वर्ष - 31
अंक - 31
30-07-2022

फासीवाद से लड़ने के लिए विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा

तमिलनाडु की भाकपा(माले) इकाई ने 24 जुलाई को तंजवुर में ‘फासीवाद-विरोधी कन्वेंशन’ आयोजित किया, जिसमें तमिलनाडु के डेल्टा अंचल से हजारों पार्टी सदस्यों और समर्थकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया.

कन्वेंशन को मुख्य वक्ता के बतौर पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में भारत में फासीवाद के पछिले सौ वर्षों के इतिहास और विकास पर प्रकाश डाला. साथ्ज्ञ ही, उन्होंने आज के दौर में लोकतंत्र और संविधान पर फासीवाद के मंडराते खतरे को भी विस्तार से बताया.

कामरेड दीपंकर ने कहा कि केंद्र सरकार कानूनों में बदलाव लाकर राज्य सरकार के अधिकारों में तोड़मरोड़ कर रही है, और इस प्रकार भारत के संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है. मोदी सरकार ने गैर-संवैधानिक तरीके से तीन कृषि कानून पारित करवा लिया, जबकि कृषि क्षेत्र पूरी तरह राज्य सूची के अंतर्गत आता है. मोदी सरकार राज्यों के अधिकारों का लगातार अतिक्रमण कर रही है.

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की विभाजन रेखा को धुंधला कर रही है, और राज्य के तामाम अंगों को कार्यपालिका के अधीन बना देने का हर संभव प्रयास कर रही है. यही वह परिस्थिति है जिसमें तीस्ता सीतलवाड़ और मोहम्मद जुबैर जैसे कार्यकर्ताओं को जेल भेज कर दंडित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस भारत में फासीवाद के आगमन की घोषणा थी. आज हम फासीवाद को बर्बर सांप्रदायिक, काॅरपोरेट और जातीय हमलों के जरिये जीवन के हर क्षेत्रा में घुसता देख रहे हैं. जब लोकतंत्र पर चौतरफा हमला हो रहा हो और जब फासीवादी ताकतें नफरत और विभाजनकारी राजनीति फैला रही हों, तब सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए तथा झूठ के खिलाफ सच को बुलंद करने के लिए जमीनी स्तर पर प्रतिरोध विकसित करना होगा.

उन्होंने इस देश में भगत सिंह, अंबेडकर और पेरियार के अनुकरणीय विचारों और उनकी ऐतिहासिक भूमिकाओं पर चर्चा की, और आज के समय में फासीवाद के विभिन्न पहलुओं से लड़ने में उनकी प्रासंगिकता पर रोशनी डाली. उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे काॅरपोरेट-परस्त सांप्रदायिक फासीवाद के खिलाफ उठ खड़े हों और देश व संविधान को बचाने के लिए मोदी-नीत भाजपा सरकार को उखाड़ फेकें. साथ्ज्ञ ही, उन्होंने खासकर विपक्षी पार्टियों से भी आह्वान किया कि वे फासीवाद को शिकस्त देने की प्रक्रिया में एकजुट हो जाएं, जोकि आज देश के सामने सर्वप्रमुख कर्तव्य है.

तमिलनाडु के पार्टी राज्य सचिव एनके नटराजन ने कन्वेंशन की अध्यक्षता की. कन्वेंशन में प्रमुख अतिथियों के बतौर विदुथलै चिरुथैकल कटची के अध्यक्ष का. तिरुमावलावन, माकपा के केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड यू. वासुकी, भाकपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य का. पेरियास्वामी, ग्रीन तमिलनाडु पार्टी के सुब्बा उदयकुमार और तनथै पेरियार द्रविडार कडगम के राज्य कार्यकारिणी सदस्य विदुथलै अरासु शामिल थे.

कामरेड तिरुमावलावन, जो संसद सदस्य भी हैं, ने भाकपा(माले) द्वारा फासीवाद-विरोधी कन्वेंशन की पहलकदमी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्य कई संगठन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा पाए. उन्होंने फासीवाद के खिलाफ संघर्षों में अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की. उन्होंने साथ ही, 2024 के आम चुनावों में फासिस्ट मोदी सरकार को पराजित करने का आह्वान किया, और यह भी चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह सरकार देश के लिए आफत खड़ी कर देगी.

कन्वेंशन के जरिये कई प्रस्तावा पारित किए गए, और केंद्र की मोदी सरकार को अपदस्थ करने का आह्वान जारी किया गया. एक प्रस्ताव में वामपंथियों, अंबेडकरवादियों और पेरियरवादियों के बीच कार्रवाई की एकजुटता विकसित करने की अपील की गई ताकि मोदी शासन को खत्म किया जा सके और जनता के प्रतिरोध संघर्षों को मजबूत बनाया जा सके.

Convention in Thanjavur