वर्ष - 31
अंक - 9
26-02-2022

अखिल भारतीय किसान महासभा के झारखंड राज्य सम्मेलन की तैयारी को लेकर मेदिनीनगर, नागलोक भवन में भाकपा(माले) का प्रमंडलीय स्तरीय कैडर कन्वेंशन किया गया. कन्वेंशन की शुरूआत किसान आंदोलन में शहीद हुए साथियों को याद करते हुए एक मिनट का मौन रख कर की गई.

इस मौके पर भाकपा(माले) के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि विदेशी लूट के खिलाफ संघर्ष का आगाज करने वाले नीलांबर पीतांबर की धरती पर 28 मार्च को अखिल भारतीय किसान महासभा का राज्य सम्मेलन होने जा रहा है. आज के फासीवादी दौर में सरकार संविधान खत्म करने की तरफ बढ़ रही हैऋ नागरिकों के अधिकार, न्यायपालिका, कार्यपालिका, संसद सभी संस्थाओं को कुचला जा रहा है. इसके खिलाफ ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे अपने अधिकारों के लिए, देश को बचाने के लिए संघर्ष किया जाए.

किसान आंदोलन की शुरूआत दिल्ली की बाॅर्डर पर हुई, लेकिन उसका असर समूचे देश में था. किसान आंदोलन से सीखते हुए छात्र-नौजवानों के आंदोलन मजबूत हुए हैं और उसका ही असर है कि भाजपा जहां मजबूत थी, वहां वह कमजोर होती जा रही है. झारखंड में रघुवर की सरकार ने आदिवासी अधिकारों पर जब हमला शुरू किया तो उसका प्रतिरोध के परिणामस्वरूप आज भाजपा को यहां से उखाड़ फेंका गया है.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में नौकरियां खत्म हुई हैं, पर सरकार के नए बजट में उसके लिए कोई विशेष प्राक्कलन नहीं किया गया है. आज जब मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने, श्रम दिवस बढ़ाने की जरूरत थी तो ठीक इसी वक्त मनरेगा का बजट घटा दिया गया है. कोरोना के दौर में कुछ काॅरपोरेट घरानों की आय दो से चार गुना तक बढ़ गई, वहीं आम भारतीयों की आय अप्रत्याशित रूप से घटी है. बेरोजगारी दर आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है. वहीं झारखंड में कुछ डैम बने, कारखाने बने पर इससे विकास और रोजगार मिलना तो दूर, झारखंड के लोग सिर्फ विस्थापित ही हुए हैं. झारखंड में किसान महासभा का राज्य सम्मेलन 28 मार्च को तय किया गया है. झारखंड में किसानी, वनोत्पादों, पशु व मत्स्य पालन के जरिए झारखंडी किसानों का विकास हो सकता है. परंतु काॅरपोरेट-परस्त नीतियों में किसानों के लिए कोई जगह नहीं है. किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी का लाभ मिलना चाहिए, पर यहां धान और गेहूं की फसल पर भी एमएसपी का लाभ नहीं मिल पाता है. देश और राज्य में सबसे अधिक किसान परिवारों की संख्या हैं. देश के विकास का रास्ता किसानों के विकास से होकर ही गुजरेगा.

पलामू में किसान महासभा का राज्य सम्मेलन किसानों की दावेदारी स्थापित करने में, और किसानों की स्थिति को बेहतर करने के साथ देश से इस फासीवादी शासन को उखाड़ फेंकने में मील का पत्थर साबित हो.

कैडर कन्वेंशन का संचालन भाकपा(माले) के प्रमंडलीय प्रभारी रविंद्र भुइयां ने किया. कन्वेंशन को गढ़वा जिला सचिव कालीचरण मेहता, लातेहार जिला सचिव बिरजू राम, पलामू जिला सचिव आरएन सिंह, किसान महासभा प्रभारी बीएन सिंह के साथ जन संग्राम मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष युगल पाल ने भी संबोधित किया. कन्वेंशन में भाकपा(माले) की तीनों जिला कमेटियों और एरिया कमेटियों के साथियों के अलावा अन्य दर्जनों मुख्य साथी उपस्थित थे.

– अविनाश