वर्ष - 28
अंक - 29
06-07-2019

महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है. पानी में डूबने, दीवाल व घरों के गिरने तथा करंट लगने से ये मौतें हुई हैं. एक 20-वर्षीया महिला कामगार की सूरत में तब मौत हो गई, जब उसने सड़क पर एक बिजली के खंभे को छू लिया और उसे करंट लग गया.

मानसून के मौसम से हर वर्ष होने वाली इस किस्म की मौतें महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में “विकास” के दावे को बेनकाब कर देती हैं. इससे भारत के शहरों में बुनियादी सुरक्षा की खस्ता हालत और साथ ही, सरकारों की लापरवाही व गैर-जिम्मेदारी की भी पोल खुल जाती है.

अगर बुनियादी नागरिक सुविधाएं ठीकठाक रहें तो इन मौतों को रोका जा सकता है. इनके लिए सिर्फ बारिश को जिम्मेदार नहीं बताया जा सकता है – राज्य व केंद्र सरकारों का उपेक्षापूर्ण गैर-जिम्मेदाराना रवैया इसका असली कारण है.