वर्ष - 31
अंक - 44
29-10-2022

भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा क्षेत्र में सामंत. नौकरशाह-पुलिस गठजोड़ अब भी गरीबों पर दमन ढाने का मंसूबा पालने में पीछे नहीं है. तरारी प्रखंड के डुमरिया पंचायत में गरीबों की राजनीतिक दावेदारी बढ़ने और सरपंच पद पर भाकपा(माले) नेता श्रीराम साह के काबिज होने के बाद ये ताकतें बौखला उठी हैं. धनगावां वासी पूर्व सरपंच अभिराम सिंह जो पंचायती सत्ता से बेदखल हो चुके हैं के नेतृत्व में वे गरीबों को तंग-तबाह करने में लग गयी हैं.

हाल की घटना यह है कि गांव के ही एक दबंग बबन सिंह ने गांव की आम जमीन को दखल करने का प्रयास किया. सरपंच श्री राम साह की अगुआई में गांव के गरीबों ने जब इसका विरोध किया तो बबन सिंह द्वारा तरारी थाने में कई फर्जी एफआइआर दर्ज कर (तरारी कांड संख्या 92/22, 217/22 और महिला थाना कांड संख्या 76/22) रंगदारी मांगने, पैसा छिनने, जानलेवा हमला और मारपीट करने के कई आरोप सरपंच श्री राम साह सहित उनके परिवार के सदस्यों के उपर लगाये गये.

उसी प्रकार प्रखंड के बागर गांव में पंचायत के पूर्व मुखिया पति हरेराम राय तथा पूर्व उप मुखिया पुत्र विकास राय द्वारा गरीबों की राजनीतिक दावेदारी का प्रतिनिधित्व करने वाली वर्तमान मुखिया संतोषी देवी के परिजनों पर मारपीट करने, जानलेवा हमला करने तथा महिला के साथ छेड़-छाड़ का झूठा मुकदमा (सिकरहटा थाना कांड संख्या 162 /22) दर्ज कराया गया है. इसी गांव के मुकेश राय ने बालेश्वर रजवार पर पंखा चोरी का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया गया, जबकि उसके नशेड़ी भाई ने पंखा चोरी का आरोप खुद स्वीकार कर लिया था.

उसी तरह देव गांव वासी वर्तमान मुखिया के दबंग पति अनिल गुप्ता ने वार्ड सदस्य सुनील गुप्ता तथा उनकी मां सनफूला देवी पर मारपीट करने का झूठा आरोप लगाकर सिकरहटा थाने में एफआइआर दर्ज कराया. उसी गांव में घानमुनी देवी द्वारा स्थानीय दबंग मुखिया पति अनिल गुप्ता सहित अन्य पर मारपीट करने व घर पर हमला करने की घटना की प्राथमिकी दर्ज है लेकिन थानाध्यक्ष आरोपी को बरी करने के प्रयास में लगे हुए हैं. इस मामले में चोटिल गर्भवती महिला रजनी देवी (पति का नाम – रजनीश राम) का चार दिन में गर्भपात हो गया.

विशम्भरपुर गांव में कौशल पासवान के घर के समीप उनकी खुद की जमीन है. स्थानीय दबंग अजीत उपाध्याय ने एक साजिश के तहत कन्हैया कहार द्वारा उस जमीन पर मवेशी बांधने के विरोध में ईमादपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया जिसके बाद थानाध्यक्ष ने वहां पहुंच कर कौशल पासवान के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट किया. जथ्य यह है कि कौशल पासवान के आवेदन के आलोक में भोजपुर के आरक्षी अधीक्षक ने उनको उक्त जमीन पर अपना मवेशी बांधे जाने की इजाजत दे रखी थी और इसकी सूचना भी उनको खुद थानाध्यक्ष के मार्फत मिली थी. सुबह जब वे ऐसा करने गये तो कन्हैया कहार ने उनको रोकने लगे और उन दोनों के बीच मारपीट हो ही गई.

इस बीच इलाके में दबंगों द्वारा गरीब व कमजोर लोगों पर जुल्म व अत्याचार की घटनायें काफी बढ़ गयी हैं. गरीब लोग जब थाने में अपनी प्राथमिकी दर्ज कराने जाते हैं तो उन्हें डांट-फटकार लगायी जाती है और उनकी प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी की जाती है. तत्काल दलालों के माध्यम से आरोपी को थाने बुलाकर उसके द्वारा गरीबों पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है. यह स्थानीय पुलिस की कार्यशैली के रूप में स्थापित हो चुकी है. पुलिस ने सामंती दबंगों को अवैध बालू निकासी व शराब बिक्री की छूट दे रखी है और उनसे मोटी कमाई करती है. अवैध बालू लदे सैकड़ों ट्रैक्टर हर रोज थानों के सामने से गुजरते हैं और सिर्फ दिखावे के लिए कभी-कभार एक-दो को पकड़ लिया जाता है.

उसी तरह प्रशासन की निचली इकाई नजराना लेकर शराब बिक्री में डुबी हुई है. नजराना नहीं मिलने पर छोटे शराब विक्रेताओं को पकड़ लिया जाता है.

गरीबों पर इस बढ़ते सामंत-अपराधी-पुलिस गठजोड़ के दमन के खिलाफ विगत 22 अक्टूबर 2022 को धनगांवाए में एक प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया.


दमन के खिलाफ धनगांवा में आयोजित हुई प्रतिवाद सभा

against feudal forces

भोजपुर जिले के तरारी में सामंत-नौकरशाह-पुलिस गठजोड़ के खिलाफ विगत 22अक्टूबरए2022 को धनगांवा में प्रतिवाद सभा का आयोजन हुआ जिसमें सैंकड़ों गरीब मजदूरों, किसानों, महिलाओं और नौजवानों ने हाथों में लाल झंडे के साथ हिस्सा लिया. सभा का संचालन प्रखंड कमिटी सदस्य कृष्णा प्रसाद गुप्ता और अध्यक्षता वरिष्ठ भाकपा(माले) नेता कामता प्रसाद सिंह ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि बिहार में सत्ता से बाहर हुई भाजपा बौखलाहट में सामंती ताकतों को उकसाकर समाज में तनाव पैदा कर रही है. आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे भारत में आज भी सामंती ताकतें अपनी धाक बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

कामरेड सुदामा प्रसाद ने कहा कि इस इलाके की इन सामंती ताकतों को भाकपा(माले) के नेतृत्व में गरीब-भूमिहीन मजदूरों व दलित-पिछड़ों ने लड़कर पीछे ढकेल दिया था. सामंती ताकतें एक बार फिर से पुलिस-प्रशासन का सहयोग लेकर तरारी में एकजुट गरीबों की एकता को तोड़ने की साजिश में लग गई हैं और गरीबों को दबाने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन तरारी में ये सब नहीं चलने दिया जाएगा और गरीबों की एकजुटता और जुझारु संघर्ष के बदौलत इनके मंसूबों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने मांग किया कि पुलिस अविलंब बागर, देव, धनगांवा, विशंभरपुर समेत तमाम जगहों के दोषी सामंती अपराधियों को गिरफ्तार करे.

सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव कामरेड रमेश ने प्रतिवाद सभा के जरिए ऐलान किया गया कि अगर पुलिस ने सामंतों-दबंगों पर कार्रवाई नही की गई और अपनी कार्यशैली में बदलाव नही लाई गई तो जनता के द्वारा जन कारवाई को अंजाम दिया जाएगा.

सभा को सुधीर यादव, मनीर आलम, रंजन पासवान, जमाल अशरफ, रामदयाल पंडित, विजेन्द्र सिंह, मुहर्रम मास्टर, सुरेंद्र राम, आदि ने भी सम्बोधित किया.