वर्ष - 29
अंक - 24
30-04-2020

मोतिहारी में क्वारंटाइन सेन्टर पताही के देवापुर, कल्याणपुर के शीतलपुर और पकड़ीदयाल के सुन्दरपट्टी में प्रवासी मजदूरों व रसोइया की मृत्यु के खिलाफ 30 मई 2020 को ऐक्टू ने पूरे जिले में विरोध दिवस मनाया. इस दौरान मोतिहारी स्थित राज्य कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के कार्यालय में ऐक्टू जिला संयोजक विष्णुदेव प्रसाद यादव, महासंघ के मुख्य राज्य सलाहकार भाग्य नारायण चौधारी, जिला सचिव भूपेंद्र कुमार लाल, सम्मानित वरिष्ठ नेता भैरव दयाल सिंह, रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेता अच्युतानन्द पटेल, अधिवक्ता राघव साह, इंकलाबी नौजवान सभा के संयोजक अशोक कुशवाहा, रसोइया संघ के आनंद कुमार, मजिस्टर मांझी; मोतिहारी सदर के झिटकहिया में खेग्रामस के जिला सचिव जीतलाल सहनी, सरस्वती देवी व दोडा सहनी तथा छौड़ादानो के बेला में निर्माण मजदूर यूनियन के नेता राजकुमार शर्मा के नेतृत्व में धरना दिया गया.

धरने को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के प्रति शुरूआती तत्परता दिखाने के बाद बिहार सरकार केंद्र की मोदी सरकार की तरह बिल्कुल लापरवाह बन गयी है. मजदूरों की जिंदगी से सरकार को कोई मतलब नहीं रह गया है. कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए जो मेडिकल गाइडलाइन्स तय है, प्रशासन द्वारा उसका पालन नहीं किया जा रहा है. क्वारंटाइन सेंटरों में भारी कुव्यवस्था मौजूद है. साफ-सफाई से लेकर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने, आवासन की व्यवस्था और नियमित हेल्थ चेकअप के प्रति घोर उपेक्षा की जा रही है. यह उपेक्षा साधारण मामला नहीं है, यह मानवता विरोधी अपराध है. यहीं उपेक्षा कोरोना वारियर्स सरकारी कर्मचारियों की जिंदगी के प्रति भी बरती जा रही है और विद्यालय में कार्यरत रसोइयों व शिक्षकों से 8 घंटे के बदले 16-16 घंटे काम लिया जा रहा है. उन्हें कोरोना बचाव किट भी नहीं दिया जा रहा है.

उन नेताओं ने कहा कि पूरे जिले में असुरक्षा व भय का माहौल कायम है. क्वारंटाइन सेन्टर में पप्पू राम का शव पेड़ से लटका हुआ मिला. यह पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. उनकी हत्याकर शव लटका दिया गया था या उन्होंने आत्महत्या की? अगर आत्महत्या की तो किस परिस्थिति में और किस कारण की, यह बहुत गंभीर सवाल है जिसकी निश्चित रूप से जांच होनी चाहिए. उस क्षेत्र में हाल ही में अपराधियों ने गोली मारकर एक सीएसपी संचालक अमरेंद्र कुमार की हत्या कर दी थी और बंगारी के पास एक क्वारंटाइन सेन्टर पर मारपीट के बाद अपराधियों द्वारा फायरिंग भी की गयी थी. पूरे क्षेत्र में अपराधियों का बोलबाला कायम है.

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ऐसी परिस्थिति में नेताओं ने निम्नलिखित मांग की :

  1. पकड़ीदयाल के सुन्दरपट्टी में रसोइया सकली देवी, कल्याणपुर के शीतलपुर में पप्पू राम और पताही के देवापुर में प्रवासी मजदूरों की असामयिक मौत की न्यायायिक जांच कराई जाए
  2. मृतक रसोइया और प्रवासी मजदूरों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए
  3. क्वारंटाइन सेन्टर में मौत के लिए जिम्मेवार अफसरों पर हत्या का मुकदमा दर्जकर उन्हें कठोर सजा दिलाई जाए
  4. सीएसपी संचालक अमरेंद्र कुमार के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाय
  5. क्वारंटाइन सेन्टर पर कार्यरत सरकारी कमर्चारियों और आवासन कर रहे प्रवासी मजदूरों के नियमित हेल्थ चेकअप की व्यवस्था की गारंटी जाए
  6. प्रवासी मजदूरों के सुरक्षा व सम्मान की गारंटी की जाय
  7. नियमित सेनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाये
  8. सभी सरकारी कोरोना वारियर्स जैसे आशा, रसोइया, सेविका-सहायिका, जीविका कर्मियों, पुलिस व सफाई कर्मचारियों को भी सुरक्षा किट उपलब्धा कराई जाए और उन्हें 50 लाख रुपये का जीवन बीमा दिया जाए.

– विष्णुदेव प्रसाद यादव