वर्ष - 29
अंक - 34
21-08-2020

कामरेड सीडी डिमरी का 9 अगस्त को एस्काॅर्ट अस्पताल में निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत की वजह से उसी सुबह अस्पताल में भर्ती किया गया था. डनहें पिछले कुछ वर्षों से ष्वास संबंधी समस्या हो रही थी, जिस वजह से वे अधिकतर समय अपने घर में ही रहा करते थे.

कामरेड चक्रधर डिमरी लगभग चार दशकों से भाकपा(माले) से जुड़े हुए थे और वे अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के प्रति समर्पित रहे. भाकपा(माले) में शामिल होने के पहले वे भाकपा से जुड़े हुए थे. वे दिल्ली में माध्यमिक स्कूल शिक्षकों के प्रमुख नेता थे. शिक्षक आन्दोलन के दौरान 1968 में वे जेल गए थे और उन्हें अपनी सेवा से निलंबित कर दिया गया था. वे कई तरीकों से शिक्षकों के बीच सक्रिय बने रहे थे.

उनका घर ऐसी जगह था जहां कामरेडों की मुलाकातें और बातचीत होती रहती थी. सभी उम्र के कामरेडों के साथ उनकी खूब बनती थी. उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के दौरान उन्होंने दिल्ली में प्रवासी उत्तराख्ंडियों के बीच समर्थन हासिल करने के लिए एक मंच के निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा की थी. अपने घर में प्रगतिशील जनवादी माहौल बनाने में कामरेड डिमरी का बड़ा योगदान रहा था. वे अपने पीछे अपनी पत्नी और चार पुत्र छोड़ गए हैं. कामरेड राजीव डिमरी, जो ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव हैं, उनके सबसे बड़े बेटे हैं जिन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और वे पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए.

पुष्पांजलियों और नारों के बीच निगम बोध दाह-संस्कार स्थल पर कामरेड स्वदेश भट्टाचार्य ने उन्हें पार्टी का लाल झंडा प्रदान कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.