वर्ष - 29
अंक - 17
18-04-2020

माकपा नेता का. जगदीश चंद्र बसु की हत्या

लाकडाउन के उपरांत पूरे बिहार में सामंती-अपराधियों का मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है. कहीं वे दलितों पर हमले कर रहे हैं, कहीं मुसलमानों पर और अब वे अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहे हैं. 11 अप्रैल को सामंती-अपराधियों ने खगड़िया में माकपा जिला कमिटी के सदस्य व मैघौना पंचायत के पूर्व मुखिया कामरेड जगदीश चंद्र बसु की हत्या कर दी.  उनकी हत्या उस वक्त की गई जब वे कोरोना महामारी से निपटने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाकर घर लौट रहे थे. रास्ते में घात लगाए अपराधियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी.

भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. कुणाल ने सभी अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी, मृतक के आश्रितों को 10 लाख का मुआवजा और ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने की मांग की. स्थानीय माले नेताओं पिंकु दास, अरूण मंडल, मिस्टर आलम, रौशन कुमार के अलावा दर्जनों माले नेताओं ने दिवंगत कॉमरेड को श्रद्धांजलि संदेश भेजा.

बेगूसराय विक्रम पोद्दार व संतोष शर्मा हत्याकांड

इस हत्या में जिले की बड़ी राजनीतिक हस्तियों की भी संलितप्तता बताई जा रही है और संदेह है कि इसे सामंती-अपराधियों के दबाव में नवाकोठी थाना द्वारा अंजाम दिया गया है. की गई पार्टी के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने बताया कि विगत 23 मार्च को वैश्य जाति से आने वाले विक्रम पोद्दार की हत्या वीरपुर थाना के हाजत में कर दी गई थी. मामला प्रेम प्रसंग का था, जिसमें लड़की उच्च जाति की थी. लड़की के पिता ने विक्रम पर अपहरण का मुकदमा दायर किया था और इसी आधार पर वीरपुर प्रभारी ने उसे तीन दिन पुलिस कस्टडी में रखा और फर थाने में ही उनकी फांसी लगाने की खबर आई. जाहिर सी बात है कि हाजत में उनकी हत्या की गई होगी.

संतोष कुमार शर्मा इस हत्याकांड का लगातार विरोध कर रहे थे. इससे बौखलाई सामंती ताकतों के इशारे पर 6 अप्रैल की शाम में नवाकोठी थाना प्रभारी उन्हें लाॅकडाउन तोड़ने के आरोप में थाना लेकर गई. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहलकदमी पर उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन फर उन्हें अन्यत्र ले जाकर बुरी तरह पिटाई की गई, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ गइ और 17 अप्रैल को मृत्यु हो गई.

भाकपा(माले) ने संतोष व विक्रम हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच करने, दोषी पुलिस अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई करने तथा मृतकों के परिजनों को मुआवजे की उचित राशि प्रदान करने की मांग की है.

विरोध को दबाने के लिए पुलिसिया कहर

18-19 अप्रैल को भाकपा(माले), ऐक्टू व खेग्रामस प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी को लेकर कोरोना की रोकथाम के सभी उपायों और देह की दूरी के नियमों का पालन करते हुए किए जानेवाली भूख हड़ताल से भी प्रशासन को परेशानी होने लगी. पटना जिले के कई स्थानों पर चले रहे भूख हड़तालियों को प्रशासन की ओर से धमकी दी गई.

पुनपुन के चकिया कृषि भवन में बेहरावां पंचायत के मुखिया जयप्रकाश पासवान, प्रखंड सचिव राकेश मांझी, बेहरावां सरपंच विजय मांझी के द्वारा भूख हड़ताल की गईसीओ व थाना प्रभारी वहां पहुंचे और कहा कि लाॅकडाउन में किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि पर रोक है, इसलिए इसे अविलंब खत्म करें. नेताओं ने अनशन तो खत्म कर दिया लेकिन प्रशासन को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि यह उनकी तानाशाही है. साथ ही, अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा और उसपर कार्रवाई की मांग की.

पुनपुन के ही लखना में मुखिया मदन पासवान एवं अन्य लोग भूख हड़ताल कर रहे थे. थाना प्रभारी वहां भी पहुंचे और भूख हड़ताल खत्म करने की बात कही. मसौढ़ी में खेग्रामस बिहार राज्य सचिव गोपाल रविदास, जिला कमिटी सदस्य नागेश्वर पासवान, नगर पार्षद शशि यादव द्वारा जारी भूख हड़ताल को एसडीओ द्वारा रोक दिया गया.

नौबतपुर कार्यालय में किसान महासभा के जिला सचिव कृपानारायण सिंह, प्रखंड सचिव देवेन्द्र वर्मा, किसान सभा प्रखंड के अध्यक्ष मधेश्वर शर्मा, किसान सभा जिला कमिटी के सदस्य उमेश सिंह, एक्टू के प्रखंड सचिव पप्पू शर्मा आदि भूख हड़ताल पर थे. पुलिस ने यहां भी भूख हड़ताल बंद करने नहीं एफआईआर करने की धमकी दी.

मसौढ़ी में दूकानदारों पर पुलिसिया कहर

पटना जिले के मसौढ़ी में विगत 14 अप्रैल को जब सरस्वती फार्मा के मालिक राहुल कुमार अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, अचानक खुद डीएसपी ने उनकी पिटाई आरंभ कर दी. जब यह खबर अन्य दवा व्यापारियों को मिली तो वे बेहद नाराज हुए और हड़ताल पर चले जाने का निश्चय किया. पुलिस प्रवीण फार्मा के यहां पहुंच गई और वहां काम करने वाले राजेश कुमार, पवन कुमार, गोपाल प्रसाद, संतोष कुमार, धीरज कुमार, रंजन कुमार को बहुत बर्बर तरीेके से पीटा और मालिक प्रवीण कुमार को पकड़कर थाने लेते गई. इससे आक्रोशित दवा दुनकानदारों ने शहर में जुलूस निकाल दिया और थाने का घेराव किया. एसडीओ के हस्तक्षेप के बाद जाकर मामला शांत हुआ.

उसी प्रकार पुलिस ने मसौढ़ी में सफाईकर्मियों पर भी बेवजह लाठी चला दी. उसने भुवनेश्वर सुपरवाइजर की पिटाई कर दी और अन्य मजदूरों सोमारू डोम, अयाज डोम, राकेश डोम आदि को भी जमकर पीटा गया. इसके खिलाफ 60-70 सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए.

मसौढ़ी में ही एक रोगी का इलाज कर लौट रह एक्युप्रेशर के डाॅक्टर पप्पू ठाकुर, रहमतगंज में किसी को कपड़ा देने गये एक दर्जी बरकत मियां और अपने घर के दरवाजे पर बैठे हुए नसीम मियां की भी पुलिस द्वारा बेवजह पिटाई की. इसी तरह सिगोड़ी में सब्जी खरीदने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया. नदवां में अंबेदकर जयंती मनाने के बाद भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने एक हजार लोगों के खाने की व्यवस्था की थी. लेकिन पुलिस आ धमकी और आते ही बिना समझे-बुझे लाठीचार्ज कर दिया. खाना बर्बाद कर दिया और लोगों को धमकाया कि सबको जेल में डाल देंगे. पालीगंज में राजनाथ यादव, 90 वर्ष, ग्राम - पीरही, दुल्हिन बाजार अपने पोता प्रभात कुमार यादव के साथ इलाज करवाने जा रहे थे, तो पुलिस ने बर्बरता से उन्हें पीट दिया.

कन्हौली में मुखिया का. राजेश गुप्ता पर हमला

पटना जिले के कन्हौली में भाकपा(माले) नेता व मुखिया राजेश गुप्ता पर हमला हुआ. है. 17 अप्रैल को करीब 8 बजे राजेश गुप्ता वर्तमान मुखिया के पास एक फोन आया और उन्हें किसी काम से बाहर आने को कहा. जब वे घर से निकलकर उस स्थान पर पहुंचे जहां उनको बुलावा गया था, तो वहां पहले से खड़े लोगों ने उनपर अचानक हमला कर दिया. हमले में राजेश जी व उनका लड़का बुरी तरह घायल हो गये. सभी हमलावर हिंदू भूमि पुत्र नामक संगठन के लोग हैं, जिसका संचालन भाजपा सांसद रामकृपाल यादव का लड़का अभिमन्यु यादव करता है. सदीसाोपुर समसारा के पिंकी सिंह, रिंकू राम, छोटन वर्मा, विनय कुमार, मनीष कुमार, अविनाश कुमार आदि हिंदू भूमि पुत्र संगठन से जुड़े लोगों ने उनपर हमला किया.

दरअसल, मुखिया राजेश गुप्ता अपने गांव में एक क्वारंटाइन सेंटर संचालित कर रहे हैं. यह सेंटर सरकार द्वारा ही बनाया गया है. उनको पता चला था कि सदीसोपुर में रेलवे लाइन पकड़कर सहरसा व अन्य जगहों के कुछ मजदूर गुजर रहे हैं. सारे के सारे मजदूर मुस्लिम समुदाय के थे. राजेश गुप्ता ने उन मजदूरों खाना खिलाने की सोचकर क्वारंटाइन में चलने को कहा. हिंदू भूमि पुत्र के लोगों ने इस सामंती-सांप्रदायिक घृणा के तहत राजेश गुप्ता पर हमला किया कि यही मुस्लिम लोग ही कोरोना फैलाने का काम करते हैं और आप उनको क्यों रोक रहे हैं? भाकपा(माले) ने सभी हमलावरों की अविलंब गिरफ्तार करने और इस तरह की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग की है.