विगत 2 मार्च को इंसाफ मंच का दूसरा बिहार राज्य सम्मेलन सिवान के डा. भीम राव अम्बेडकर पार्क में संपन्न हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देनी पड़ती है. हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं और इंसाफ हासिल करके ही दम लेंगे. हम रोजी-रोटी और तालीम की बात करते हैं, लेकिन यह भी तभी मिल पायेगा जब देश में लोकतंत्र, संविधान और जनता का अधिकार सुरक्षित रहेगा.

सम्मेलन स्थल के नजदीक अवस्थित शहीद का. चन्द्रशेखर व बाबा साहेब अम्बेदकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने के बाद बिहार के कोने-कोने से आये इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं को, जिनमें मुस्लिम, दलित और महिला समुदाय की भारी तादाद मौजूद थी, सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश की मोदी सरकार देश के संविधान के मूल प्रस्थापनाओं - इंसाफ, आजादी, भाईचारा और बराबरी पर घातक हमले कर रही है. देश को संविधान से काट कर संघी-फासीवादी रास्ते पर हांकने की उनकी इस कोशिश को देश की इंसाफ व लोकतंत्र पसंद जनता कभी सफल होने नहीं देगी.

उन्होंने कहा कि अभी हमारा देश जिस तरह से चल रहा है उसका बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर के बनाये संविधान से कोई लगाव ही नजर नहीं आता. संविधान ने देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बराबरी का जो संकल्प जाहिर किया था, देश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार उसे लगातार चोट पहुंचाने में लगी हुई है.

का. दीपंकर ने कहा कि संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बराबरी की बात की गई है. सामाजिक बराबरी के लिए सामाजिक न्याय के नाम पर आरक्षण का अधिकार मिला था. संविधान में आरक्षण को एक आधार बनाया गया था. अब इसमें भी लगातार कटौती हो रही है. देश के नौजवानों को काम मिले इसे मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया गया है. बल्कि इसके उलटा जो नौकरियां हैं उसे भी छीना जा रहा है.

उन्होंने कहा कि राजनीतिक आजादी भी लगातार छीनी जा रही है. अंग्रेजों के जमाने में बने राजद्रोह जैसे काले कानूनों जिसके जरिये आजादी की लड़ाई लड़नेवालों को जेल में डाला जाता था, आजतक बरकरार है. रोजगार मांगनेवाले छात्रा-नौजवानों को भी राजद्रोही करार दिया जा रहा है. सरकार देश नहीं होती है इसलिए सरकार का विरोध करनेवाले देशद्रोही नहीं हो सकते. देश के प्रधानमंत्री के नीतियों पर सवाल उठानेवालों को जेल जाना पड़े यह देश के लिए बहुत ही खतरनाक है. मोदी सरकार अडानी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट लुटेरों के कब्जे में है. बालाकोट पर हमले की जानकारी प्रधानमंत्री के अलावे सिर्फ अंबानी को थी. राफेल डील के लिए अंबानी की कंपनी बनाई गई. अगर कोई इनके भ्रष्टाचार की बात करता है तो ये करोड़ों रुपयों की मानहानि का मुकदमा करके उसे डराते हैं. इसतरह से संविधान के तहत आमलोगों को जो आजादी मिलनी चाहिए वह नहीं मिली. सरकार की मेहरबानी से कुछ लोगों को बेपनाह आजादी मिली हुई है.

देश में 1 प्रतिशत लोगों के पास 70 प्रतिशत धन है. देश के बड़े पूंजीपतियों के पास आधे हिस्से की संपाति है. यह आर्थिक गैरबराबरी बढ़ती ही जा रही है. सवाल यह है कि ऐसे में देश कैसे टिकेगा?

उन्होंने कहा कि यह सरकार कानून की नजर में जो बराबरी होती है उसे भी खत्म कर रही है. नागरिकता कानून देश की संसद में पारित नहीं हुआ लेकिन सरकार नागरिकता कानून के नाम पर देश के नागरिकों को भी धार्मिक आधार पर बांट रही है. वह कह रही है कि मुस्लिम धर्म के लोग देश में नहीं रह सकते हैं. हिन्दू या अन्य धर्मों के लोगों को बगैर पासपोर्ट-वीजा के भी देश की नागरिकता मिलेगी. आधार कार्ड न होने के नाम पर लोगों को राशन से भी वंचित कर दिया जा रहा है. पूरे देश में हिंसा व नफरत पर आधारित मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं. इन सबके जरिये कानून के राज के खात्मे की साजिश रची जा रही है.

अब जबकि चुनाव सामने है देश में युद्धोन्माद पैदा किया जा रहा है और चुनाव रोक दो, पाकिस्तान को ठोक दो’ जैसे नारे लगवाये जा रहे हैं. लेकिन शहीदों के परिजन भी जंग नहीं चाहते. जिन लोगों को जग लड़नी पड़ती है वे भी कह रहे हैं कि जंग के अलावे भी तरीके हैं. किसी भी मसले को आपसी बातचीत से भी हल किया जा सकता है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान - दोनों ही देशों में युद्ध के विरोध में तथा अमन-भाईचारा के पक्ष में खड़ा होने और मुहिम चलानेवाले नागरिकों, बुद्धिजीवियों और रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों का पुरजोर स्वागत करते हुए इस मुहिम को और तेज करने की अपील की. आजादी की लड़ाई में देश के साथ गद्दारी करनेवाले देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांट रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बिहार में भी इंसाफ, बराबरी और आजादी के लिए लड़ने वाले हमारे 14 साथियों को टाडा के तहत जेल में डाल दिया गया. इनमें से का. शाह चांद समेत हमारे चार साथियों को जेल में ही मार डाला गया. सीवान में गरीबों के लिए जमीन की लड़ाई लड़ रहे हमारे साथियों का. सत्यदेव राम और का. अमरजीत कुशवाहा को एक फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल में रखा गया. लेकिन इंसाफ की लड़ाई में हम कोई भी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे. इंसाफ, बराबरी, आजादी और भाईचारा हमारा हक है और हम उसे लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि भगत सिंह, अशफाकुल्ला और चन्द्रशेखर आजाद की साझी शहादत-साझी विरासत की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इंसाफ का यह कारवां और मजबूत होगा, आगे बढ़ेगा और निर्णायक मंजिल तक जरूर ही पहुंचेगा.

इंसाफ मंच के नेता का. नेयाज अहमद (दरभंगा) ने कहा कि इंसाफ मंच दलितों, अकलियतों, उपेक्षितों व महिलाओं की लड़ाई को गांव-गांव, टोले-टोले तक पहुंचायेगा. नेयाज अहमद सिद्धिकी (सीतामढ़ी) ने बताया कि पिछले दिनों सीतामढ़ी में जो भीषण दंगा हुआ था उसमें भाजपा नेता सुशील मोदी और वहां के तत्कालीन डीएम जो गुजरात के रहनेवाले हैं, का सीधा हाथ था.

इस मौके पर भाकपा(माले) राज्य सचिव का. कुणाल, अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा, भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य व सीवान जिला सचिव नैमुद्दीन अंसारी, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव व दरौली क्षेत्र के भाकपा(माले) विधायक का. सत्यदेव राम भी मौजूद थे. इस सम्मेलन का संचालन का. नइमुद्दीन अंसारी ने किया. इंसाफ मंच के राज्य सचिव का. सूरज कुमार सिंह ने इंसाफ मंच की पिछली गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया.

सम्मेलन के अंत में एक राज्य कार्यकारिणी का चुनाव किया गया. का. नैमुद्दीन अंसारी इंसाफ मंच के सम्मानित अध्यक्ष, सुरज कु. सिंह अध्यक्ष तथा क्यामुद्दीन अंसारी सचिव चुने गए.नेयाज अहमद (दरभंगा), आफताब ऑलम (मुजफ्रफरपुर), नेयाज अहमद सिद्दीकी (सीतामढ़ी), अनवर हुसैन (पालीगंज), सुहैल अहमद (अरवल), वसी अहमद (जहानाबाद), स्वर्णिमा सिंह (सीवान), इस्लामुद्दीन (पूर्णिया), नूर ऑलम (बेगूसराय), ऐडवोकेट जावेद अहमद (पटना), गोपाल रविदास, आफताब ऑलम (समस्तीपुर) आदि के नाम पदधारियों में शामिल हैं. असलम रहमानी व असगर खान इंसाफ मंच के राज्य प्रवक्ता बनाए गए. इनके अलावे राज्य कार्यकारिणी में मिर्जा जमशेद बेग (सिवान), मोहम्मद कलीम (दरभंगा), मोहम्मद इरतीजा हसनैन (दरभंगा), मो. मोमताज (पालीगंज) के नाम शामिल हैं.

सम्मेलन ने पिछले दिनों बेगूसराय, समस्तीपुर, छपरा, सीतामढ़ी, मधेपुरा और अररिया में हुए भीषण दंगों की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग करते हुए इसमें शामिल भाजपा व संघ परिवार के गुण्डों को अविलंब गिरफ्तार करने, उनको कड़ी सजा की गारंटी करने तथा दंगे से प्रभावित तमाम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की. सम्मेलन ने इन दंगों को रोकने में नाकाम रहे इन जिलांे के जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक पर भी कठोर कार्रवाई की मांग करता है’ .सम्मेलन ने नीतीश-मोदी राज में मॉबलिंचिंग की बढ़ती ही जा रही घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए अररिया  (काबुल मियां), सीतामढ़ी  (जैनुल अंसारी) तथा बिहारशरीफ में मॉबलिंचिंग की घटनाओं के दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की.

सम्मेलन ने पुलवामा  (कश्मीर) में हुए आतंकी हमले की घटना की तीखी निंदा करते हुए इसके बहाने देश को हिंसा - नफरत और युद्ध की राह पर धकेलने की मोदी सरकार व भाजपा की शर्मनाक कोशिशों की तीखी भर्त्सना करते हुए शहीद हुए तमाम सीआरपीएफ जवानों को शहीद का दर्जा देने तथा उनकी खत्म की गई पेंशन योजना को पुनर्बहाल करने की मांग की.

सम्मेलन ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की जांच के दायरे में आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग पर आगामी 8  मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आहूत महिला हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया और पाकिस्तान व भारत दोनों ही देशों में युद्ध का विरोध करते हुए अमन व भाईचारा का नारा बुलंद करने की मुहिम का पुरजोर स्वागत किया.