वर्ष - 31
अंक - 9
26-02-2022

आजमगढ़ जहरीली शराब कांड पर भाकपा(माले) की जांच रिपोर्ट

भाकपा(माले) की सात सदस्यीय टीम ने माहुल कस्बा, दखिनगांवा, रसुल पुर, मोती पैर (इमाम गढ़)  आदि इलाके का दौरा किया और पीडित मृतकों के परिजनों से बातचीत की. बातचीत के दौरान लोगों ने बताया कि 20 फरवरी 2022 की शाम माहुल स्थित देशी शराब के ठेके से जिसने भी दारू लेकर पीया, उसकी हालत एक-एक कर बिगड़ती गई. कुछ लोगों ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया तो कुछ जो रात में दारु पीकर सोये और सुबह में मृत पाये गये. एक ओर जहां माहुल और उसके आसपास के गांवों से दर्जनों लोगों के मरने की रिपोर्ट मिली तो दूसरी ओर यह भी पता चला कि कई दर्जन लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. पीड़ितों के परिजनों ने यह बताया कि स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से जहरीली शराब बिक्री का यह कारोबार लम्बे अरसे से चल रहा है.

spurious liquor-table-1spurious liquor-table-2माहुल दौरे से लौटने के बाद भाकपा(माले) जांच दल के सदस्यों ने देशी शराब के ठेके से बेची गई जहरीली शराब  से  हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट जारी की. भाकपा(माले) नेता कामरेड विनोद सिंह ने कहा कि देसी शराब की दुकानें सरकार और शासन-प्रशासन के लोग चेक करते और सैम्पलिंग कराते तो सरकारी देसी शराब के ठेके पर न तो जहरीली बिकती और न ही दर्जनों परिवारों को अपनों को खोना पड़ता. उन्होंने माहुल शराब कांड की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाप सख्त से सख्त कार्रवाई करने, मृतकों के परिजनों को 25 लाख रूपये और शराब पीने से विकलांग हुए लोगों को दस लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो भाकपा(माले) पीड़ितों के पक्ष में आन्दोलन करेगी. प्रतिनिधि मंडल में उनके अलावा का. सुदर्शन राम, का. हरिशचन्द्र, का. निरंकार राजभर, शिवम गिरी, कृष्णा गिरी प्रवीण विश्वकर्मा आदि शामिल रहे.

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आजमगढ़ जहरीली शराब कांड पर बयान: शराब आपूर्ति पर कड़ी नजर रखे चुनाव आयोग

भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने विगत 21 फरवरी 2022  को एक बयान जारी कर कहा है कि आजमगढ़ में सोमवार को जहरीली शराब से हुई मौतें सरकार और शराब माफिया की मिलीभगत का नतीजा हैं. पार्टी ने चुनाव आयोग का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि पूर्वांचल में छठे और सातवें चरण में अधिकांश जिलों में चुनाव होने हैं और जहरीली शराब पर कड़ाई से रोक नहीं लगाई गई, तो चुनाव के दौरान कई और ‘शराब कांड’ घटित हो सकते हैं.

भााकपा(माले) ने कहा है कि जहरीली शराब से मौतों के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है. भाजपा सरकार की ‘शुचिता’ और ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेंस’ सिर्फ दिखावा था, जो इस कांड से एक बार पुनः साबित हुआ है. आजमगढ़ से पहले भी प्रदेश में अयोध्या आदि कई जिलों में जहरीली शराब से मौतें हुईं, लेकिन योगी का प्रशासन कार्रवाई का ढोंग करता रहा. यदि वास्तव में शराब माफिया की नकेल कसी गई होती, तो आजमगढ़ के कई परिवार उजड़ने से बच गए होते.

भाकपा(माले) की राय है कि भाजपा की सरकार से जितनी जल्दी छुटकारा मिल जाये, जनहित में उतना ही अच्छा है. आजमगढ़ में जहरीली शराब से मौतों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा, मृतक के परिजनों को 50-50 लाख रु. मुआवजा, एक-एक सदस्य को नौकरी और घायलों को समुचित व मुफ्त उपचार मिलना चाहिए.

Yogi government is responsible