय में शरीक हो गये.

प्रधान के खिलाफ आंदोलन

27 जुलाई 2022 को बेनीपुर व वाइजपुर गांव के आवासहीन परिवारों ने, जिनमें से अधिकांश दलित हैं, हरगांव क्षेत्र के खंड विकास अधिकारी से आवास दिलाए जाने की मांग की. इसके बाद खंड विकास अधिकारी ने मामले की जांच की. उक्त जांच में कई परिवार वास्तव में आवासहीन पाए गए. गांव का प्रधान प्रतिनिधि ओंकार (पिता का नाम - रूपन) ने इसको अपनी तौहीन समझी. वह  अपने कुछ पालतू गुंडों को लेकर हुए देवी (पति का नाम - जयराम) के घर पहुंच गया और यह कहते हुए ‘आवास मांगने गई थी, लो हम तुमको आवास देते हैं’, लात-घुसों से उनकी पिटाई कर दी. हरगांव थाने को इस घटना की सूचना दी गई किंतु थानेदार बृजेश त्रिपाठी महिला की एक न सुनी और उसे थाने से भगा दिया. कामरेड अर्जुन लाल ने इस मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की. भाकपा(माले) की ओर से जिला मुख्यालय पर पूरे सप्ताह भर धरना दिया गया. पुलिस ने फिर भी नहीं सुनी तो सातवें दिन चक्का जाम किया गया. तब जाकर थानेदार ने प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उस पर कार्रवाई की. इस घटना के बाद से तो थानेदार का गुस्सा सातवें आसमान पर ही जा पहुंचा.

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर

14 अगस्त 2022 को रिक्खीपुरवा व बक्सोहिया गांवों की सीमा पर बनी गौशाला (थाना पिपराघूरी) पर जानवरों की रखवाली कर रहे रिक्खीपुरवा (जो कामरेड अर्जुन लाल का गांव हैं) निवासी डल्ला के साथ दूसरे गांव के कुछ लोगों ने मारपीट की. चौकीदार से हुई मारपीट की सूचना पाकर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कैलाश कुमार मौके पर गए तो उन लोगों ने उनको भी बुरी तरह मारा-पीटा. उनके साथ गये कई अन्य लोगों को भी चोटें आईं. घटना की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भी ले गई. प्रधान प्रतिनिधि के साथ मारपीट से दुखी गांव के लोग अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग को लेकर हरगांव थाने पहुंच गये. उनको देखते ही थाना प्रभारी भड़क उठा और अपने ही हाथों उन पर लाठी बरसाने लगा.

उसी दिन सेमरी मोती मदपुर निवासी जगजीवन भारती ने पफोन कर कामरेड अर्जुन लाल को बताया था कि उनकी पत्नी शिवरानी के साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की है. अपनी मदद के लिए उन्होंने कामरेड अर्जुन लाल को मदद के लिए थाने बुलाया था. कामरेड अर्जुनलाल उनके बुलावे पर सुबह-सुबह ही घर से निकल गये थे. जब गांव में यह दूसरी घटना हुई थी वे उस समय गांव में न तो मौजूद नहीं थे और न ही उनको इसकी जानकारी थी.

थाने पर जो हुआ

कामरेड अर्जुन लाल ने शिवरानी की ओर से आवेदन लिखा और पीड़िता को लेकर थाना पहुंचे थे. लेकिन वे अभी अपनी मोटरसाईकिल से उतर ही रहे थे कि थाना ध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी दौड़ते हुए  उनके पास पहुंचा. उसने उनके कुर्ते का कालर पकड़ लिया और लात-घूसों से उनकी पिटाई करते हुए, जातिसूचक गालियां देते हुए तथा घसीटते हुए लॉकअप में डाल दिया. कामरेड अर्जुनलाल की गिरफ्तारी की खबर पाते ही पूर्व प्रधान सुरेश पाल सिंह, एडवोकेट विकास वर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता  रामसनेही वर्मा, ऐक्टू के नेता कन्हैया लाल कश्यप व प्रभुलाल आदि नेताओं समेत उनके कई अन्य समर्थक भी थाने पर आ पहुंचे और कामरेड अर्जुन लाल को रिहा करने की मांग करने लगे. थानेदार ने उनमें से कई लोगों को (कुल 18 लोगों को) गिरफ्तार कर लॉक अप में डाल दिया.

15 अगस्त 2022 की सुबह 8 बजे सदर क्षेत्राधिकारी प्रवीण यादव और थानेदार बृजेश त्रिपाठी ने उनको लॉकअप से निकालकर कमरे में ले गये जहां एक बार फिर उन्हें अपमानित करते हुए गाली-गलौज किया गया. फिर उन पर तीन अलग-अलग फर्जी एफआईआर दर्ज कर आइपीसी की कई धाराओं – 147, 342, 332, 353, 186, 504, 506 तथा 7 सीएलएक्ट लगा कर कामरेड अर्जुन लाल, राम सनेही वर्मा, विकास वर्मा, सुरेश पाल सिंह, मो. अहमद, त्रिभुवन लाल कुल नौ लोगों के साथ जेल भेज दिया गया.

थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फूटेज और घटना के समय बनाए गए वीडियो की निष्पक्ष जांच हो तो यह साफ पता चल जायेगा कि कामरेड अर्जुनलाल ने ऐसा कुछ नहीं किया था जिसकी वजह से उन पर ऐसी कठोर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हो.

कामरेड अर्जुन लाल भाकपा(माले) के नेतृत्व में उनकी रिहाई के लिए चले प्रदेश, जिला व क्षेत्र में चले धारावहिक जुझारू आंदोलन के दबाव में विगत 20 सितंबर को जेल से रिहा हुए. उसके बाद उनके अन्य साथियों को भी जमानत मिलीऔर वे हि हुए.

लेकिन यह दिन के उजाले की तरह साफ है कि थानेदार बृजेश त्रिपाठी और सदर क्षेत्राधिकारी ने बदले की भावना के तहत उन पर यह फर्जी आरोप मढ़ा है. न्याय का तकाजा है कि इन दोनों अधिकारियों पर एससी-एसटी ऐक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिये और उन्हें बर्खास्त कर उन्हें अविलंब गिरफ्तार किया जाना चाहिये.

कामरेड अर्जुन लाल को अभी भी एक अन्य प्राथमिकी के तहत धारा 197 व 364 (ख) में जमानत होना बाकी है. उन्होंने भी थाना प्रभारी द्वारा की गई अभद्रता, जातीय अपमान और निर्दाष गिरफ्तारी की जांच व कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय अनसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राज्य अनुसूचित जाति आयोग से शिकायत की है. वही, कामरेड सरोजनी ने अपने साथ की गई अभद्रता और राष्ट्रीय झंडा फाड़ने की शिकायत करते हुए जिलधिकारी को जो ज्ञापन दिया था, उसकी जांच सदर सीओ के द्वारा की जा रही है.

–  अर्चना

रिहाई के लिए जुझारू जनांदोलन

कामरेउ अर्जुन लाल व अन्य साथियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही भाकपा(माले) ने उन सबकी बिनाशर्त रिहाई के लिए आंदोलन छेड़ दिया.

14-26 अगस्त : सीतापुर में अनिश्चितकालीन धरना

भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य कामरेड रमेश सिंह सेंगर, राजेश साहनी और कामरेउ विजय विद्रोही तुरत ही वहां पहुंचे. स्थानीय पार्टी नेताओं – कामरेड हरी राम अरोड़ा, सरोजनी, कन्हैया लाल, अनिल कुमार जगजीवन भारती, शिवनाम सिंह आदि की सक्रियतापूर्ण भागीदारी के साथ जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम शुरू किया गया. 13 दिनों तक चले इस धरना कार्यक्रम को व्यापक जनसहयोग व समर्थन मिला.

15 अगस्त 2022 : जिला पंचायत सदस्यों की पहल

जिला पंचायत सदस्य सुनीता चौधरी के नेतृत्व में करीब 15 जिला पंचायत सदस्यों ने उनकी रिहाई के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया.

16 अगस्त 2022 : राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए. हरगावं के प्रदर्शन में कुल 54 गांवों से आये सैकड़ों लोग शामिल हुए.

26 अगस्त 2022 : सीतापुर में संयुक्त प्रतिवाद

सरकार के प्रतिबंध, दमन और गांव-गांव में पुलिस द्वारा रोकने के बावजूद आयोजित प्रतिवाद कार्यक्रम में 95 गांवों से 700 से भी अधिक लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में कई अन्य राजनैतिक दलों और संगठनों को भी आमंत्रित किया गया था. किसान मंच से पिंदर सिंह सिद्धू, शिव प्रकाश सिंह, गुरपाल सिंह, संगतिन मजदूर संगठन की ट्टचा सिंह आदि पूरे जोशोखरोश के साथ अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए.

30 अगस्त-5 सितंबर 2022 : राज्यव्यापी अभियान

कामरेड अर्जुन लाल की गिरफ्तारी और राज्य में दलितों पर हो रहे दमन के खिलाफ अभियान चलाया गया.

इस आन्दोलन के दौरान सीतापुर में एक दर्जन से अधिक नए गांव पार्टी के संपर्क में आए हैं और करीब 50 नए पार्टी कार्यकर्ता सामने आये हैं.

Sitapur

 

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