बिहार में ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान की शानदार शुरूआत

पटना के रवीन्द्र परिषद सभागार में संपन्न हुआ राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन

संक्रमण के दौर में है बिहार, नए बिहार के निर्माण के संघर्ष का माले करेगा नेतृत्व – दीपंकर भट्टाचार्य

16 जुलाई 2024 को पटना के रवीन्द्र परिषद सभागार में राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन के जरिए भाकपा(माले) ने ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान की शानदार शुरूआत की. अभियान अगले चार महीनों तक चलेगा.

भारतीय रेल से आम जनता की बेदखली के खिलाफ आरवाइए का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

रेलवे भारतीय जनता की जीवन रेखा है. यह न सिर्फ लाखों लोगों के रोजी-रोटी का साधन है बल्कि करोड़ों नागरिकों के सपनों को भी ढोती है. हजारों मजदूर काम की तलाश में, विद्यार्थी पढाई और परीक्षाऔर बीमार लोग इलाज के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर रेलवे के माध्यम से ही जा पाते हैं. मोदी सरकार ने कोविड के बहाने कई ट्रेनें बंद की, ट्रेनें फिर से शुरू हुईं तो जनरल और नन एसी स्लीपर बोगियों की संख्या घटाकर एसी बोगियों की संख्या बढ़ा दी गई और साथ ही साथ यात्री किराया भी बढ़ा दिया गया. सरकार के इस फैसले ने देश की बड़ी आवादी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी.

झारखंड में माॅब लिंचिंग के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद

झारखंड में बढ़ रही माॅब-लिंचिंग पर लगाम लगाने, माॅब लिंचिंग में शामिल अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने और साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वालों को जेल में डालने की मांग को लेकर 13 जुलाई 2024 को राज्यव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित हुए.

महादलित की पिटाई और उनकी पत्नी को निर्वस्त्र करने की घटना पर भाकपा(माले) जांच दल ने रोष जताया

खेग्रामस और भाकपा(माले) के संयुक्त जांच दल ने विगत 15 जुलाई को मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी थाना क्षेत्र के सिलौत जयनारायण गांव का दौरा किया जहां जहां सामंती ताकतों द्वारा एक महादलित महिला को निर्वस्त्र करने और उनके पति के साथ मारपीट करने की घटना घटित हुई.

जांच टीम में भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य तथा खेग्रामस के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, भाकपा(माले) जिला कमेटी सदस्य परशुराम पाठक, कुढ़नी प्रखंड प्रभारी  होरिल राय और मो. मुन्ना कुरैशी शामिल थे.

एसकेएम ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका

10 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में संपन्न हुई संयुक्त किसान मोर्चा की आमसभा में शीघ्र ही केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों आंदोलन का बिगुल फूंकने का निर्णय लिया गया. एमएसपी कानून की गारंटी, ऋण मुक्ति, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों के पेंशन, बिजली के निजीकरण को वापस लेने समेत अन्य लंबित मांगें आंदोलन के मुद्दे होंगे.

तीन आपराधिक कानूनों और बुल्डोजर राज के खिलाफ धरना-प्रदर्शन

1 जुलाई 2024 को भाकपा(माले) ने मोदी सरकार के तीन नए आपराधिक कानूनों (क्रिमिनल कोड) और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बुल्डोजर राज के खिलाफ उत्तर प्रदेश में विरोध दिवस मनाया. उस दिन राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर आयोजित हुए और जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया.

ऐपवा ने मुजफ्फरपुर डीबीआर मामले में एडीजी संजय सिंह से मुलाकात की

4 जुलाई 2024 को मुजफ्फरपुर डीबीआर मामले में पीड़ितों के न्याय दिलाने की मांग के साथ ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी और राज्य सचिव अनीता सिन्हा ने एडीजी संजय सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने इस मामले में स्थानीय प्रशासन से लेकर उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों के रवैये को लेकर काफी रोष प्रकट करते हुए कहा कि बिहार में भाजपाइयों द्वारा सत्ता हड़प लेने के बाद पुलिस अधिकारियों का मनमानापन और बढ़ गया है. नीतीश कुमार ने इस गंभीर मसले पर चुप्पी साध रखी है.

मुंबई में शुरू हुआ ‘धरावी बचाओ’ आंदोलन

6 जुलाई 2024 को शाम 7 बजे से मुंबई मुलुंड पूर्व स्थित राजे संभाजी हॉल में धारावी बचाओ आंदोलन, मुलुंड भूमि बचाओ समिति, कुर्ला मदर डेयरी बचाओ समिति, विक्रोली विकास मंच और अन्य समितियों की एक संयुक्त बैठक हुई. बैठक को मुलुंड आंदोलन के नेता सागर देवरे, एसके पार्थ और भारत सोनी, धारावी बचाव आंदोलन के राजेन्द्र कोरडे, भाकपा के नसीरूल हक, आप नेता संदीप कटके, भाकपा(माले) के अजित पाटिल, विक्रोली विकास मंच के संजय एलवे, कुर्ला मदर डेयरी के अतनु मुखर्जी और नीलेश कांबले और अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया.

एसकेएम ने दिल्ली में लगाई किसान-मजदूर महापंचायत

देश को कॉरपोरेट लूट से बचाने व संविधान-लोकतंत्र की रक्षा का लिया संकल्प

-- पुरुषोत्तम शर्मा

जलकर राख हुईं राजधानी फतुहा (पटना) में दलित-गरीबों की 600 झोपड़ियां

पटना के फतुहा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत उसफा संगत पर लगभग 20 बीघे अर्थात 5 एकड़ भूमि पर आश्रयहीन गरीब परिवारों द्वारा बनाई गई लगभग 600 झोपड़ियां विगत 10 मार्च की रात जलकर राख हो गईं. आग में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई बच्चे झुलस गए. जिन 600 परिवारों ने इन झोपड़ियों को अपना घर बनाया था, उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और आजीविका की हर जरूरी वस्तु पूरी तरह से नष्ट हो गई है. ये झोपड़ियां नवंबर 2023 में भाकपा(माले) की फतुहा प्रखंड कमेटी के नेतृत्व में डाली गई थीं. लोकप्रिय भाकपा(माले) नेता का.