वर्ष - 29
अंक - 11
07-03-2020

दिल्ली में हुई ताजा साम्प्रदायिक हिंसा के जिम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा तथा शांति बहाली की मांग को लेकर भाकपा(माले) व आइसा के नेतृत्व में बीती 27 फरवरी को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना दिया गया. धरने के माध्यम से दंगे का नेतृत्व करने वाले कपिल मिश्रा और भड़काऊ बयान देने वाले परवेश वर्मा, अनुराग ठाकुर व गिरिराज सिंह समेत दंगा कराने में शामिल लोगों को अविलंब गिरफ्तारी व दंगे से पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई. धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि तीन दिनों तक गृह मंत्रालय की नाक के नीचे दिल्ली जलायी जाती रही, कत्लेआम होता रहा, मगर सरकार सोती रही. दर्जनों हिंदू-मुस्लिम लोग मारे गये, सैकड़ों लोग घायल हुए. दुकानों व घरों में बड़े पैमाने पर आगजनी व लूट की गयी. यह राज्य प्रायोजित हिंसा थी. इसलिए गृहमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाने वाले तथा दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करने को बाध्य करने वाले जस्टिस मुरलीधर का नाजुक वक्त में तबादला घोर निंदनीय है. धरना को लखनऊ के भाकपा(माले) प्रभारी का. रमेश सेंगर, एक्टू प्रदेश अध्यक्ष का. विजय विद्रोही, आइसा राज्य सचिव शिवा रजवार, इनौस प्रदेश सह सचिव राजीव गुप्ता, आइसा के आयुष, वरुण, शाइस्ता, शिवम्, शिवेंद्र, सपफीर आदि ने संबोधित किया.

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