वर्ष - 29
अंक - 10
29-02-2020

रांची में वाम दलों का संयुक्त प्रदर्शन

दिल्ली में हुए सुनियोजित साम्प्रदायिक हमले के खिलाफ 25 फरवरी 2020 को रांची में वामदलों – भाकपा(माले), भाकपा व माकपा के कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद मार्च निकाला और ‘दिल्ली के दंगाई कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करो’ व ‘दंगाईयों को राजनीतिक संरक्षण देना बंद करो’ के जोरदार नारों के साथ अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया. वामपंथी दलों के नेताओं ने कहा कि दिल्ली दंगा सुनियोजित व प्रायोजित साम्प्रदायिक हिंसा है. इसके जरिए देश भर में लोकतांत्रिक तरीके से जारी शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को हिंसक हमलों की साजिश रची जा रही है. दिल्ली पुलिस दंगाईयों केे संरक्षक की भूमिका निभा रही है. ऐसे दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. प्रतिवाद कार्यक्रम में भाकपा(माले) नेता भुवनेश्वर केवट, जगरनाथ उरांव, बशीर अहमद, मोहन दत्ता व आयती तिर्की, भाकपा नेता महेंद्र पाठक, अजय सिंह व उमेश नजीर, माकपा नेता प्रकाश विप्लव, प्रफ्फुल लिंडा, सुखनाथ लोहरा, विना लिंडा तथा छात्र नेता सोहेल, नौरीन अख्तर, मुन्तजिर व गौतम मुंडा आदि मुख्य रूप से शामिल थे.

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हलद्वानी में धरना-प्रदर्शन

भाकपा(माले), क्रालोस, अम्बेडकर मिशन, भीम फोर्स, संविधन बचाओ मंच, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, जाटव युवा समिति, ऐपवा, पछास व किसान महासभा आदि संगठनों ने 25 फरवरी 2020 को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में धरना-प्रदर्शन करते हुए भाजपा-आरएसएस के गुंडों द्वारा दिल्ली पुलिस की खुलेआम सरपरस्ती में चल रहे हिंसक अभियान और आगजनी की कड़ी निंदा और इस जनसंहार, दंगे और आगजनी के सरगना भाजपा नेता कपिल मिश्रा को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की. साथ ही, दोषियों पर फौरन कार्यवाही करने और अविलंब शांति बहाल करने की मांग भी की गई.

नेताओं ने संविधान और नागरिकता पर हो रहे इन हमलों के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण प्रतिरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए कहा कि ये प्रदर्शन राज्य दमन और फासीवादी हिंसा के बावजूद बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं. दिल्ली में अपनी हार से बौखलाए मोदी-शाह अब ये कोशिश कर रहे हैं कि इन शांतिपूर्ण प्रतिरोध प्रदर्शनों के जवाब में दिल्ली की सड़कों पर खून बहाया जाए.

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भाकपा(माले) राज्य सचिव का. राजा बहुगुणा ने कहा कि भाजपा और संघ ने सोच-समझ कर दिल्ली में सांप्रदायिकता फैलाने का काम किया है. सीएए, एनआरसी व एनपीआर विरोधी आंदोलन की व्यापकता, अनुशासन, व अहिंसात्मक स्वरूप तथा उसको बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक शक्तियों से मिल रहे समर्थन के चलते संघ-भाजपा और उसकी सरकारें विचलित हो गई हैं. वे अब अपने कार्यकर्ताओं व पुलिस की संयुक्त ताकत से उन पर प्रहार कर रही हैं.

क्रालोस के अध्यक्ष पीपी आर्य ने कहा कि संघ-भाजपा जहां आंदोलन को सांप्रदायिक रूप देकर उसे बदनाम करना और अंततः नष्ट करना चाहते हैं, वहीं पुलिस-प्रशासन सत्ताधारियों को तुष्ट करने में अविवेकपूर्ण बल प्रयोग कर रहे हैं. निहित स्वार्थों के तहत दोनों ही भूल रहे हैं कि देश और समाज के लिये इसके दीर्घकालिक परिणाम अहितकर होंगे. अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जीआर टम्टा ने सभी दिल्ली वासियों से अपील कि वे किसी भी तरह के उकसावे में न आयें और आंदोलन को संपूर्णतः अहिंसक बनाये रखें.

धरना-प्रदर्शन में दिल्ली की हिंसा में मृत पुलिस जवानों और नागरिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की गई.

उदयपुर में मानव श्रृंखला

दिल्ली मे हो रहे दंगो के खिलाफ जिसमें तीन दर्जन से भी अधिक मासूम लोगों की जानें जा चुकी है, शांति और अमन चैन का संदेश देने के लिए 27 फरवरी 2020 को उदयपुर के न्यायप्रिय, लोकतंत्र पसंद, धर्मनिरपेक्ष व संविधान प्रेमी नागरिकों ने कोर्ट चौराहा स्थित डा. अम्बेदकर मूर्ति पर मानव श्रृंखला बनायी. इससे पहले दंगा रोकने, भड़काऊ भाषण देने के दोषी भाजपा नेताओं – कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा पर एफआइआर दर्ज करने और गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा की मांग के नारे लगाते हुए मार्च निकाला गया और मृतकों को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई.

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इस मौके पर बोलते हुए भाकपा(माले) नेता के शंकरलाल चौधरी ने कहा कि झारखंड और दिल्ली के चुनावों में हार से बौखलाई भाजपा नफरत व उन्माद फैलाने की नीयत से खुले आम दंगे कराने पर उतर आयी है. दिल्ली पुलिस ने दंगाईयों और भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के प्रति नरमी  बरती. पुलिस के इस रूख के खिलाफ सख्ती से पेश आ रहे दिल्ली हाई कोर्ट के जज मुरलीधर का जिस तरह से रातों रात तबादला किया गया उससे साफ है दंगाईयों को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है.

माकपा के राजेश सिंघवी ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से विफल मोदी सरकार अंग्रेजों के ‘बांटो और राज करो’ का खेल खेल रही है. दिल्ली मे सीएए-एनआरसी के विरोध में महीनों से चल रहे शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकने की नीयत से दंगे भड़काए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन नहीं किया और लोगों को दंगाई भीड़ की हिंसा का शिकार होने दिया. भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, परवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर पर अभी तक एफआईआर  दर्ज नहीं हुआ है.

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सरवत खान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज जरूरत है कि उदयपुर शहर के अमन पसंद, लोकतंत्र पसंद, न्याय पसंद और संविधान तथा साझी विरासत-साझी शहादत की संस्कृति में विश्वास रखने वाले लोग सद्भावना और धर्मनिरपेक्षता के संदेश को लेकर आम लोगो के बीच जाएं और उनको नफरत व उन्माद के खिलाफ खड़ा करें.

इस मौके पर अख्तर हुसैन, अधिवक्ता पीआर साल्वी, बीएल छानवाल, हरीश कुमार, पवन बेनीवाल, प्रोफेसर सुधा चौधरी, प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया, बादल, प्रोफेसर लालूराम पटेल आदि मौजूद थे.

बिहार में शांति व न्याय मार्च

दिल्ली जनसंहार व हिंसा के जिम्मेवार गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे, कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी और दिल्ली में तत्काल अमन व शांति बहाल करने की मांग पर भाकपा(माले) व इंसाफ मंच के दो दिवसीय राज्यव्यापी प्रतिवाद के तहत 28 फरवरी 2020 को पटना में जीपीओ गोलबंर से बुद्धा स्मृति पार्क तक शांति व न्याय मार्च निकाला गया और सभा आयोजित की गई. सभा में सबसे पहले दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.

मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले)के पोलित ब्यूरो के सदस्य का. धीरेन्द्र झा, विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, विधायक सुदामा प्रसाद, केंद्रीय कमिटी सदस्य का. सरोज चैबे व शशि यादव, इंसाफ मंच के नेता नसीम अंसारीने किया. कार्यक्रम का संचालन पार्टी की केंद्रीय कमिटी के सदस्य व नगर सचिव का. अभ्युदय ने किया.

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बुद्धा स्मृति पार्क पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए का. धीरेन्द्र झा ने कहा कि भाकपा(माले) दिल्ली में भाजपा-आरएसएस के गुंडों द्वारा दिल्ली पुलिस की खुलेआम सरपरस्ती में चल रहे हिंसक अभियान और आगजनी कई जानें जा चुकी हैं और दर्जनों लोग बुरी तरह घायल हुए हैं तथा लोगों की जान और आजीविका दोनों ही खतरे में हैं. बिहार के आरा के भी एक निर्दाेष लड़के की मौत की खबर मिल रही है जो वहां मिल में काम करता था. हम इस जनसंहार, दंगे और आगजनी को उकसाने के जिम्मेवार भाजपा नेता कपिल मिश्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं. हम मांग करते हैं कि दोषियों पर फौरन कार्यवाही की जाए और शांति की बहाली की जाए.

विधायक महबूब आलम ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि जिस जज ने दिल्ली में नफरत भरे बयान देने वाले भाजपा नेताओं पर मुकदमा दायर करने का आदेश दिया था, उनका आधी रात में तबादला कर दिया गया. जाहिर है कि भाजपा के लोग दिल्ली में 2002 का गुजरात माॅडल दुहराना चाहते हैं.

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राजधानी पटना के अलावा हिलसा, पटना ग्रामीण के पुनपुन, भभुआ, आरा, सिवान, बक्सर के डुमरांव आदि जगहों पर भी मार्च का आयोजन किया गया. भागलपुर में भाकपा(माले), इंसाफ मंच व एक्टू ने स्थानीय घंटाघर चौक पर शांति व न्याय मार्च निकाला. मार्च का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. एसके शर्मा, भाकपा(माले) के जिला सचिव विंदेश्वरी मंडल, नगर सचिव सुरेश प्रसाद शाह व इंसाफ मंच के नेता मुकेश मुक्त ने किया.

प. चंपारण जिले के बेतिया में 27 फरवरी 2020 को भाकपा(माले) और इंसाफ मंच की ओर से शाति व न्याय मार्च निकाला गया. मार्च को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य का. वीरेन्द्र गुप्ता और अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता का. सुनील राव ने कहा कि दिलली में तीन दिनों तक सत्ता के संरक्षण में दंगे होते रहे. नेताओं ने राज्य प्रायोजित व भाजपा नीत सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ लोगों से गोलबंद होने और अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की. जहानाबाद के काको मोड़ पर जुटे भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया.

बटाला में विरोध रैली

पंजाब प्रांत के बटाला में 25 फरवरी को भाकपा(माले) और एक्टू के संयुक्त बैनर से रैली निकालकर दिल्ली में हुई आगजनी व हिंसा का विरोध किया गया. शहर के फैजपुरा रोड में आयोजित इस रैली को भाकपा(माले) के राज्य सचिव  का. गुरमीत सिंह बखतपुरा, एक्टू नेता का. गुलजार सिंह मुंबली व मनजीत राज आदि ने संबोधित किया. नेताओं ने कहा कि दिलली में हुई आगजनी व हिंसा के लिए भाजपा सरकार जिम्मेवार है. जिसतरह पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर के सिंघपुरा क्षेत्र में भारतीय एजेंसियों ने सिक्खों की हत्या करवाई थी, उसी तर्जपर सीएए, एनआरसी व एनपीआर तथा मोदी के फासीवाद का विरोध कर रहे लोगों को हिंसक दिखाने के लिए भाजपा ने दिल्ली में हिंसा व आगजनी करवाई है.

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सुरेश कांटक की कवितायें

      एक

एक बार दो बंदर आये
दोनो मस्त कलंदर छाये
पता नहीं किस टापू के थे
जानी दुश्मन बापू के थे
जन गण को वे लगे लड़ाने
लालीपाॅप लगे दिखलाने
माला जपने लगे राम के
मगर नहीं थे किसी काम के
मगर पालतू थे कुबेर के
अगुआ थे  दुर्दिन अंधेर के
जहरीले फल वो लाये थे
अंधों ने वे फल खाये थे
लगे झूमने लगे नचाने
खंजर-वंजर लगे चलाने
चलने लगी लहू की धारा
आग लगी जन गण को मारा
फिर भी वे तो बने भक्त थे
गद्दी के खातिर आशक्त थे
दौड़-दौड़ कर नाच रहे थे
कुंडलियों को जांच रहे थे
गजब गजब के खेल दिखाते
भक्त जनों को अतिशय भाते
गांव-नगर सब हुए तबाह
चीख उठी थी आह कराह
कौन देश था भाई बूझो
मुक्ति चाहिए गर तो जूझो

       दो

स्वर्ण थाल में खाओ राजा,
नास्ता रजत की थाली में
देश हमारा तेरे पांव में,
भले जाय कंगाली में  
बदहाली फटेहाली है मंजूर
तुम्हारी खिदमत में
ले लो धरती जल जंगल
सब किया समर्पित डाली में
भूल गये करतूतें तेरी
लहू भरी बलबूते तेरी
दुनिया के आका तू
मुझको रख ले अपनी पाली में
रह मुझको रखवाली में
बस जा इस हरियाली में
आंखें मूंद जुगाली में