वर्ष - 31
अंक - 33
19-08-2022

झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों की गाड़ी से बड़ी राशि बरामदगी गहरी राजनीतिक साजिश की ओर इशारा करती है. राज्य में विधायकों की खरीद-बिक्री की घटनाएं पहले भी हुई हैं. हॉर्स ट्रेडिंग के पीछे संलिप्त लोगों को राज्य सरकार बेनकाब करे और संलिप्त विधायकों पर कड़ी कार्रवाई करे. राज्य की जनता इस खेल के पीछे छिपे असली लोगों के बारे में जानना चाहती है. विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में त्वरित एवं विधिसम्मत कदम उठाएं.

भाजपा द्वारा राज्य के जनादेश का गला घोंटने के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर हॉर्स-ट्रेडिंग का हथकंडा अपनाया गया है. इसे ‘ऑपरेशन लोटस’ कहा जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में राज्य में हुए क्रॉस वोटिंग से भी इस मामले के जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. जांच में इस पहलू पर ध्यान रखा जाना चाहिए. भाजपा के हाथ में केंद्र की तमाम एजेंसियां हैं और भाजपा के कुछ नेता ईडी से भी पहले ईडी की छापामारी से मिली चीजों की घोषणा करते रहते हैं. आज वे केंद्रीय एजेंसियों से पूछने के बजाय कांग्रेस से पूछ रहे हैं. यह विडंबनापूर्ण है.

पिछले चुनाव में मुंह की खाने के बाद से ही भाजपा लगातार राज्य की जनता को दंडित करने और विधायकों की खरीद-बिक्री से सरकार में वापस आने के लिए जोड़-तोड़ कर रही है. भाजपा झारखंड में चोर दरवाजे से सरकार बनाकर जल-जंगल-जमीन के अलावा राज्य के सार्वजनिक क्षेत्रों को कॉरपोरेटों के हवाले करना चाहती है. भाकपा(माले) आजादी के 75वें साल के मौके पर राज्य के लोकतंत्र को कुचलने की भाजपाई साजिश को नाकाम करने की अपील करती है.

– मनोज भक्त, राज्य सचिव, भाकपा(माले)