illegal spying of-journalists-activists from Pegasus

नई दिल्ली, 29 जनवरी 2022

आज न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई दक्षिणपंथी सरकारों समेत तमाम सरकारों द्वारा इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस से गैरकानूनी जासूसी पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है. मोदी सरकार ने अभी तक जिस आरोप को स्वीकार नहीं किया है, इस रिपोर्ट ने उसकी ताकीद कर दी है. इजरायल यात्रा के दौरान मोदी और नेतन्याहू के बीच परिष्कृत हथियारों और सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 200 करोड़ डॉलर का एक समझौता हुआ था जिनमें पेगासस एवं एक मिसाइल सिस्टम ही मुख्य रूप से खरीदे गये थे.

हम जानते हैं कि पेगासस का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल कर भीमा-कोरेगांव मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी सबूत बना कर उनको फंसाया गया था. पेगासस द्वारा फोन में लगे कैमरे का नियंत्रण हासिल करके इससे भारतीय पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और यहां तक कि भाजपा के भी कुछ नेताओं, और कई महिलाओं के खिलाफ जासूसी की गई. अब चूंकि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से स्पष्ट हो चुका है कि भारत सरकार ने खुद पेगासस को खरीदा था, तब निस्संदेह मोदी सरकार भारतीय कानूनों का उल्ल्ांघन कर और भारत के संविधान में प्रदत्त नागरिक अधिकारों का हनन कर भारतीय नागरिकों के विरुद्ध जासूसी कराने की जिम्मेदार है. सरकार ने भारतीय जनता के खजाने से लाखों-करोड़ रुपयों का दुरुपयोग कर एक गैरकानूनी एवं बेहद मंहगे सॉफ्टवेयर को खरीदा, जिसे सालाना बजट और संसद से छुपाया गया. अतः यह एक भारी भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें सरकार ने उन लोगों के खिलाफ जासूसी की जिन्हें शासक पार्टी अपने लिए खतरा समझती है. कुल मिला कर भाजपा के चन्द नेताओं के निजी राजनीतिक स्वार्थों के लिए गैरकानूनी जासूसी करवाने में जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया.

नागरिकों, खासकर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिज्ञों की निजी जिन्दगी की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करवाने के लिए प्रधानमंत्री सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं और इसके लिए उनके विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए.

- भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी