वर्ष - 29
अंक - 52
26-12-2020


‘‘किसान भाइयो, हमें देश के किसान आंदोलन को और मजबूत बनाना होगा और पंजाब-हरियाणा के संघर्षरत किसान भाइयों को ताकत देना होगा. बिहार के गांव-गांव से किसानों-मजदूरों, छात्र-नौजवानों, महिलाओं, बुद्धिजीवियों, छोटे दुकानदारों व समाज के विभिन्न वर्गों-तबकों को संगठित करना होगा. किसान हित, समाज हित व देशहित में मोदी सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना होगा. आइए, किसान आंदोलन को तेज करें. 29 दिसंबर के राजभवन किसान मार्च में लाखों की तादाद में पटना चलें. किसान बचाओ-देश बचाओ अभियान (15-29 दिसंबर), तीन कृषि कानून विरोधी किसान संघर्ष यात्रा, गांव-गांव में किसान-बटाइदार पंचायत को सफल बनाएं.’’ इस अपील के साथ बिहार में अखिल भारतीय किसान महासभा ने आगामी 29 दिसंबर 2020 को होनेवाले किसानों के बिहार राजभवन मार्च पुरजोर तैयारी शुरू कर दी है.

राजभवन मार्च में किसानों की व्यापक गोलबंदी के लिए घोषित ‘किसान बचाओ – देश बचाओ अभियान’ (15-29 दिसंबर 2020) के तहत किसान नेताओं की अगुआई में राज्य भर में किसान संघर्ष यात्राएं शुरू हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में गांव-गांव में किसान पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. संघर्ष यात्राओं के जरिए सभी प्रमुख चट्टी-बाजारों पर नुक्कड़ सभा कर किसानों व आम नागरिकों को किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों के बारे में बताना तथा उसके विरोध में छिड़े देशव्यापी आंदोलन के लिए समर्थन जुटाना साथ ही राजभवन मार्च में उनकी व्यापक गोलबंदी करना – यही प्रधान लक्ष्य है. इस दौरान किसानों की अन्य समस्याओं व स्थानीय सवालों की जानकारी भी हासिल हो रही है.

भोजपुर जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले 11 प्रखंड स्तरीय किसान कन्वेंशन आयोजित हुए जिन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेता का. स्वदेश भट्टाचार्य, जिला सचिव का. जवहरलाल सिंह, अगिआवं के विधायक व इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल तथा पूर्व विधायक व किसान नेता चंद्रदीप सिंह आदि ने संबोधित किया. यहां विगत 24 दिसंबर से ही किसान संघर्ष यात्रा शुरू है. किसान संघर्ष यात्रा के क्रम में विगत 24-25 दिसंबर को जगदीशपुर प्रखंड के अरैला, देवराढ़, केशरी कोकिला, आटापुर, आयर, हरिगांव, बभनियांव, हाटपोखर, दांवा, चकवा व जगदीशपुर नगर समेत दर्जनों गांवों में जन संवाद कार्यक्रम किया गया. यह 27 दिसंबर तक जारी रहेगा.

पटना ग्रामीण जिले में भी राजभवन मार्च की पुरजोर तैयारी चल रही है. पटना जिले में किसान पंचायतों के आयोजन पर भी खास जोर है और अबतक 250 से अधिक गावों में बैठक की जा चुकी है. नौबतपुर प्रखंड के 10, विक्रम के 17, दुल्हिनबाजार के 20, पालीगंज के 30, संपतचक के 12, मसौढ़ी के 41, मनेर के 10, धनरूआ व बिहटा के 20-20 और पुनपुन के 25 गांवों समेत जिले के कुल 250 गांवों में किसान पंचायतों का आयोजन किया जा चुका है. पटना सिटी के जल्ला क्षेत्र में भी किसान पंचायत लगी जिसमें किसान नेता शंभुनाथ मेहता व मनोहर लाल ने अगुआ भूमिका निभाई.

गया जिले के डोभी प्रखंड के कुरमावा, नदरपुर, नीमा, खराटी पंचायतों के कई गांवों में किसान पंचायत लगाइ्र गई. नालंदा जिले में भी राजभवन मार्च की तैयारी तेजी से चल रही है. 25 दिसंबर को हिलसा नगर परिषद के गजेंद्र बिगहा में भाकपा(माले) नेता शिवशंकर प्रसाद, अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद व अविनाश कुमार की अगुआई में किसान बैठका का आयोजन किया गया.

जहानाबाद के घोसी व अन्य प्रखंडों के कई गांवों में किसान महासभा के नेताओं ने पैदल प्रचार जत्था निकाला है. कई गांवों में किसानों की बैठक हुई है. इस बीच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने दिल्ली में किसानों के जारी घेराव कार्यक्रम के एक माह पूरा होने के अवसर पर 26 दिसंबर को ‘धिक्कार दिवस’ मनाने, 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ के वक्त ‘ताली-थाली पीटने’ का कार्यक्रम घोषित किया है. सबकी उम्मीद भरी निगाह बिहार में हो रहे किसानों के राजभवन मार्च पर है.