वर्ष - 31
अंक - 45
05-11-2022

30 अक्टूबर 2022 को घुटुवा पुलिस फायरिंग में मारे गये शहीदों – रिझनी देवी, बलकहिया देवी और रामप्रसाद महतो का शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर भाकपा(माले) के वरिष्ठ साथी का. हीरा गोप ने झंडोत्तोलन किया. उसके बाद शहीद साथियों को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई तथा भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेताओं – रामगढ जिला सचिव का. भुवनेश्वर बेदिया और राज्य कमिटी के सदस्य का. देवकी नंदन बेदिया ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया. मौके पर मौजूद रामगढ जिला व पतरातू प्रखंड कमिटी के सदस्यों – का. नरेश बडाईक, देवानंद गोप, विगेन्द्र ठाकुर, अमल घोषाल, तृतियाल बेदिया, राजेंद्र राम, सरयू बेदिया, भुवनेश्वर बेदिया, बृजनारायण मुंडा, नागेश्वर मुंडा, नीता बेदिया, लाली बेदिया, महादेव मांझी व प्रेम सागर महतो ने भी बारी-बारी से शहीद साथियों को पुष्पांजलि अर्पित की.

शहीद सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज शहीद स्थल में मौजूद सभी साथियों को शहीद साथियों के सपनों को साकार करने का संकल्प लेने की जरूरत है. देश की सता पर काबिज नरेंद्र मोदी की फासीवादी सरकार साम्प्रदायिक माहौल बनाकर मुसलमानों व अन्य अल्पसंख्यकों में भय का माहौल उत्पन्न कर रही है. यह सरकार हमेशा ही हिन्दू और मुस्लिम के बीच लडाई करवाने पर अमादा रहती है. साथ ही, गरीब मजदूर व किसान, आदिवासी, न्याय पसंद सामाजिक कार्यकर्ता, विरोध की आवाज बुलंद करने वाले तमाम सजग नागरिक, लेखक, बुद्धिजिवी भी इसके निशाने पर हैं. सरकार उन सब पर बर्बर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. सता से सवाल और असहमति रखने वाले लोगों को जेलों में डाला जा रहा है. अभिव्यक्ति और प्रतिरोध की आजादी को देशद्रोह समझा जाने लगा है. आज लोकतंत्र और संविधान सबसे ज्यादा खतरे में है. सरकार कारपोरेट घरानों के लिए नीतियां बना रही है. सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर रही है. हमारे जल, जंगल, जमीन, खान खनिज, पर्यावरण – सब पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का दबदबा कायम हो रहा है. वन संरक्षण अधिनियम को खत्म करने की साजिश की जा रही है ताकि डायनासोर कंपनियों को सुलभ करवाकर वन संपदा और पर्यावरण को तहस-नहस किया जा सके. इसके मुखालफत के लिए संगठन का विस्तार करने और बडा जनांदोलन खडा करने की दिशा में हम सभी को आगे बढ़ना होगा.

30 अक्टूबर, 1988 को घुटुवा गोलीकांड पुलिस जुल्म के खिलाफ महिलाओं के मान-सम्मान और इज्जत-आबरू को बचाने की लडाई थी. तब घुटूवा गांव सहित इर्द-गिर्द के गांवों की हजारों जनता ने पुलिसिया आतंक के खिलाफ प्रतिरोध संघर्ष किया था. घुटूवा गोलीकांड पुलिस-गुंडा गंठजोड़ और भ्रष्ट नेताओं और अफसरशाही की मिलीभगत का परिणाम था. वे नहीं चाहते थे कि भाकपा(माले) इस इलाके मे गरीब-गुरबों को संगठित कर जनआंदोलन खडा करे. लेकिन, इसके बावजूद भाकपा(माले) का कारवां लगातार रामगढ जिला की धरती में बढ़ता रहा. इसी कड़ी में 90 के दशक में हुए पुलिसिया गोलीकांड के शहीदों की बरसी पर शहीद स्थल बरकाकाना घुटुवा में आगामी 6 नवंबर 2022 को झामस का 5वां राज्य सम्मेलन आयोजित हो रहा. इस सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. भाकपा(माले) महासचिव का दीपांकर भट्टाचार्य इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. ग्रामीण गरीबों व खेत मजदूरों के हक-हकूक और दावेदारी को और भी मजबूत करने के लिए सम्मेलन में विशेष तौर पर रणनीति तैयार की जाएगी.

सभा के तुरंत बाद का. हीरा गोप के संचालन में एक बैठक आयोजित हुई जिसमें जिला व प्रखंड कमिटी के साथियों ने सम्मेलन तैयारी के साथ ही झामस सदस्यता अभियान की भी भी रिपोर्ट रखी. इन जुड़वें कार्यभारों की समीक्षा के बाद सबने अपनी-अपनी जिम्मेदारी के तहत अपने-अपने गांव-इलाकों से सम्मेलन के खुला सत्र में व्यापक जनता की भागीदारी करवाने का संकल्प लिया. सभा में राजेश बेदिया, नेपाल विश्वकर्मा, मोतीलाल बेदिया, भरत बेदिया, रामदेव बेदिया, धनमती देवी, सावित्रा देवी, ननकी देवी, सुभाष बेदिया, रामप्रसाद बेदिया, देवकी बेदिया आदि अनेक साथी उपस्थित थे.

– सुरेंद्र कुमार बेदिया