वर्ष - 31
अंक - 8
19-02-2022

दरभंगा शहर के जीएम रोड में विगत 9 फरवरी 2022 को भू-माफिया गिरोह द्वारा विगत 9 फरवरी को जमीनी विवाद में भू-माफिया गिरोह द्वारा विगत 40 वर्षों से बसे रीता झा के परिवार के सदस्यों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया गया. प्रशासन की नाक के ठीक नीचे भू-माफियाओं ने 8 माह की गर्भवती पिंकी झा व उनके भाई संजय झा को जला कर मार दिया. पीएमसीएच में इलाज के दौरान 15 फरवरी को दोनों की मृत्यु हो गई. रीता झा परिवार के साथ हुए जघन्य अपराध व जिंदा जला देने की घटना के खिलाफ भाकपा(माले) की अगुआई में आंदोलन शुरू हो गया है.

12 फरवरी को प्रतिवाद मार्च निकाला

इस पूरी घटना में नगर थाना प्रभारी, नगर इंस्पेकटर व वरीय पुलिस अधीक्षक की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच कराने, नगर थाना प्रभारी व इंस्पेक्टर को तत्काल बर्खास्त करने तथा पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने और भू-माफिया शिव कुमार झा को गिरफ्तार करने सहित कई मांगो को लेकर विगत 12 फरवरी को भाकपा(माले), आइसा व इंसाफ मंच के बैनर तले प्रतिवाद मार्च निकाला गया. प्रतिवाद मार्च मिर्जापुर चौक से निकलकर आयकर चौक व विद्यापति चौक होते हुए पुनः आयकर चौक पर आकर सभा में तब्दील हो गया. मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) महानगर के वरिष्ठ नेता भूषण मंडल, लोकल सचिव रंजन प्रसाद सिंह, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद व आइसा राज्य सह सचिव प्रिंस राज ने किया. सभा की अध्यक्षता भाकपा(माले) महानगर सचिव सदीक भारती ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले), इंसाफ मंच व आइसा के नेताओ ने कहा कि आज बिहार के अंदर भाजपा-जदयू और भू-माफिया गठजोड़ की सरकार चल रही हैं. भू-माफिया को सत्ता, सरकार व जिला प्रशासन का खुलेआम संरक्षण मिल रहा हैं. नेताओं ने कहा कि दरभंगा में सूरज ढलते ही एक परिवार को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया और अभी तक अपराधी पुलिस गिरफ्रत से बाहर है. वक्ताओं ने कहा कि दरभंगा शहर में लगागतर भू-माफिया द्वारा कई परिवारों को तबाह किया जा रहा है. पिछले दिनों मिर्जापुर चौक पर रंजन प्रसाद सिंह पर उनके द्वारा हमले का प्रयास किया गया था. जिला प्रशासन उस घटना में शामिल अपराधियों को पकड़ने में विफल रहा. पिछले दिनों जीएम रोड में इसी तरह की घटना को अंजाम दिया गया. प्रशासन  इस मामले में भी निष्क्रिय भूमिका में खड़ा है. वक्ताओं ने इस पूरी घटना में नगर थाना प्रभारी, नगर इंस्पेक्टर व एसएसपी की संलिप्तता की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

नेताओं ने कहा कि इस घटना में शामिल भू-माफिया शिव कुमार झा का रिश्ता मिथिलांनचल के एक मंत्री के साथ भी उजागर हुआ है. भाजपा-जदयू ने इस मामले में शर्मनाक चुप्पी धरण कर ली है. अगर सरकार इस घटना में त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं करती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

कार्यक्रम में आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, संदीप कुमार, राजा पासवान, रंजन प्रसाद सिंह, सोनू यादव, विजय महासेठ, सुभाष कुमार गुप्ता, भंतु गुप्ता, इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष अकबर रजा सहित दर्जनों लोग शामिल थे.

भाकपा(माले) जिला कमिटी की बैठक में इस घटना पर विस्तृत चर्चा की गई. विदित हो कि प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हमले की आशंका जताते हुए अपनी सुरक्षा की फरियाद लेकर गए पीड़ित परिवार से मिलने से मना कर दिया था. थाना प्रभारी ने भी कोई संज्ञान नही लिया.

भाकपा(माले) का जांच दल दरभंगा पहुंचा

भाकपा(माले) की राज्य स्तरीय जांच दल ने 15 फरवरी को दरभंगा पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. टीम में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के महासचिव धीरेन्द्र झा, भाकपा(माले) के विधायक महानंद सिंह, ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, आइसा राज्य सह सचिव प्रिंस राज, भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता भूषण मंडल व रंजन प्रसाद सिंह शामिल थे.

माले जांच टीम ने कहा कि विगत 9 फरवरी की शाम जमीन के विवाद में जिंदा जलाने की यह घटना नीतीश सरकार पर काला धब्बा है. टीम को पीड़ित परिवारों ने बताया कि जमीन विवाद का मामला 2017 से ही चल रहा है. दरभंगा महाराज की जमीन पर विगत 40 वर्षों से रीता झा का परिवार रह रहा है. दरभंगा महाराज के परिवार के सदस्यों के साथ पीड़ित परिवार के साथ एग्रीमेंट बना हुआ है. लेकिन भू-माफिया शिव कुमार झा द्वारा उक्त जमीन की गलत ढंग से रजिस्ट्री करा ली गई और फिलहाल यह मामला पटना उच्च न्यायालय में चल रहा है. भू-माफिया शिवकुमार झा द्वारा उक्त परिवार को 2017 से ही तबाह किया जा रहा है. यह पूरा मामला प्रशासन के संझान में है, लेकिन वह इसे सुलझाने की बजाय उलझाने का ही काम किया. भू-माफिया को एसएसपी का भी संरक्षण हासिल है.

पीड़ित परिवार ने बताया कि 9 फरवरी को जब वे  घटना की सूचना देने नगर थाना गए तो थाना प्रभारी ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया. उसके बाद वे दरभंगा एसएसपी के यहां पहुंचे लेकिन एसएसपी ने पीड़ित परिवार से मिलने से इंकार कर दिया. दरभंगा जिला प्रशासन की भूमिका बेहद संदिग्ध है. थाने के बगल से जेसीबी ले जाकर पीड़ित परिवार के घर को तोड़ा गया और घर में आग लगा दिया गया. अपराधी घर पर बुलडोजर चलाते रहे, परिवार के सदस्यों पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने का तांडव चलता रहा और पुलिस सोई रही.

पीड़ित परिवार से मिलने के बाद का. धीरेंद्र झा ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर शिवकुमार झा की गिरफ्तार करना होगा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को सह अभियुक्त बनाना होगा, अन्यथा इसके खिलाफ एक व्यापक आंदोलन संगठित किया जाएगा. उन्होंने परिवार को सुरक्षा व आर्थिक सहायता तथा दोनों बची लड़कियों को सरकारी नौकरी देने की मांग की.

भाकपा(माले) विधायक महानंद सिंह ने कहा कि पीड़ितों के बयान के आधार पर मुख्यमंत्री व डीजीपी को संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त कर अभियुक्त बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस घटना ने साबित किया है कि राज्य में माफिया राज चल रहा है. गर्भस्थ शिशु सहित 3 को जलाकर मौत की नींद सुला देने की घटना ने राज्य को शर्मसार किया है. अगर सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को संरक्षण नही मिलता है और शिवकुमार झा सहित सभी अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसा जाता है, तो इस मसले को विधानसभा में मजबूती से उठाया जाएगा. 15 फरवरी को इस घटना के खिलाफ वहां एक बड़ी सभा को भी संबोधित किया.

16 फरवरी को आयोजित हुआ दरभंगा बंद

एक ही परिवार के तीन लोगो को जिंदा जलाकर मार देने की घटना को अंजाम देने वाले भू-माफिया शिव कुमार झा को गिरफ्तार करने, इसमें संलिप्त दरभंगा एसएसपी, व नगर थाना प्रभारी पर 302 का मुकदमा दर्ज करने, पीड़ित परिवार के प्रति सदस्य को 25 लाख रुपया मुआवजा देने, पुरखोपट्टी सहेली हत्याकांड में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने सहित अन्य सवालों को लेकर 16 फरवरी 2022 को  भाकपा(माले) के आह्वान पर सम्पूर्ण दरभंगा को बंद रहा. बंद को तमाम विपक्षी दलों का समर्थन मिला.

दरभंगा शहर के आयकर चैक को भाकपा(माले) जिला स्थायी समिति सदस्य अशोक पासवान, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, नगर के वरिष्ठ नेता भूषण मंडल, ऐपवा जिला सचिव शनिचरी देवी, आइसा राज्य सह सचिव प्रिंस राज, राज्य सह सचिव मयंक कुमार यादव, इनौस राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी व इंसाफ मंच के जिला सचिव पप्पू खान के नेतृत्व में 4 घंटों तक जाम किया गया. इसमें अन्य दलों के कार्यकर्ता भी शामिल थे.

भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, वरिष्ठ नेता आरके सहनी, नगर सचिव सदीक भारती, नंद लाल ठाकुर, हरि पासवान, साधना शर्मा के नेतृत्व में लहेरियासराय टावर को बंद किया गया. एनएच 57 (मब्बी) पर  लोकल सचिव पप्पू पासवान, शीला देवी, कोमल कांत यादव सहित कई लोगों के द्वारा जाम किया गया.

हायाघाट बाजार में संतोष यादव, मोहम्मद लालू, घनश्याम यादव के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया. बहादुरपुर के तारालाही में विनोद सिंह, गणेश महतो, मोहम्मद सफीकुल के नेतृत्व में दरभंगा-समस्तीपुर सड़क को जाम किया गया.

भाकपा(माले) नेताओं ने दरभंगा बंद को सफल बताते हुए इसमें शामिल बिभिन्न पार्टियो के कार्यकर्ताओं, नगरवासियों व दुकानदारों को धन्यवाद दिया और एकजुट होकर आंदोलन तेज करने की अपील की.

भाकपा(माले) नेताओं ने कहा कि पुरखोपट्टी सहेली हत्याकांड में भी अभी तक अभियुक्तों को गिरफ्तार नही किया गया है. इस कांड में भी दरभंगा के एसएसपी संलिप्त है. इस मामले की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. नीतीश सरकार को चेताया कि अगर शिव कुमार झा के घर को कुर्की जब्ती नहीं होती है तो शहर की जनता उसके घर की कुर्की-जबती करेगी.

– प्रिंस राज

protest in Darbhanga against the terror of land mafia