वर्ष - 28
अंक - 9
16-02-2019

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित रिहाई मंच कार्यालय (लाटूस रोड स्थित बीसी बिल्डिंग) में 11 फरवरी 2019 को संपन्न हुई एक बैठक के जरिये उत्तर प्रदेश में एआईपीएफ का गठन हुआ. भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम, रिहाई मंच के नेता राजीव यादव, गोपाल कृष्ण वर्मा, शुकुरुल्लाह अहमद, शेखर, रोबिन, बांकेलाल, शाहरूख, वीरेंद्र गुप्ता आदि समेत विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे।

बैठक में का. सलीम ने एआईपीएफ का घोषणा पत्र प्रस्तुत किया और इस पर सुझाव आमंत्रित किए. बिरेन्द्र गुप्ता ने सभी बच्चों को कम से कम 5 वर्ष के बाद ही स्कूलों में दाखिला हो यह बात रखी. रिहाई मंच नेता रोबिन वर्मा ने यूनिवर्सिटी और कालेजियम सिस्टम के ऊपर सवाल उठाए जुडिशियरी में आरक्षण हो यह मांग रखी. रिहाई मंच के राजीव यादव ने आर्टिकल 341 मैं अमेंडमेंट करके अल्पसंख्यक समुदायों को आरक्षण मिले और साथ ही साथ अल्पसंख्यक समुदाय के साथ कोई भी अत्याचार ना हो इसीलिए अतरोसिटीज एक्ट बनाई जाए

रिहाई मंच नेता शाहरुख में जामिया यूनिवर्सिटी और एएमयू यूनिवर्सिटी के कैरेक्टर को खत्म करने की सरकार की साजिश पर सवाल उठाए. रिहाई मंच नेता रवीश आलम ने पुलिस और न्याय व्यवस्था के सुधार की बात रखी. गोपाल कृष्ण वर्मा ने कानून के छात्रों की पढ़ाई पूरी होने के साथ ही 5 वर्षों तक 5000 रु. से 10000 रु. तक की फेलोशिप राशि, कंप्यूटर लाइब्रेरी समेत लैपटाप और रहने के लिए कमरे की व्यवस्था देने की मांग जोड़ने को कहा. बैठक में सामान्य कोटि के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का विरोध करते हुए 13 पॉइंट रोस्टर वापस लेने की मांग भी रखी गई

बैठक में गरीब किसानों से जमीन छीन कर सड़कों का निर्माण करने, कृषि योग्य भूमि को अनुत्पादक बनाकर लोगों को पलायन करने पर मजबूर करने की सरकारी नीति पर विरोध जताते हुए इसे घोषणा पत्र में रखने का प्रस्ताव आया. सांप्रदायिक हिंसा कानून को लाने, आरक्षण के नाम पर बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी, नौकरियों,व पदों की समाप्ति तथा आर्थिक आधार पर आरक्षण के बहाने संविधान के मूल ढांचे पर हमले को भी सामने लाने का भी सुझाव आया.

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि हमें 99 फीसदी नागरिकों का भारत चाहिए। इसलिए अपने एजेंडे में एक फीसदी के बजाय 99 फीसदी लोगों के हितों को समाहित किया जाए। इस दौरान यह भी तय किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन 10 मुद्दों की वकालत कर सत्ता में आए थे और सत्ता पाते ही उन्हें भूला दिया, उन पर खासतौर से भाजपा को घेरा जाएगा। साथ ही दूसरी पार्टियों को भी यह बताया जाएगा कि भाजपा ने इन प्रमुख 10 मुद्दों की अनदेखी की। अब आगामी चुनाव में आपकी क्या मंशा है। इसमें खासतौर से भ्रष्टाचार, स्वीस बैंकों में जमा काला धन वापस लाने, किसानों की लागत का उचित मूल्य दिलाना आदि शामिल है।

बैठक में सत्ता द्वारा भारत को लिंचित्सान में बदलने की कोशिशों की निंदा की गई। दलितों पर हो रहे हमले, मीडिया सेंसरशिप, विश्वविद्यालयों में राष्ट्रवाद के नाम पर की जा रही अराजकता आदि की भी घोर निंदा की गई। शिक्षा के बाजारीकरण और शिक्षा में आरक्षण के खेल के जरिए युवाओं को दिग्भ्रमित करने, शिक्षा में हो रहे खर्च में कटौती करने का विरोध किया गया। विभिन्न घटनाओं में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को जिम्मेदार बनाने, दलितों, आदिवासियों, और अल्पसंख्यकों केअधिकारों की रक्षा करने की गारंटी देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। बैठक में आर्टिकल 341 में अमेंडमेंट करके अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण देने की मांग और एएमयू के कैरेक्टर को खत्म करने की साजिशों की भी निंदा की गई।

बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद शोएब को एआईपीएफ का प्रदेश संयोजक चुना गया। यह तय किया गया कि सभी सियासी दलों को फोरम की ओर से ज्ञापन भेजा जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि फिरकापरस्त ताकतों से लडऩे के लिए दल अपने एजेंडे में गरीबों, मजलूमों, आदिवासियों, छात्रों, नौजवानों के मुद्दों को भी शामिल करें।

हरियाणा में भी प्रेम सिंह गहलावत के संयाजेकत्व में एआईपीएफ की 21-सदस्यीय कमेटी गठित की गई  है. ओमप्रकाश आर्य, विनोद कुमार, सुखविंदर सिंह, अजयवीर संधू, महिंदर सिंह चोपड़ा, कंवलजीत सिंह सैनी, ललित सक्सेना, ईश्वर पाल, कृष्ण उपलाना, सतबीर सिंह सिरोह, प्रताप सिंह जांटी, विक्की शामगढ़, धर्मबीर जांगड़ा, कमल स्वामी, नरेश यादव,17 कौशल्या,18 अशोक गुप्ता,19 शौकीन राणा, दिनेश गंगाईचा जाट और चरणजीत सिंह अधिवक्ता के नाम सदस्यों में शामिल हैं.

राजस्थान एआइपीएफ की बैठक जयपुर के विनोबा ज्ञान मंदिर परिसर में संपन्न हुई। बैठक में एआईपीएफ के विस्तार और सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया. वर्किंग ग्रुप में समग्र सेवा संस्थान के सवाई सिंह, पीयुसीएल की कविता श्रीवास्तव, विकल्प जनवादी संस्कृति मोर्चा के महेंद्र नेह (कोटा), श्रमिक नेता का हंसराज चोधरी (रावतभाटा), सोशल एक्टिविस्ट रिंकु परिहार,(उदयपुर), राजस्थान नागरिक मंच के अनिल गोस्वामी, ‘डगर’ के भंवर मेघवंशी (भीलवाड़ा), मुक्तिधारा के ललित यादव (नीमकाथाना), मानवाधिकार कार्यकर्ता जोगराज (बाड़मेर), भाकपा (माले) के राहुल चौधरी समेत राज्य के विभिन्न जिलों एवं संगठनों के कार्यकर्ताओं को वर्किंग ग्रुप में शामिल किया गया है. शंकरलाल चौधरी (उदयपुर) वर्किंग ग्रुप के संयोजक  बनाये गये हैं. बैठक में लोकसभा आम चुनाव 2019 के लिए तैयार ‘आम जन के लिए भारतीय जन के घोषणा पत्र’ पर चर्चा हुई. इस पर चर्चा के दौरान आमतौर पर इससे सहमति व्यक्त करते हुए कुछ बिन्दुओं पर और अधिक स्पष्टता तथा जोर देने की बातें सामने आयीं. इससे पूर्व बैठक की शुरुआत करते हुए फोरम के केन्द्रीय कार्यालय सचिव ओम प्रसाद ने कहा कि फोरम देश में फासिस्ट सत्ता के हमलों के खिलाफ संघर्ष करने वाले तमाम वाम-जनवादी संगठनों, पार्टियों और प्रगतिशील लोगों का साझा संगठन  है और देश में जनतंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से काम करता है। आगामी लोकसभा चुनाव में देश की जनता के चार्टर को सभी राजनीतिक पार्टियों के सम्मुख रखा जायेगा तथा जनता का आह्वान किया जायेगा कि फासीवादी ताकतों को शिकस्त देने के लिए वोट देकर देश में जनतंत्र की बहाली सुनिश्चित करें.