वर्ष - 33
अंक - 8
21-02-2024

योगी-मोदी राज में सत्ता, सामन्तों और पुलिस का नायाब गठजोड़ पूरे देश में देखने को मिल रहा है जहां दलितों, गरीबों और महिलाओं पर हमले बढ़े हैं वहीं उनकी आवाज उठाने वाले लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है चाहे उत्तर प्रदेश के देवरिया में रामकिशोर वर्मा को जेल भेजने का मामला हो या आजमगढ़ के लालगंज लोकल कमेटी सदस्य कामरेड राजेन्द्र राम को फर्जी मुकदमें में फंसाने की साजिश हो या बिहार में भाकपा-माले विधायक का. मनोज मंजिल को सजा सुनाने का मामला हो; भाजपा का राज फासीवादी राज में तब्दील हो चुका है. 

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के जिला प्रभारी कामरेड विनोद सिंह ने बताया कि आजमगढ़ के लालगंज इलाके में जहां गरीबों पर हमले और पुलिसिया दमन की कार्यवाही बढ़ी है वहीं इन घटनाओं पर लगातार आंदोलन की पार्टी बन चुकी भाकपा-माले नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है. चिरकिहिट गांव के भाकपा-माले नेता का. राजेन्द्र राम जो महिला सम्मान के सवाल पर संघर्षों के अगुआ रहे हैं, को गांव के दबंग ने देवगांव पुलिस से सांठगांठ से फर्जी मामले में फंसा कर जेल भेजवा दिया है. भाकपा-माले ने देवगांव कोतवाली पुलिस और सामंती गठजोड़ के इस कृत्य की जांच करने और इस गठजोड़ के खिलाफ दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज करने सहित कानूनी कार्रवाई करने और भाकपा-माले नेता कामरेड राजेन्द्र राम पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग की और भाकपा-माले नेताओं को फर्जी तरीके से फंसाने के इस खेल के खिलाफ आगामी 19 फरवरी 2024 को आहूत राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस को सफल बनाने की अपील की.