वर्ष - 31
अंक - 44
29-10-2022

बिहार के जमुई जिले में चार लाख बीड़ी मजदुर हैंसबसे अधिक संख्या महिलाओं की है जो 12-14 घंटा काम कर मात्र 70-90 रूपये मजदूरी पाती हैं

15 मार्च 2019 को प्रशासन की मौजूदगी में हुए त्रिपक्षीय समझौते में 110 रूपये मजदूरी देने पर समझौता हुआ, लेकिन वह लागू नहीं हुआ. विगत 17 अक्टूबर 2022 को मजदूर कार्यालय में सैकड़ों की संख्या में जुटे मजदूरों ने प्रदर्शन कर मांग-पत्र दिया. वासुदेव राय, यशोदा देवी, रानी देवी, और मकशुदन शर्मा के 4 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ अधिकारियों की वार्ता में बीड़ी मजदूरों के लिए पीएफ, पेंशन और स्वास्थ्य सुविधा देने के साथ तत्काल 125 रूपये मजदूरी देना शुरू करने पर सहमति बनी.

भाकपा(माले) नेता बाबु साहब की अध्यक्षता मे हुई सभा को संबोधित करते हुए महिला बीड़ी मजदूर ललिता देवी ने कहा ‘बीड़ी ठेकेदार 1100 बीड़ी बनाने पर 90 रू. देने को कहता है जबकि 1000 पर ही 90 रू. देने हैं. सिबिया देवी ने बताया कि बीड़ी बनाते-बनाते उनकी आंखें जवाब दे चुकी हैं. ऐपवा की राज्य सह सचिव रीता बर्णवाल ने कहा कि केंद्र-राज्य सरकारों द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी को बीड़ी मजदूरों को भी मिलनी चाहिए.

बढ़ रहीे महंगाई को देखते हुए मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर मधुबनी जिले के जयनगर में बीड़ी मजदूरों का महीनों से आंदोलन चल रहा है. पिछले दिनों अनुमंडल पदाधिकारी बेबी कुमारी के निर्देश पर लेबर इंस्पेक्टर प्रेम कुमार ने देवधा गांव पहुंच कर बीड़ी दुकानदार संघ के सचिव सुरेंद्र दास के आवास पर बैठक की. बीड़ी मजदूर यूनियन नेताओं भूषण सिंह व अब्दुल रशीद अंसारी के साथ हुई वार्ता के बाद प्रति हजार बीड़ी बनाने पर 100 रू. देने पर सहमति बनी.