जब से व्यापक आधर वाला एकताबद्ध विपक्ष सामने आया है, मोदी सरकार और संघ ब्रिगेड की चूलें हिल गई हैं. यह सरकार अच्छी तरह जानती है कि 2019 में पुलवामा संहार-कांड से उत्पन्न जुनूनी राष्ट्रवादी लहर की पृष्ठभूमि में भी राजग (एनडीए) का साझा वोट प्रतिशत 45% से ज्यादा नहीं जा सका था, जबकि भाजपा का अपना वोट प्रतिशत 40 से भी कम था.