वर्ष - 28
अंक - 36
24-08-2019

मोदी-शाह और योगी राज में, भाजपा शासन में, बलात्कार पीड़ितों के लिए न्याय वैसे ही चकनाचूर पड़ा है, जैसे उन्नाव के बलात्कार पीड़िता की गाड़ी जिसे ट्रक ने मार दिया.

उन्नाव की लड़की, जिसने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था, आज गम्भीर रूप से घायल है. उल्टे रास्ते से आता हुआ ट्रक, जिसके नंबर प्लेट पर कालिख पोता हुआ था, उसकी गाड़ी से टकराया. इस ‘हादसे’ में पीड़िता के दो रिश्तेदार मारे गए, और वह खुद, और उसके वकील, घायल हैं.

यह घटना हादसा नहीं, हमला मालूम होता है.

याद हो कि इससे पहले पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में मार दिया गया था – और पिता की हत्या के गवाह की भी संदेहास्पद मौत हो गई. अब खुद पीड़िता और उसके वकील जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

व्यापम घोटाले, आसाराम बलात्कार कांड, और राम रहीम बलात्कार कांड, और गुजरात के हरेन पांड्या और सोहराबुद्दीन हत्याकांडों और कौसर बी बलात्कार-हत्या कांड में भी इसी तरह से सिलसिलेवार तरीके से गवाहों की, और यहां तक कि जज की या तो हत्या या संदेहास्पद मौतें हुईं. यही भाजपा माॅडल है. यही मोदी-शाह का गुजरात माॅडल था, जो आज उत्तर प्रदेश, और पूरे देश पर काबिज है.

भाजपा बलात्कारियों के लिए जुलूस निकालती है. ऐसा मालूम होता है कि उसके राज में उसके नेताओं के खिलाफ बलात्कार/हत्या का आरोप लगाना या गवाह होना, मौत को बुलावा देना है. बिहार में भी बच्चियों के साथ बलात्कार मामलों में पीड़ित गायब हो जा रहे हैं.

‘बेटी बचाओ’ नहीं, बेटी डराओ की मुहिम चला रही हैं भाजपा सरकारें. भाजपा शासन, महिलाओं और बच्चियों के लिए आपातकाल है. इस आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाओ!

– रति राव, राष्ट्रीय अध्यक्ष एपवा
मीना तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव, एपवा
कविता कृष्णन, राष्ट्रीय सचिव, एपवा