वर्ष - 31
अंक - 9
26-02-2022

विगत 23 फरवरी 2022 को बारीडीह मौजा कार्यस्थल में रेलवे निर्माण में कार्यरत मजदूरों की बैठक संपन्न हुई. बैठक में मजदूरों ने बताया कि वे पिछले 4 सालों से रेलवे सुरंग निर्माण के कार्य में मजदूरी कर रहे हैं लेकिन उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता. विदित हो कि झारखंड राज्ये के कोडरमा से रांची बाया बरकाकाना रेलवे निर्माण का कार्य ओनीकोन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के द्वारा कराया जा रहा है. सुरंग निर्माण के कार्य में कार्यरत मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तो नहीं ही दी जा रही, उनको पहचान पत्र भी निर्गत नहीं किया गया है. इस वजह से कार्य के दौरान हुई दुर्घटना में मजदूरों के घायल होने पर उनको समुचित मुआवजा भी नहीं मिल पाता है जबकि इस दौरान कई मजदूर घयल हुए हैं.

झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन ने डीएलसी, इमली कोठी, हजारीबाग, रामगढ़ के जिला उपायुक्त, बरकाकाना के रेलवे निर्माण अभियंता व घुटुवा थाना प्रभारी को मजदूरों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन देकर 15 दिनों के अंदर मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी और पहचान पत्र देने की मांग की है. बैठक के आयोजक लक्ष्मण बेदिया ने बताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ा जायेगा.

आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के मध्य पठार के इस पहाड़ी क्षेत्र के आदिवासी बहुल बारीडीह, सांकी और पाली पंचायतों में आदिवासियों की बहुत सी जमीन रेलवे निर्माण कार्य हेतु अधिग्रहित की गई है. रामगढ़ के जिला भू-अर्जन विभाग, जिला उपायुक्त व पतरातू के अंचलाधिकारी के द्वारा सत्यापन के अभाव में कई लोगों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. गरीब आदिवासी अपनी जमीन के मुआवजा हेतु दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे निर्माण कार्य में लगे क्षेत्र के सैकड़ों मजदूरों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाना उनके श्रम का शोषण है. मेहनताने की इस लूट के लिए जिला प्रशासन व रेलवे अधिकारी जिम्मेवार हैं. उन्होंने मजदूरी के साथ ही जल, जंगल, जमीन व रोजगार के लिए संघर्ष का आह्वान किया .

अंत में झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन का सदस्य बनाते हुए एक 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में रमेश बेदिया (खफिया), सखीराम महली, शंकर बेदियाव सुरेंद्र बेदिया (जोबो), कचन बेदिया, संजय बेदिया व विशेष बेदिया (कडरु), नरेश बेदिया (दाडीदाग), राजेश बेदिया व नागेश्वर मुंडा (जुमरा), लालदेव बेदिया, रामचरण मुंडा और भुवनेश्वर बेदिया (बारीडीह) शामिल हैं.